Friday, March 29, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्तितटस्थ पत्रकारात्व आज की आवश्यकता – श्री विजय रुपाणी (मा. मुख्यमंत्री, गुजरात)

तटस्थ पत्रकारात्व आज की आवश्यकता – श्री विजय रुपाणी (मा. मुख्यमंत्री, गुजरात)

विश्व संवाद केंद्र, गुजरात द्वारा श्री नारद जयंती के अवसर पर पत्रकार सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस वर्ष सम्मानित पत्रकारों में श्री जपनभाई पाठक (Cyber Journalism), सुश्री आरतीबहेन पटेल (Radio Journalism) श्री कौशिकभाई मेहता, संपादक फूलछाब (Print Media), श्री निर्णय कपूर, Sub-Editor, Invia TV, (Electronic Media) इसके अलावा श्री नगेन्द्र विजयजी (सफारी मैगज़ीन) तथा श्री झवेरीलाल मेहता (Photo Journalist, Gujarat Samachar) को Life Time Achievement पुरष्कार से सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री विजयभाई रुपाणीजी (मा. मुख्य मंत्री, गुजरात) ने अपने उद्बोधन में विश्व संवाद केंद्र तथा सम्मानित पत्रकारो को अभिनंदन दिये. उन्होंने कहाँ कि विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र हमारे देश में है तब मीडिया अपना कार्य निर्पेक्ष भाव से करे इसके लिए मीडिया के साथ संवाद जरुरी है और इस दृष्टी से नारद जयंती के माध्यम से मीडिया के मित्रो के साथ जो संवाद का , राष्ट्र चिंतन का अवसर मिला इसके लिए विश्व संवाद केंद्र को अभिनंदन. 1925 मे संघ की स्थापना हुई तब से आज तक संघ के विषय में अनेक बातें होती रहती है, परन्तु संघ विचलित हुए बिना अपना कार्य कर रहा है. अनेक क्षेत्रो में कार्य कर रहा है उसी मे से एक है विश्व संवाद केंद्र.

आज के समय के अनुसार वास्तव में नारदजी Information के व्यक्ति थे उन्होंने अपनी जानकारी के माध्यम से मानव जाति के कल्याण के लिए कार्य किया, उन्होंने कभी नकारात्मक विचारो का प्रचार नहीं किया इसीलिए हम उन्हें ऋषि कहते है. ऋषि का मतलब ही यह है कि जो राष्ट्र, समाज के लिए सकारात्मक विचार दे.

आज मीडिया का समाज जीवन पर गहरा प्रभाव देखेने को मिलता है. दुनिया के किसी भी कोने में घटित होने वाली घटना कुछ ही पल में हम तक पहुच जाति है. ऐसे समय में घटित होने वाली घटना के विषय में सही प्रस्तुति देना यह मीडिया के क्षेत्र में कार्य करने वाले बंधुओ का दायित्व है. आज राजनीती में, मीडिया में, न्याय के क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी लोग समाज के कल्याण के लिए कार्य कर रहे है. इसलिए समाज को ध्यान में रखकर ही अपनी प्रस्तुति होनी चाहिए.

कार्यक्रम में अतिथि विशेष के रूप में उपस्थित श्री जयंतीभाई भाड़ेसिया (मा. क्षेत्र संघचालक, पश्चिम क्षेत्र, रा.स्व.संघ) ने अपने उद्बोधन में कहाँ कि हमारे शस्त्रों के अनुसार प्रत्येक क्षेत्र में कोई न कोई आदि गुरु रहा है. जैसे के कृषि क्षेत्र में बलराम जी, शिक्षा के क्षेत्र में मा सरस्वती ऐसे ही पत्र्कारात्व के क्षेत्र में श्री नारद जी.

कार्यक्रम में मीडिया क्षेत्र के बंधुओ सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार