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43वीं जीएसटी परिषद बैठक की सिफारिशें

नि:शुल्क वितरण के लिए एम्फोटेरिसिन-बी सहित कोविड-19 संबंधित चिकित्सा सामग्री को 31.08.2021 तक आईजीएसटी से पूर्ण छूट दी गई

एम्फोटेरिसिन-बी को भी सीमा-शुल्क से छूट दी गई

बकाया रिटर्न के लिए विलम्ब शुल्क के संबंध में करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए आम माफी योजना; भविष्य की कर अवधि के लिए विलम्ब शुल्क को भी युक्तिसंगत बनाया गया

वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक रिटर्न का सरलीकरण

प्रविष्टि तिथि: 28 MAY 2021 9:29PM by PIB Delhi

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज 43वीं जीएसटी परिषद की बैठक का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। बैठक में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर के अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों एवं वित्त मंत्रालय और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियो ने भी भाग लिया।

जीएसटी परिषद ने वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर जीएसटी दरों में बदलाव और जीएसटी कानून एवं प्रक्रिया से संबंधित परिवर्तनों के संदर्भ में निम्नलिखित सिफारिशें की हैं:

कोविड-19 राहत उपाय के रूप में, कोविड-19 से संबंधित कई निर्दिष्ट वस्तुओं जैसे चिकित्सा ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स और अन्य ऑक्सीजन भंडारण एवं परिवहन उपकरण, कुछ नैदानिक मार्कर परीक्षण किट और कोविड-19 टीके आदि को आईजीएसटी से पूर्ण छूट की सिफारिश की गई है। भले ही ये सामाग्री सरकार को दान करने के लिए अथवा किसी राहत एजेंसी को राज्य प्राधिकरण की सिफारिश पर भुगतान के आधार पर आयात की गई हो। यह छूट 31.08.2021 तक वैध रहेगी। अब तक, आईजीएसटी छूट केवल तभी लागू होती थी जब इन वस्तुओं को निःशुल्क वितरण के लिए “निःशुल्क” आयात किया जाता था। इसकी अवधि को भी 31.8.2021 तक बढ़ाया जाएगा। यह उल्लेख किया जा सकता है कि इन सामाग्रियों को पहले से ही मूल सीमा शुल्क से छूट दी गई है। इसके अलावा ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईजीएसटी से उपरोक्त छूट को एम्फोटेरिसिन बी तक बढ़ा दिया गया है।

मंत्रियों के समूह (जीओएम) द्वारा 8 जून 2021 को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद कोविड-19 की व्यक्तिगत मदों के लिए और राहत दी जाएगी

अलग-अलग मदों के संबंध में, यह निर्णय लिया गया कि कोविड-19 से संबंधित व्यक्तिगत वस्तुओं को शीघ्र राहत देने की आवश्यकता पर विचार करने के लिए मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) का गठन किया जाए। जीओएम 08.06.2021 तक अपनी रिपोर्ट देगा।

डब्ल्यूएचओ के सहयोग से आयोजित किए जा रहे लिम्फैथिक फाइलेरिस (एक स्थानिक) उन्मूलन कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए, डायथाइलकार्बामाज़िन (डीईसी) टैबलेट पर जीएसटी दर को 5 प्रतिशत तक कम करने की सिफारिश की गई है (12 प्रतिशत से)।

जीएसटी दरों के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण संशोधनों की सिफारिश की गई है। इनमें प्रमुख हैः –

मरम्मत के बाद पुन: आयात किए गए माल के मरम्मत मूल्य पर आईजीएसटी की वसूली।
टैरिफ हेडिंग 8424 (नोजल/लेटरल) के तहत आने वाले स्प्रिंकलर/ड्रिप सिंचाई प्रणाली के कुछ हिस्सों पर लागू होने वाली 12 प्रतिशत की जीएसटी दर ही लागू होगी, भले ही इन मदों को अलग से बेचा गया हो।

सरकार द्वारा प्रायोजित किसी भी मध्याह्न भोजन योजना के तहत मध्याह्न भोजन सहित भोजन प्रदान करने के माध्यम द्वारा आंगनवाड़ी (जो विद्यालय से पूर्व शिक्षा भी प्रदान करता है) सहित एक शैक्षणिक संस्थान को प्रदान की जाने वाली उन सेवाओं के लिए यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसी आपूर्तियों को सरकारी अनुदान या कॉर्पोरेट दान से वित्त पोषण के बावजूद जीएसटी लगाने से छूट प्राप्त है।

प्रवेश परीक्षा सहित परीक्षा के माध्यम से प्रदान की जाने वाली इन सेवाओं को स्पष्ट करने के लिए, जहां राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई), या इसी तरह के केंद्रीय या राज्य शैक्षिक बोर्डों द्वारा ऐसी परीक्षाओं के लिए शुल्क लिया जाता है, तो इस संदर्भ में उससे संबंधित इनपुट सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है।

एक स्पष्ट प्रावधान के लिए प्रासंगिक अधिसूचना में उचित परिवर्तन करने हेतु यह स्पष्ट करने के लिए कि भूमि स्वामी प्रमोटर डेवलपर प्रमोटरों द्वारा उन पर लगाए गए जीएसटी के क्रेडिट का उपयोग ऐसे अपार्टमेंट के संबंध में कर सकते हैं जो बाद में भूमि प्रमोटर द्वारा बेचे जाते हैं और जिस पर जीएसटी का भुगतान किया जाता है। डेवलपर प्रमोटर को ऐसे अपार्टमेंट से संबंधित जीएसटी का भुगतान पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने से पहले या इसके जारी करने के समय की अनुमति होगी।

जहाजों/जहाजों की एमआरओ इकाइयों को विमानन क्षेत्र की एमआरओ इकाइयों को प्रदान की गई समान छूट का विस्तार करना ताकि विदेशी एमआरओ की तुलना में घरेलू शिपिंग एमआरओ को समान अवसर प्रदान किया जा सके और तदनुसार, –

पोतों/जहाजों के संबंध में एमआरओ सेवाओं पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा (18 प्रतिशत से)।
पोतों/जहाजों के संबंध में एमआरओ सेवाओं की बी2बी आपूर्ति का पीओएस सेवा प्राप्तकर्ता के स्थल पर होगा

यह स्पष्ट किया जाता है कि पीडीएस के तहत सरकार/स्थानीय प्राधिकरण आदि को आटे या चावल के वितरण के लिए (मिल मालिकों द्वारा खनिज आदि से युक्त) गेहूं/धान की आटे की पिसाई की सेवाओं की आपूर्ति जीएसटी से मुक्त है, यदि ऐसी मिश्रित आपूर्ति में माल का मूल्य 25 प्रतिशत से अधिक नहीं है। अन्यथा, टीडीएस के भुगतान के लिए पंजीकृत व्यक्ति सहित जीएसटी में पंजीकृत किसी भी व्यक्ति को आपूर्ति किए जाने पर ऐसी सेवाओं पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा।

यह स्पष्ट किया जाता है कि सड़क निर्माण के लिए आस्थगित भुगतान के रूप में प्राप्त वार्षिकी भुगतान पर जीएसटी देय है। छूट का लाभ ऐसी वार्षिकी के लिए है जिनका भुगतान सड़क या पुल तक पहुंच बनाने के माध्यम से सेवा के लिए किया जाता है।

एक रोप-वे के निर्माण के माध्यम से एक सरकारी संस्था को आपूर्ति की जाने वाली सेवाओं को स्पष्ट करने के लिए 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।
यह स्पष्ट किया जाता है कि सरकार द्वारा अपने उपक्रमों/सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण की गारंटी के रूप में प्रदान की जाने वाली सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है।

व्यापार सुविधा के लिए उपाय:

1. बकाया रिटर्न के लिए विलम्ब शुल्क के संबंध में करदाताओं को राहत देने के लिए आममाफी योजना:

करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए, जुलाई, 2017 से अप्रैल, 2021 तक की कर अवधि के लिए गैर-प्रस्तुत फॉर्म जीएसटीआर-3बी के लिए विलम्ब शुल्क को निम्नानुसार घटाया/ माफ किया गया है: –

विलम्ब शुल्क की अधिकतम सीमा रु. 500/- (रु. 250/- प्रत्येक सीजीएसटी और एसजीएसटी के लिए) प्रति रिटर्न उन करदाताओं के लिए, जिनकी उक्त कर अवधि के लिए कोई कर देयता नहीं थी;
अन्य करदाताओं के लिए प्रति रिटर्न विलम्ब शुल्क अधिकतम 1000/- (सीजीएसटी और एसजीएसटी के लिए 500/- रुपये) तक सीमित है;

विलम्ब शुल्क की घटी हुई दर तभी लागू होगी यदि इन कर अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी रिटर्न को 01.06.2021 से 31.08.2021 के बीच प्रस्तुत किया जाता है।

2. सीजीएसटी अधिनियम की धारा 47 के तहत लगाए गए विलम्ब शुल्क का युक्तिकरण:

छोटे करदाताओं पर विलम्ब शुल्क के बोझ को कम करने के लिए, विलम्ब शुल्क की ऊपरी सीमा को करदाताओं की कर देयता/टर्नओवर के साथ संरेखित करने के लिए युक्तिसंगत बनाया जा रहा है, जो निम्नानुसार है:

ए. फॉर्म जीएसटीआर-3बी और फॉर्म जीएसटीआर-1 को प्रस्तुत करने में देरी के लिए विलम्ब शुल्क, प्रति रिटर्न, नीचे दिया गया है:

जीएसटीआर-3बी में शून्य कर देयता वाले या जीएसटीआर-1 में शून्य बाहरी आपूर्ति वाले करदाताओं के लिए, 500 रुपये (250 रुपये सीजीएसटी + 250 एसजीएसटी) पर विलम्ब शुल्क लगाया जाएगा।
अन्य करदाताओं के लिए:

ए. पिछले वर्ष में 1.5 करोड़ रुपये तक वार्षिक कुल कारोबार (एएटीओ) करने वाले करदाताओं के लिए, विलम्ब शुल्क को अधिकतम 2000 रुपये (1000 सीजीएसटी+1000 एसजीएसटी) तक सीमित किया जाएगा;

बी. पूर्ववर्ती वर्ष में 1.5 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये के बीच एएटीओ रखने वाले करदाताओं के लिए, विलम्ब शुल्क को अधिकतम 5000 रुपये (2500 सीजीएसटी+2500 एसजीएसटी) तक सीमित किया जाएगा;

सी. पिछले वर्ष में 5 करोड़ रुपये से अधिक एएटीओ रखने वाले करदाताओं के लिए, विलम्ब शुल्क को अधिकतम 10000 रुपये (5000 सीजीएसटी+5000 एसजीएसटी) तक सीमित किया जाएगा।

बी. कंपोजीशन करदाताओं द्वारा फॉर्म जीएसटीआर-4 प्रस्तुत करने में देरी के लिए विलम्ब शुल्क 500 रुपये (250 रुपए सीजीएसटी+250 रुपए एसजीएसटी) प्रति रिटर्न, और अगर कर देनदारी रिटर्न में शून्य है तो प्रति रिटर्न दूसरों के लिए 2000 रुपये (1000 रुपए सीजीएसटी + 1000 रुपये एसजीएसटी)।

सी. फॉर्म जीएसटीआर-7 को देरी से प्रस्तुत करने के लिए देय विलम्ब शुल्क को घटाकर 50/- रूपए प्रति दिन (25 रूपए सीजीएसटी + 25 रूपए एसजीएसटी) किया जाएगा और अधिकतम 2000/- रूपए तक सीमित किया जाएगा। (1,000 रूपए सीजीएसटी + 1,000 रुपये एसजीएसटी) प्रति रिटर्न।

उपरोक्त सभी प्रस्ताव संभावित कर अवधि के लिए लागू किए जाने हैं।

3. करदाताओं के लिए कोविड-19 संबंधित राहत उपाय:

दिनांक 01.05.2021 को जारी अधिसूचनाओं के माध्यम से करदाताओं को पहले से प्रदान किए गए राहत उपायों के अलावा, करदाताओं को निम्नलिखित और छूट प्रदान की जा रही हैं:

ए. छोटे करदाताओं के लिए (कुल कारोबार 5 करोड़ रुपये तक)

मार्च और अप्रैल 2021 कर अवधि:

फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न प्रस्तुत करने या पीएमटी-06 चालान दाखिल करने की नियत तारीख से पहले 15 दिनों के लिए ब्याज की शून्य दर और उसके बाद बाद अगले 45 दिनों के लिए और क्रमशः मार्च, 2021 एवं अप्रैल, 2021 के 30 दिनों के लिए 9 प्रतिशत की दर।
फॉर्म जीएसटीआर-3बी प्रस्तुत करने की नियत तारीख से देरी से रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए क्रमशः 60 दिनों और 45 दिनों के लिए कर अवधि मार्च/क्यूई मार्च, 2021 और अप्रैल 2021 के लिए विलम्ब शुल्क से छूट।
क्यूई मार्च 2021 के लिए कंपोजीशन डीलरों द्वारा सीएमपी-08 में विवरण प्रस्तुत करने की नियत तारीख से पहले 15 दिनों के लिए शून्य ब्याज दर, और उसके बाद 45 दिनों के लिए 9 प्रतिशत की कमी की गई।

मई 2021 की कर अवधि के लिए:

फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न प्रस्तुत करने या पीएमटी-06 चालान दाखिल करने की नियत तारीख से पहले 15 दिनों के लिए ब्याज की शून्य दर, और उसके बाद अगले 15 दिनों के लिए दर को कम करके 9 प्रतिशत किया गया।
फॉर्म जीएसटीआर-3बी प्रस्तुत करने की नियत तारीख से 30 दिनों के भीतर मासिक रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं के लिए फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न प्रस्तुत करने में देरी पर विलम्ब शुल्क की छूट।

बी. बड़े करदाताओं के लिए (कुल कारोबार 5 करोड़ रुपये से अधिक)

मई, 2021 की कर अवधि के लिए फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख के बाद पहले 15 दिनों के लिए 9 प्रतिशत की दर से कम ब्याज।
कर अवधि मई, 2021 के लिए फॉर्म जीएसटीआर-3बी प्रस्तुत करने की नियत तारीख से 15 दिनों के लिए फॉर्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न प्रस्तुत करने में देरी पर विलम्ब शुल्क की छूट।

सी. कुछ अन्य कोविड-19 संबंधित छूट प्रदान की जानी हैं, जैसे कि

मई 2021 के महीने के लिए जीएसटीआर-1/आईएफएफ दाखिल करने की नियत तारीख में 15 दिनों की वृद्धि।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीएसटीआर-4 दाखिल करने की नियत तिथि बढ़ाकर 31.07.2021 कर दी गई है।
क्यूई मार्च 2021 के लिए आईटीसी-04 दाखिल करने की नियत तारीख 30.06.2021 तक बढ़ा दी गई है।

जून, 2021 की अवधि के लिए रिटर्न में अप्रैल, मई और जून, 2021 की कर अवधि के लिए आईटीसी का लाभ उठाने के लिए नियम 36(4) का संचयी आवेदन।

कंपनियों को 31.08.2021 तक डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) का उपयोग करने की बजाय इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के उपयोग से रिटर्न दाखिल करने की अनुमति।

डी. सीजीएसटी अधिनियम की धारा 168ए के तहत छूट: जीएसटी अधिनियम के तहत किसी भी प्राधिकरण या किसी व्यक्ति द्वारा विभिन्न कार्यों को पूरा करने की समय सीमा, जो 15 अप्रैल, 2021 से 29 जून, 2021 की अवधि के दौरान आती है, कुछ अपवादों को छोड़कर, इसे 30 जून, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

[जहां भी कार्रवाई की समय-सीमा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बढ़ाई गई है, वही लागू होगी]

4. वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक रिटर्न का सरलीकरण:

वित्त अधिनियम, 2021 के माध्यम से सीजीएसटी अधिनियम की धारा 35 और 44 में किए गए संशोधनों को अधिसूचित किया जाना है। यह फॉर्म जीएसटीआर-9सी में समाधान विवरण प्रस्तुत करने में अनुपालन आवश्यकता को कम करेगा, क्योंकि यह करदाता चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित होने के बजाय समाधान विवरण को स्व-प्रमाणित करने में सक्षम होंगे। यह बदलाव वित्त वर्ष 2020-21 के वार्षिक रिटर्न के लिए लागू होगा।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म सीजीएसटी-9/9ए में वार्षिक रिटर्न दाखिल करना 2 करोड़ रुपये तक के कुल वार्षिक कारोबार वाले करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगा;
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म सीजीएसटी-9सी में समाधान विवरण 5 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक कुल कारोबार वाले करदाताओं द्वारा दाखिल करना आवश्यक होगा।

5. 01.07.2017 से प्रभावी सीजीएसटी अधिनियम की धारा 50 में पूर्वव्यापी संशोधन, कुल नकद आधार पर ब्याज के भुगतान के लिए, जल्द से जल्द अधिसूचित किया जाएगा।

अन्य उपाय

जीएसटी परिषद ने अधिनियम के कुछ प्रावधानों में संशोधन की सिफारिश की है ताकि जीएसटीआर-1/3बी रिटर्न फाइलिंग की वर्तमान प्रणाली को जीएसटी में डिफ़ॉल्ट रिटर्न फाइलिंग सिस्टम बनाया जा सके।

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