Thursday, March 28, 2024
spot_img
Homeपाठक मंचवैश्विक राजनीति और इस्लाम

वैश्विक राजनीति और इस्लाम

महोदय

वैश्विक जिहाद की बढ़ती समस्या की सारगर्भिता को ध्यान में रखकर समझा जाये तो डोनाल्ड ट्रंप जो कि भविष्य में अमरीका के राष्ट्रपति बन सकते है का एक ही वाक्य उन्हें इस दौड़ में आगे ले आया। यह कोई अतिश्योक्ति नहीं जब अधिकॉंश दुनिया इस्लाम के अत्याचारों से त्राहि -त्राहि कर रही हो और कोई भी शक्तिसम्पन्न राष्ट्र व उसके प्रायः सभी नेता भीष्मपितामह की तरह मानवता के चीर हरण पर मौन धारण किये हुए हो तो ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने साहसिक पहल करते हुए कहा था कि “हम मुसलमानों को अमरीका नहीं आने देंगे” ….आगे यह भी कहा कि क्योंकि “वे हम से घृणा करते है” जोकि एक सर्वव्यापी सत्य है । इसमें भी कोई विरोधाभास नहीं है क़ि इस्लामिक मान्यताओ में सम्पूर्ण जगत को मुस्लिम और गैरमुस्लिमों में विभाजित करके अविश्चासियों के प्रति घृणा उनके सामान्य आचरण का भाग है।

भविष्य में इस्लामिक शक्तियों से मानवता की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ट्रंप जैसे बेबाक व स्पष्टवादी गैर परम्परागत नेताओँ का सक्रिय होना वैश्विक राजनीति व शांति के लिए एक ऐतिहासिक परिवर्तन होगा। क्योंकि जहां-जहां लोकतंत्र है वहां -वहां इस्लामिक शक्तियां अपनी साम्राज्यवादी महत्वकांक्षाओं के वशीभूत बढ़ती जनसँख्या के बल पर एकजुट मताधिकारों से चुनावों में राजनीतिक दलो पर अनुचित दबाव डाल कर ब्लैकमेलिंग भी करती है ।भारत सहित यूरोप आदि के अनेक देशों में लोकतंत्र होने के कारण मुस्लिम उन्मुखी राजनीति इस्लामिक आतंकवाद को नियंत्रित करने में असफल ही नहीं हो रही बल्कि कुछ क्षेत्रों में तो ये आतंकी और अधिक शक्तिशाली भी हुए है।
ऐसे वातावरण में डोनाल्ड ट्रंप का मानवता की रक्षार्थ स्वार्थ की राजनीति छोड़ कर मुस्लिमो के विरुद्ध राष्ट्रवादी राजनीति को प्राथमिकता देना सराहनीय कार्य है।

लेकिन हमको यह नहीं भूलना चाहिए कि संभवतः 2012 में एक मंच पर मोदी जी ने एक साहसिक पहल करते हुए मस्लिम टोपी को नहीं पहना था जिसके राष्ट्रवादी प्रभाव ने भी मोदी जी को मुस्लिम पोषक राजनीतिक वातावरण में 2014 की अद्भुत विजय में सहभागिता निभाई थी। परंतु आज के मोदी जी में बहुत कुछ बदलाव आ चुका है। जिससे पता चलता है कि सत्ता का सिंहासन अपना रंग अवश्य बिखेरता है।
अतः भविष्य में डोनाल्ड ट्रंप अगर अमेरिका के राष्ट्रपति बनें तो वे अपनी बेबाक विचारधारा से कितना न्याय कर पायेंगे उस पल की सभी को उत्सुकता रहेगी ?

सधन्यवाद
भवदीय
विनोद कुमार सर्वोदय
गाज़ियाबाद

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार