Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेन्‍यूज मीडिया में विदेशी निवेश द्विपक्षीय होना चाहिएःडॉ. चंद्रा

न्‍यूज मीडिया में विदेशी निवेश द्विपक्षीय होना चाहिएःडॉ. चंद्रा

जी मीडिया और एस्‍सेल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुभाष चंद्रा का कहना है कि वह न्‍यूज मीडिया में विदेशी स्‍वामित्‍व के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह नियम द्विपक्षीय होना चाहिए। आईएए कनवरज़ेशन समारोह में डॉ. चंद्रा ने कहा, ‘मैं न्‍यूज मीडिया में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश के खिलाफ नहीं हूं, यहां तक कि यह 100 प्रतिशत भी हो तो कोई दिक्‍कत नहीं है लेकिन यदि अमेरिका हमारे यहां न्‍यूज का 100 प्रतिशत स्‍वामित्‍व चाहते हैं तो उन्‍हें भी अपने देश में हमें 100 प्रतिशत न्‍यूज ओनरशिप देनी चाहिए। यदि इस तरह की डील दोतरफा होगी तो मुझे इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती है।’

समारोह में ‘न्यूज तटस्थता’ पर पत्रकार, विश्लेषक व लेखक शंकर अय्यर के साथ एक बातचीत के दौरान डॉ. चंद्रा ने कहा कि आज यह सवाल न्‍यूज चैनल ब्रॉडकास्‍टर्स के स्‍वामित्‍व का है। उन्‍होंने कहा, ‘इस समय करीब 300 चैनल चल रहे हैं। मैं शर्त लगा सकता हूं कि इनमें से 70 प्रतिशत का स्‍वामित्‍व ऐसे लोगों के हाथों में है जो इस तरह की प्रॉपर्टी के लायक नहीं हैं। हमारे कानून में स्‍पष्‍ट लिखा है कि किसी भी राजनीतिक दल के पास न्‍यूज चैनल का स्‍वामित्‍व नहीं होना चाहिए। चैनल के मालिकाना हक को लेकर चीजें काफी अपारदर्शी हैं।’

डॉ. चंद्रा ने कहा कि न्‍यूज मीडिया के क्षेत्र में कानून का पालन कराने के लिए सरकार को कुछ कठोर कदम उठाने होंगे। सरकार को टेलिविजन न्‍यूज ब्रॉडकास्‍टर्स को सिक्‍योरिटी क्‍लीयरेंस (security clearance) देने के बजाय उनके वित्‍तीय निवेश पर गहराई से नजर रखनी होगी।

यह पूछे जाने पर कि क्‍या राजनीतिक दल मीडिया के साथ कोई गेम कर रहे हैं अथवा उसे अपने तरीके से इस्‍तेमाल कर रहे हैं, डॉ. चंद्रा ने इसका जवाब हां में देते हुए कहा, ‘हां निश्चित रूप से वे ऐसा कर रहे हैं। वे जानते हैं कि मीडिया का इस्‍तेमाल कैसे किया जाए। जब उन्‍हें कोई बड़ा मुद्दा नहीं मिलता है तो वे कुछ ऐसी बातें उछाल देते हैं जिससे बड़ा इश्‍यू बन जाए। उन्‍हें पाता है कि टीआरपी के लिए समूचा मीडिया उस चीज के पीछे दौड़ पड़ेगा और वह न्‍यूज ऑन एयर हो जाएगी। वे इस गेम में अब माहिर हो चुके हैं।’

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार