-
क्या अंतर है रामायण और रामचरित मानस में
सीता की पवित्रता की प्रतिष्ठा के लिए वे जन्म-जन्मांतर का सुकृत, पुण्य दाँव पर रखने के लिए तैयार हैं। सीता निष्पाप हैं। तपोवन की कन्या को कोई दोष छू नहीं सकता, लग नहीं सकता।
सीता की पवित्रता की प्रतिष्ठा के लिए वे जन्म-जन्मांतर का सुकृत, पुण्य दाँव पर रखने के लिए तैयार हैं। सीता निष्पाप हैं। तपोवन की कन्या को कोई दोष छू नहीं सकता, लग नहीं सकता।