Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेबचत करने वालों पर महंगा पड़ेगा जीएसटी

बचत करने वालों पर महंगा पड़ेगा जीएसटी

1 जुलाई से पूरे देश में एक टैक्स सिस्टम जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू हो गया है। जीएसटी परिषद ने सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार टैक्स स्लैब (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) में विभाजित किया है। जीएसटी परिषद ने 12011 वस्तुओं को इन चार वर्गों में रखा है। आम जनता के लिए उपयोगी करीब 80 वस्तुओं पर शून्य टैक्स (कर मुक्त ) लगेगा। सिगरेट, शराब और पेट्रोलियम उत्पादों (पेट्रोल, डीजल इत्यादि) को अभी जीएसटी से बाहर रखा गया है। लेकिन जीएसटी लागू करने के अलावा सरकार के एक कदम ने आम जनता को दोहरा तमाचा मारा है। दरअसल जीएसटी के बाद बैंकिंग सर्विसेज महंगी हो गई हैं, क्योंकि अभी इन पर 15 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था, जबकि जीएसटी में 18 प्रतिशत टैक्स तय किया गया है। यानी, 1 जुलाई से डिमांड ड्राफ्ट, फंड ट्रांसफर जैसी सेवाएं महंगी हो गई हैं। इसी तरह, टर्म पॉलिसीज, एंडोमेंट पॉलिसीज और यूलिप्स आदि के इंश्योरेंस प्रीमियम भी महंगे हो गए हैं। इसके अलावा टेलिफोन बिल पर मौजूदा 15 प्रतिशत की बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसलिए फोन का बिल भी ज्यादा आएगा।

वहीं दूसरी ओर सरकार ने छोटे निवेशकों को झटका दिया देते हुए स्मॉल सेविंग स्कीम के तहत आने वाले पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) अकाउंट, किसान विकास पत्र (केवीपी) और राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) पर मिलने वाले ब्याज में कटौती की है। 30 जून को सरकार ने इन छोटे निवेशों पर 10 बेसिस प्वाइंट ब्याज दर में कटौती की है। अब पीपीएफ और एनएससी पर 7.8 फीसदी ब्याज मिलेगा, जबकि केवीपी पर 7.5 फीसदी ब्याज मिलेंगे। इनके अलावा वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजनाओं और सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरें भी फिर से निर्धारित की गई हैं। ये व्यवस्था भी एक जुलाई से ही लागू हो गई है। इसका सीधा-सीधा मतलब यह हुआ कि आपको सर्विसेज के लिए ज्यादा पैसा देना होगा और जो पैसा आप बचत के लिए निवेश कर रहे हैं, उस पर आपको कम ब्याज दर से पैसा मिलेगा।
साभार- जनसत्ता से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार