Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेकोरोना इस महिला का पाँच माह में कुछ नहीं बिगाड़ पाया

कोरोना इस महिला का पाँच माह में कुछ नहीं बिगाड़ पाया

दुनिया में कोरोना ने ऐसी तबाही मचा रखी है कि लोग इससे एक साल में त्रस्त हो गए। करोड़ों लोग इससे संक्रमित हुए तो लाखों की मौत हो गई। भारत के लिए एक अच्छी खबर ये रही कि यहां रिकवरी रेट बाकि जगहों के मुकाबले बेहतर है। साथ ही अब देश में कोरोना वैक्सीन भी लगाई जाने लगी है। इस बीच राजस्थान के भरतपुर से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां रहने वाली एक महिला बीते 5 महीने से कोरोना पॉजिटिव है। उसे अगस्त 2020 में ही कोरोना हुआ था। इसके बाद वो हॉस्पिटल में एडमिट हुई। लेकिन अभी तक उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव ही आ रही है। साथ ही इतने लंबे समय से वो एक आश्रम में कवारेन्टाइन है

लेकिन अभी तक उसकी रिपोर्ट्स पॉजिटिव है। ये महिला नॉर्मल लगती है लेकिन उसकी रिपोर्ट पिछले 31 बार से पॉजिटिव आ रही है। इस मामले ने इलाके में सनसनी मचा दी है। कई लोग तो यहां तक कहने लगे है कि महिला से शायद कोरोना को प्यार ही हो गया है। इस वजह से वो इसका पीछा नहीं छोड़ रहा।

कोरोना वायरस आमतौर पर अपने शिकार को 14 दिन में छोड़ देता है। इतने दिन क्वारेंटाइन रहते हुए दवा के साथ ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। लेकिन राजस्थान के भरतपुर का ये मामला विरला ही है।

भरतपुर में अपना घर नाम के एक आश्रम में रहने वाली 30 साल की शारदा देवी को पांच महीने से कोरोना है। उसने अभी तक 31 टेस्ट करवाए हैं और सभी पॉजिटिव निकले। इस वजह से वो पिछले 5 महीने से एक कमरे में अकेले बंद है।

शारदा देवी की बीमारी ने सबको हैरान कर दिया है। शारदा भले ही 5 महीने से कोरोना पॉजिटिव है, लेकिन उसे बिलकुल भी कमजोरी महसूस नहीं होती। साथ ही इस दौरान उसका वजन भी आठ किलो तक बढ़ गया है। आमतौर पर कोरोना होने पर मरीज का वजन तेजी से घटने लगता है। लेकिन शारदा देवी के साथ स्थिति उलटी है। इसके बाद भी उसे सबसे अलग ही रखा जा रहा है।

इस अनोखे केस की चर्चा पूरे राजस्थान में हो रही है। लोग हैरान हैं कि आखिर इस महिला का संक्रमण ठीक क्यों नहीं हो रहा? वहीं इस मामले को लेकर जयपुर के सवाई मानसिंघ हॉस्पिटल के माइक्रोबायोलॉजी के एक्सपर्ट डॉ प्रदीप ने बताया कि महिला की इम्युनिटी वीक है। इस वजह से ये संक्रमण उसका पीछा नहीं छोड़ रहा।

डॉ प्रदीप ने इसकी दूसरी वजह बताई कि हो सकता है मरा हुआ वायरस उसकी नाक की झिल्ली में फंस गया है। इस वजह से उसकी हर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। अब उसे एक बार हॉस्पिटल में एग्जामिन किया जाएगा।

इस मामले की वजह से शारदा पिछले 5 महीने से कैद की जिंदगी बिता रही है। उसे किसी के संपर्क में आने नहीं दिया जाता। जबतक उसका संक्रमण खत्म नहीं होगा उसे यही रहना पड़ेगा। खासकर शारदा के लिए ही आश्रम में दो कमरों को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था।

जिस आश्रम में शारदा रह रही है, वहां अभी 4 कोरोना मरीज और हैं। लेकिन सभी आते हैं और ठीक होकर चले जाते हैं। शारदा बेचारी 28 अगस्त से इस वार्ड में ही पड़ी है। उसने भी थक हारकर अब कोरोना से उसे छोड़ देने की बात कही।

साभार Asianetnews से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार