आप यहाँ है :

स्वामी धर्मानन्द
 

  • क्या सांख्यकार कपिल मुनि अनीश्वरवादी थे?

    यही बात अन्य भी अनेक लेखकों ने लिखी है किन्तु वस्तुतः यह अशुद्ध है। सांख्य दर्शन में ईश्वर के सृष्टि के उपादान कारणत्व का निम्न सूत्रों द्वारा खण्डन किया गया है उसका यह अर्थ समझ लेना कि यह ईश्वरवाद मात्र का खण्डन है, अशुद्ध है।

Get in Touch

Back to Top