Saturday, April 20, 2024
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पश्चिम रेलवे ने हासिल किया कामयाबी का एक और अहम पड़ाव

मुंबई। ‘हंगरी फॉर कार्गो’ की आदर्श संकल्पना के समुचित क्रियान्वयन के क्रम में पश्चिम रेलवे द्वारा शुरू किए गए विभिन्न अभिनव प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं और इसके फलस्वरूप पश्चिम रेलवे ने कामयाबी का एक और अहम पड़ाव हासिल किया है। पश्चिम रेलवे ने चालू वित्तीय वर्ष के केवल छह महीनों में माल ढुलाई राजस्व में 5000 करोड़ रुपये का माइलस्टोन पार कर लिया है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के दूरदर्शी नेतृत्व, सक्षम मार्गदर्शन और ऊर्जावान प्रेरणा के फलस्वरूप यह प्रमुख उपलब्धि सम्भव हुई है। नये उत्पादों और नये बाज़ार पर कब्जा करने के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा उठाए गए कारगर कदमों ने माल ढुलाई को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया है और पश्चिम रेलवे सफलता की नई बुलंदियों तक पहुँचने की राह पर निरंतर अग्रसर है। इन शानदार प्रयासों के ज़रिये पश्चिम रेलवे देश की अर्थव्यवस्था की बहुआयामी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्‍पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 1 अप्रैल, 2021 से 27 सितम्‍बर, 2021 तक की अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे ने पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 20% की वृद्धि दर्ज करते हुए तकरीबन 5040 करोड़ रु. का उल्लेखनीय मालभाड़ा राजस्व हासिल करने में सफलता पाई है। इस कामयाबी में औद्योगिक नमक, सीमेंट, कोयला, कंटेनर और ऑटोमोबाइल की प्रभावशाली लोडिंग का प्रमुख योगदान है। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इन जिंसों के राजस्व में असाधारण वृद्धि हुई है। इनके अलावा, जिप्सम, बेंटोनाइट, बॉक्साइट, सोडा ऐश जैसी गैर-पारंपरिक वस्तुओं की लोडिंग भी पिछले वर्ष की तुलना में राजस्व में सकारात्मक वृद्धि दिखा रही है। व्यापार विकास इकाइयों (बीडीयू) के आक्रामक विपणन प्रयासों के साथ, पश्चिम रेलवे नये ग्राहकों/ गंतव्यों/ वस्तुओं/ उत्पत्ति स्टेशनों के रूप में नये यातायात को आकर्षित करने में सक्षम हुई है, जिसके फलस्वरूप 332.86 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न हुआ है। राजस्व बढ़ाने की दृष्टि से चालू वित्तीय वर्ष के लिए रो-रो सेवाओं को चलाने, स्टेशन से स्टेशन तक के प्रस्तावों और माल ढुलाई में रियायत देने जैसी नीतियों में एक आदर्श बदलाव की योजना बनाई जा रही है।

श्री ठाकुर ने बताया कि 1 अप्रैल से 27 सितम्‍बर, 2021 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने अपनी 360 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 1.41 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न राजस्व लगभग 49.61 करोड़ रु. रहा है। पश्चिम रेलवे द्वारा 63 हजार टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ 90 दूध स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इसी तरह, 106 कोविड-19 स्पेशल पार्सल ट्रेनें 20,382 टन आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गई। इसके अलावा, लगभग 35,000 टन ले जाने वाले 75 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए।

किसानों को उनकी उपज के लिए नए बाजार खोजने में मदद करने के लिए और इसके किफायती और तेज परिवहन के लिए, विभिन्न मंडलों से इस अवधि के दौरान 22,500 टन से अधिक भार वाली 89 किसान रेलें भी चलाई गई हैं। श्री ठाकुर ने बताया कि 1 अप्रैल से 27 सितम्‍बर, 2021 तक की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा कुल 18,803 रेक मालगाड़ियां चलाई गई हैं और पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुई 33.99 मिलियन टन की तुलना में इस वर्ष 40.80 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई की गई है। 39,207 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलवे के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें से 19,644 ट्रेनों को हैंडओवर किया गया और 19,563 ट्रेनों को विभिन्न इंटरचेंज बिंदुओं पर टेकओवर किया गया।

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