Friday, March 29, 2024
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Homeमीडिया की दुनिया सेरोहिंग्या मुस्लिम कैसे देश के गाँव गाँव में पहुँच जाते हैं

रोहिंग्या मुस्लिम कैसे देश के गाँव गाँव में पहुँच जाते हैं

जब एक बांग्लादेशी मुस्लिम भारत पहुँचता है और अंबाला जिले में कहीं भटक जाता है, तो उसके पास न पैसे होते हैं और ना ही वो किसी को जनता है।

वो किसी प्रकार सबसे नज़दीकी मस्जिद में पहुँचता है और वहाँ उसे 100% शरण मिल जाती है, मुसलमान होने के कारण।

हर जिले में एक शाही मस्जिद होती है जिससे शहर की हर मस्जिद जुड़ी रहती है।

तत्पश्चात वो बांग्लादेशी अंबाला जिले की शाही मस्जिद में भेज दिया जाता है, जहाँ उसे चोरी छुपे शरण मिल जाती है।

हर जिले की शाही मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद से जुड़ी रहती है।

दिल्ली की जामा मस्जिद के पास उत्तर भारत के इस्लामीकरण की ज़िम्मेदारी है।

उसके पास उत्तर भारत के हर लोक सभा क्षेत्र का और उसमें रहने वाली मुस्लिम आबादी का रिकार्ड होता है- 100% खरा रिकॉर्ड।

अब वो बांग्लादेशी दिल्ली पहुँच कर जामा मस्जिद में शरण लेता है। जामा मस्जिद यह चैक करती है कि उत्तर भारत के किस लोक सभा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी कम है। मान लीजिए उत्तर प्रदेश के झाँसी में मुस्लिम आबादी कम है।

अब असली खेल शुरु..!!

जामा मस्जिद उस बांग्लादेशी को झाँसी जिले की शाही मस्जिद में भेज देती है। झाँसी की शाही मस्जिद के इमाम वक़्फ बोर्ड की सहायता से उस बांग्लादेशी के रहने का प्रबंध करते हैं और उसके रोजगार का भी प्रबंध करते हैं।

वो बांग्लादेशी लोकल मुस्लिम और भ्रष्ट हिन्दू नेताओं और अफसरों की सहायता से भारतीय पासपोर्ट बनवा लेता है।

समाजवादी पार्टी जैसी भ्रष्ट सरकारें वक़्फ बोर्ड को वोट के बदले ज़मीन दे देती है, नगरपालिका के भ्रष्ट अफ़सर रिश्वत लेकर बर्थ सर्टिफिकट बना देते हैं।

पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग के अफसर रिश्वत लेकर पासपोर्ट की फाइल बिना किसी वेरिफिकेशन के आगे बढ़ा देते हैं, और दूसरे जरूरी कागजात भी तैय्यार करवा लेता हैं, जैसे कि आधार कार्ड।

अर्थात जो बांग्लादेशी कुछ दिन पहले अंबाला शहर में बिना किसी पैसे और जान पहचान के भटक रहा था, वो झाँसी जिले में रहने वाला एक भारतीय नागरिक बन चुका है।

ये तो एक बांग्लादेशी की कहानी है… देश में रोज बड़ी संख्या में बाग्लादेशी और पाकिस्तानी कबायली बंजारा आते हैं और वक़्फ बोर्ड की सहायता से भारतीय नागरिक बन जाते है।

भारत के अनेक जिलों का, खास कर उत्तर प्रदेश, केरल और पश्चिम बंगाल का धार्मिक समीकरण बिल्कुल बदल चुका है। 2021-22 की जनगणना में इन जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक हो सकते हैं।

वर्तमान भारतीय सरकार को देश हित के कार्यों में विपक्ष का असहयोग क्यों किया जा रहा है उसकी असली वजह समझने के लिए खुद पढ़े और समझे और अपने हिन्दू बंधुओ को समझाए….

नया आधार लिंक कराने से महाराष्ट्र में 10 लाख गरीब गायब हो गए!

उत्तरखण्ड में भी कई लाख फ़र्ज़ी बीपीएल कार्ड धारी गरीब ख़त्म हो गए !

तीन करोड़ (30000000 ) से जायदा फ़र्ज़ी एलपीजी कनेक्शन धारक ख़त्म हो गए !

मदरसों से वज़ीफ़ा पाने वाले 1,95,000 फर्ज़ी बच्चे गायब हो गए!

डेढ़ करोड़ (15000000 ) से ऊपर फ़र्ज़ी राशन कार्ड धारी गायब हो गए!

ये सब क्यों और कहाँ गायब होते जा रहे हैं !

चोरो का सारा काला चिटठा खुलने वाला है …इसीलिए सारे चोर ने मिलकर माननीय सर्वोच्च न्यायलय में याचिका दायर कर दी कि आधार लिंक हमारे मौलिक अधिकारों का हनन है ! चोरों को प्राइवेसी का कैसा अधिकार!

साभार https://kreately.in/ से

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