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राष्ट्रीय वैशाखी नीलचक्र एवं वैशाखी सांस्कृतिक समारोह का शुभारंभ

स्थानीय रवीन्द्र मण्डप सभागार में चार दिवसीय 45वीं राष्ट्रीय वैशाखी सांस्कृतिक समारोह भगवान जगन्नाथ की पहण्डी विजय के साथ उन्हें मंचारुढ़ कराकर किया गया।अवसर पर परम्परागत ओडिशी नृत्य,कहली वादन और जय जगन्नाथ के गगनभेदी जयकारे के साथ जगत के नाथ को मंचारुढ़ कराया गया। अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में संत बाबा रामनारायण दास जी महाराज ने जगन्नाथ की प्रथम पूजा की। चिंता व चेतना के महासचिव सुरेन्द्र दास ने आरंभिक जानकारी दी।
इस अवसर पर ओडिशी नृत्य की बेजोड़ प्रस्तुति दी गुरु गजेंद्र पण्डा ने। गौरतलब है कि प्रतिवर्ष पुरी धाम में जिसप्रकार पहण्डी विजय के साथ जगन्नाथ जी को रथारुढ़ कराया जाता है ठीक उसी प्रकार चिंता व चेतना के वैशाखी सांस्कृतिक समारोह में पहण्डी का आयोजन होता है।  सुरेन्द्र दास ने बताया कि चिंता व चेतना राष्ट्रीय नीलचक्र सम्मान भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नई दिल्ली जाकर   प्रदान किया जा चुका है। अवसर पर कर्नल सुशील मीनास,कमान अधिकारी 120 बटालियन आदि को नेशनल वैशाखी सम्मान प्रदान किया गया।  यह सांस्कृतिक समारोह 18अप्रैल तक चलेगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ मृत्युंजय रथ ने किया।
अशोक पाण्डेय
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