Friday, March 29, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया से114 पाकिस्तानी हिंदू बने भारतीय

114 पाकिस्तानी हिंदू बने भारतीय

अहमदाबाद। नंदलाल मेघानी, डॉ. विशनदास मनकानी और किशनलाला अडानी की खुशियों की खुशियों की कोई सीमा नहीं है। ये तीनों उन 114 पाकिस्तानी लोगों में से एक हैं, जिन्हें हाल ही में भारत की नागरिकता मिली है। इन सभी लोगों को शुक्रवार को भारत की नागरिकता का प्रमाण पत्र मिलेगा। जानें, भारतीय नागरिक बनने पर कैसे इन लोगों ने साझा कीं खुशियां और क्यों छोड़ा पाकिस्तान…

पाकिस्तान में अपराध की दर बहुत अधिक
हमारे सहयोगी अखबार अहमदाबाद मिरर से बात करते हुए घाटलोडिया में रहने वाले 50 वर्षीय नंदलाल मेघानी ने कहा, ’16 साल पहले पाकिस्तान के सिंध से मैं अपनी पत्नी और बेटी के साथ भारत आ गया था। भारत में नई शुरुआत करने के लिए वहां हमने अपना घर और बिजनस बेच दिया। हम भारत में आम लोगों की जिंदगी से प्रभावित थे और यहां आकर नागरिकता के लिए आवेदन कर दिया। भारत में शरण लेने की प्रमुख वजह पाकिस्तान में अपराध की उच्च दर है। यही नहीं लगातार बढ़ते आतंकवाद के चलते पाकिस्तान के हमारे मुस्लिम दोस्तों ने भी हमें भारत में शिफ्ट होने के लिए प्रेरित किया।’ मेघानी पाकिस्तान में ऑटो पार्ट्स का बिजनस करते थे।

आतंकवाद से वहां नरक में तब्दील हो गई थी जिंदगी

पाक से आए 59 वर्षीय किशनलाल अडानी ने कहा, ‘मैं 2005 में पत्नी और 4 बेटों के साथ भारत आया था। मेरे बेटे कल आ रहे हैं और हम बहुओं समेत भारतीय नागरिकता के लिए अप्लाइ करने की योजना बना रहे हैं।’ अडानी पाकिस्तान के सिंध सूबे के थारपकड़ कस्बे में जनरल स्टोर चलाते थे। भारत में अपने बेटों के साथ उन्होंने बर्तन की दुकान शुरू की है। भावुक अडानी ने बताया, ‘मैं अब भी अपने उस घर और दोस्तों को याद करता हूं, जिन्हें छोड़कर हम यहां आ गए हैं। हालांकि आतंकवाद के चलते हमारे लिए बचे रहना मुश्किल हो गया था। जब हम बाहर निकलते थे तो सोचते थे कि वापस घर आ भी पाएंगे या नहीं।’


‘भारत सुरक्षित और ज्यादा विकसित’

पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देने के मामले में जिलाधिकारियों को अधिकार दिए जाने की तारीफ करते हुए विशनदास मनकानी ने बताया कि 2001 में वह अपने 4 बच्चों के साथ भारत आए थे। मनकानी ने कहा, ‘मुझे और मेरी पत्नी को 2016 में भारतीय नागरिकता मिली थी। हम भारत में हुए विकास से प्रभावित हैं, जो पाकिस्तान में नहीं दिखता। इसके अलावा भारत में सुरक्षित माहौल भी हमें यहां खींच लाया।’

साभार- अहमदाबाद मिरर से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार