Friday, March 29, 2024
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स्वच्छता से ही समाज की प्रगति संभव – डॉ. चन्द्रकुमार जैन

राजनांदगांव। दिग्विजय कॉलेज में प्राचार्य डॉ. बी. एन. मेश्राम की प्रेरणा और एनसीसी अधिकारी मेजर डॉ. किरणलता दामले, एनएसएस अधिकारी डॉ. नूतन देवांगन और एनसीसी अधिकारी प्रो. संजय देवांगन के मार्गदर्शन में स्वच्छता पखवाड़े का आगाज़ प्रखर वक्ता और हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. चन्द्रकुमार जैन के प्रेरक संबोधन से हुआ । बड़ी संख्या में उपस्थित एनसीसी के स्वयं सेवियों और महाविद्यालय के अन्य छात्र-छात्राओं को डॉ. जैन ने अत्यंत रोचक शैली में पर्सनल हाइजीन यानी व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वास्थ्य के अंतरसंबंध को समझाया । उन्होंने कहा कि शरीर की पांच इंद्रियों पर आपके मन का सही कमांड हो और उनकी हर तरह की सफाई पर आपका ध्यान रहे तो तय है कि पहला सुख निरोगी काया का सपना साकार हो सकता है । इतना ही नहीं व्यक्तिगत स्वच्छता से ही समाज की प्रगति संभव है। स्वच्छ रहना समाज की बड़ी सेवा है।

मुख्य वक्ता डॉ. जैन ने युवाओं को देश और प्रदेश स्तर पर चलाये जा रहे स्वच्छता, सुपोषण और स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रमों में योगदान कर समाज सेवा और देश भक्ति का परिचय देने का सुझाव भी दिया । उन्होंने संपूर्ण व्यक्तिगत स्वच्छता कार्यक्रम के घटक जैसे हाथ साफ रखना, व्यक्तिगत सफाई रखना साफ और उचित वर्दी पहनाना तथा अस्वच्छ आदतों और कार्यों से दूर रहना, स्वास्थ्य रक्षा करना और बीमारी का इलाज करवाना आदि का परिचय रोचक और अमल में लाने वाली शैली में दिया। डॉ. जैन ने कहा कि यदि व्यक्तिगत स्वच्छता पर पर्याप्त ध्यान दिया जाए तो दस्त, चमड़ी और आँखों के संक्रमण की सम्भावनाएँ काफी हद तक घट जाती हैं । व्यक्तिगत स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि घर के पास पर्याप्त मात्रा में साफ़ पानी उपलब्ध हो।

डॉ. जैन ने विद्यार्थियों को समझाया कि अच्छी व्याक्तिगत सफाई को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि समुदाय के सदस्यों को इस लक्ष्य के बारे में प्रेरित किया जाए और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उनमें जागरुकता उत्पन्न की जाए। डॉ. जैन ने शौच के लिए साफ पानी के प्रयोग से लेकर साबुन से हाथ धोना, सफाई को लेकर घर पर बच्चों का विशेष ध्यान रखना, कपड़ों को यथासंभव धूप में सुखाना, नाखून साफ़ रखना, सुबह शाम दांतों की सही ढंग से सफाई, अपने तौलिये का अलग प्रयोग जैसी आम बातों को इतने सुलझे हुए और सरल अंदाज़ में बताया कि कैडेट्स ने खुश होकर उन्हें बेहतर ढंग से अपनाने का संकल्प मौके पर ही करते हुए उनके वक्तव्य को सम्मान दिया।

मुख्य वक्ता का वक्तव्य समाप्त हो जाने पर विद्यार्थियों ने उनसे कुछ कविताएं सुनाने की मांग की । इस पर डॉ. जैन ने वयक्तित्व निर्माण की बेहद प्रेरक काव्य पंक्तियाँ सुनायीं । करतल ध्वनि, हर्ष ध्वनि और स्वच्छता के सकारात्मक सन्देश कालेज का से कांफ्रेंस हाल लगातार गूंजता रहा। मेजर डॉ. किरणलता दामले ने यादगार उदबोधन के लिए डॉ. चन्द्रकुमार जैन का आत्मीय आभार व्यक्त किया और कैडेट्स को उन्हें अमल में लाने का संकल्प करने के लिए शाबासी दी। डॉ. दामले ने बताया कि स्वच्छता के विविध आयामों पर कार्यक्रमों का सिलसिला पखवाड़े भर चलेगा। सामाजिक सरोकार के काम भी किये जाएंगे। विद्यार्थी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
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