Wednesday, April 24, 2024
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इन्दौर का ‘लिट् चौक’: राजनीति, साहित्य, कला, संस्कृति, सेना और सृजन के अतिथियों का ‘सारस्वत कुंभ’

इन्दौर से मात्र 55 किलोमीटर दूर स्थित धार्मिक नगरी उज्जैन में हर 12 वर्ष में सिंहस्थ का मेला लगता है जिसमें देश भर के साधु, महात्मा, साधुओं के अखाड़े, महामंडलेश्वर, मठाधीश, संत और अध्यात्मिक गुरु अपनी उपस्थिति से पूरे वातावरण को अध्यात्मिक. धार्मिक व संस्कृति की खुशबू से महका देते हैं।

यह भी पढ़े: स्वच्छ शहर में एक नया इतिहास लिखेगा लिट् चौक

राजनीति, साहित्य, कला, संस्कृति, सेना और सृजन की दुनिया से जुड़े रचनात्मक लोगों का एक ऐसा ही कुंभ इन्दौर के यशवंत क्लब में 17 से 19 दिसंबर तक होने जा रहा है। इसमें सभी अतिथि अपनी रचनात्मक यात्रा के जल की वर्षा से उपस्थित श्रोताओं को सृजनात्मकता की शिप्रा, गंगा और गोदावरी में डुबकी लगवाएंगे। मालवा की गुलाबी ठंड और इन्दौर के खान-पान के विविध स्टालों से सुसज्जित ये लिट् चौक इस शहर की एक नई पहचान बनने जा रहा है। लिट् चौक के इस आयोजन के शिल्पकार हैं, दैनिक प्रजातंत्र के श्री मोहित बिंदल, वरिष्ठ पत्रकार श्री हेमंत शर्मा, मडत्युंजय ट्रस्ट के श्री निखिल दवे, श्रीमती धरा दवे और प्रखर दवे।

केरल के परमश्रेष्ठ राज्यपाल श्री आरिफ़ मोहम्मद 17 9 दिसंबर को इस लिट् चौक उत्सव का शुभारंभ भी करेंगे और इसके साथ ही वरिष्ठ पत्रकार प्रताप सोमवंशी से ‘वर्तमान परिदृश्य में अल्पसंख्यक समुदाय की भूमिका’ पर बात भी करेंगे। कार्यक्रम 17 दिसंबर सुबह 10:00 बजे यशवंत क्लब इंदौर में होगा।

इस चर्चा के साथ ही इस त्रिदिवसीय साहित्य, संस्कृति, राजनीति और कला के सारस्वत कुंभ का शुभारंभ हो जाएगा।

इस सारस्वत कुंभ में आ रहे अतिथियों को सुनना, उनसे मिलना और उनकी रचनाधर्मिता, उनके कौशल उनके जीवन संघर्ष को जानना हर एक श्रोता के लिए एक रोचक, ऐतिहासिक और रोमांचक अनुभव होगा।

‘1993 बॉम्बे ब्लास्ट’, ‘2008 मुम्बई अटैक’ जैसे बड़े मामलों में भारत सरकार का पक्ष रखने वाले, साथ ही ‘गुलशन कुमार मर्डर केस’ और ‘प्रमोद महाजन मर्डर केस’ जैसे प्रमुख मामलों में अभियोजक रहे ‘पद्मश्री उज्ज्वल निकम बताएंगे कैसे उनकी दलीलों ने कसाब को फाँसी के फंदे तक पहुँचाया गया।

पत्रकारिता के डिजिटल डोमेन में निपुणता हासिल करने वाले ‘अमर उजाला’ के संपादक ‘जयदीप कर्णिक’ , ‘सहारा इंडिया’ के सीईओ, वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र राय द स्टार इन मा स्काय की लेखिका और जानी मानी अभिननेत्री ‘दिव्या दत्ता’ को सुनना एक यादगार अनुभव होगा ही सके साथ ही दलित समाज से आने वाली पहली करोड़पति महिला उद्यमी पद्मश्री कल्पना सरोज सुनाएँगी अपने संघर्ष की दास्तान आपको झकझोर कर रख देगी।

पाठकों से सीधा कनेक्शन बनाने वाले ‘नई वाली हिंदी’ के लेखक ‘सत्य व्यास’ के साथ सीधा संवाद होगा।

‘चर्चा हमारा’, ‘खूब कही’ जैसी अनेक रचनाओं की सम्पादक, लेखक एवं ब्लॉगर प्रतिभा कटियार. अपने हुनर और व्यक्तित्व से ‘वाणी प्रकाशन’ का कुशलता से संचालन करने वाली एवं प्रखर वक्ता ‘अदिति माहेश्वरी गोयल’ ‘औरतें रोती नहीं’, ‘एक लड़की दस मुखौटे’, ’30 शेड्स ऑफ बेला’ जैसी किताबों की लेखिका जयंती रंगनाथन ‘रुक जाना नहीं’जैसी बेस्ट सेलर क़िताब को वाले ‘निशांत जैन’ की रचनाधर्मिता पर जमकर चर्चा होगी।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ‘कैलाश विजयवर्गीय’ राजनीति के तमाम रंगों पर बात करेंगे। भारतीय पत्रकारिता की प्रमुख पहचान, उम्दा लेखक, ‘मीडिया गुरु’, अनेक सम्मानों से सुसज्जित और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन के निदेशक ‘संजय द्विवेदी’ , ‘दर्रा-दर्रा हिमालय’ और ‘दरकते हिमालय’ जैसे प्रसिद्ध यात्रा वृत्तांत लिखने वाले ‘अजय सोडानी’ ‘अमेरिका 2020’ शीर्षक से प्रसिद्ध किताब के लेखक और ‘टॉक जर्नलिस्म’ के संस्थापक ‘अविनाश कल्ला’ के साथ आप चुनावों की बारीकियाँ, रणनीति और राजनेताओं के किस्सों के यादगार पल बिताएंगे लिट् चौक के मंच पर।

‘द संघ एण्ड स्वराज’, ‘आरएसएस 360’ और ‘सीक्रेट्स ऑफ आरएसएस’ से संघ पर अपनी सूक्ष्म दृष्टि डालने वाले सौम्य व अपने तर्कों से टीवी की बहस में सबको निरुत्तर कर देने वाले ‘रतन शारदा’ , हिन्दी भाषा के प्रति अपने लगाव को ‘पंक्ति एप’ का रूप देने वाले ‘दीपक शंकर जौरवाल’ भारतीय युवा राजनीति में उभरता चSहरा एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की महामंत्री ‘निधि त्रिपाठी’ भारतीय युवा राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाली एवं भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष “नेहा जोशी” की यादों के पिटारे से आपको राजनीति के पिटारे से कई रोमांचक घटनाएँ जानने सुनने को मिलेगी।

समाज की सारी बेड़ियाँ तोड़ संगीत के पंख लगा उड़ान भरकर आ रहीं है अफगानिस्तान की सितार वादिका गुलालई नूरिस्तानी जो बताएंगी कि कैसा रहा अफगानिस्तान में संगीत सीखने का संघर्ष।

स्वतंत्र पत्रकारिता के चेहरे हर्षवर्धन त्रिपाठी भी होंगे तो
प्रखर वक्ता और पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर पत्रकारिता की दुनिया में आ रहे बदलाव पर बात करेंगे तो जनसत्ता और स्टार न्यूज़ जैसे बड़े मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं दे चुके और कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन से जुड़े हुए वरिष्ठ पत्रकार अनिल पाण्डेय बात करेंगे बाल साहित्य पर।

‘ट्वेल्फ़्थ फेल’ जैसी कमाल की बेस्ट सेलर किताब लिखने वाले डिप्टी कमिश्नर अनुराग पाठक साझा करेंगे कुछ मज़ेदार किस्से।

विभिन्न मीडिया समूहों से तमाम अनुभवों को इकट्ठा करते हुए, वर्तमान में प्रसार भारती के माध्यम से उत्कृष्ट पत्रकारिता की छाप छोड़ने वाले, शिमला के राहुल महाजन आपसे मुख़ातिब होंगे।

‘लखनउआ’ विरासत के रंग बिखेरने आ रहे हैं हिमांशु बाजपेई और प्रज्ञा शर्मा जो सुनाएँगे दास्तान 1971 की। दैनिक हिंदुस्तान के वरिष्ठ संपादक और मशहूर शायर प्रताप सोमवंशी को सुनना भी एक दिलचस्प अनुभव होगा।

कश्मीरी पंडितों को राजनैतिक पहचान दिलाने वाले प्रसिध्द साहित्यकार डॉ. अग्निशेखर, आ रहे हैं अपने लफ़्ज़ों से आपको कश्मीर के सफ़र पर ले जाने के लिए।

देश का पहला हिंदी ट्रैवल ब्लॉग ‘राहगीरी’ शुरू करने वाली घुमक्कड़ कायनात काज़ी से जानिये यात्रा का रोमांच क्या होता है।

अफगानिस्तान में सितार के कई होनहार सितार वादकों को तैयार करने के संघर्ष की कहानी सुनाएंगे पंडित अभिषेक अधिकारी, जिन्होंने 8 साल काबुल में रहकर अपने फन से कई दिलों को जीता।

‘नई वाली हिंदी’ पाठकों के बीच आलोचना और सराहना दोनों के मध्य उलझी हुई है, इस गुत्थी को सुलझाने आ रहे हैं ‘हिन्द युग्म’ के प्रकाशक ‘शैलेश भारतवासी’ ।

‘अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार’ की लेखिका विजयश्री तनवीर जो सामाजिक रिश्तों की कहानियां बुनती हैं, उनकी रचतनाधर्मिता पर सीधे उनसे ही सुनिए उनकी दास्तान।

भारतीय नौसेना को एक महिला की नज़रों से देने के लिए मिलिए मिलिए संध्या सूरी से 19 दिसंबर 2021 को।
खेल के मैदान के हर छोटे बड़े किस्से बेहतरीन खेल पत्रकार हारिनी राणा से सुनिये।

हिंदी साहित्य अकादमी के निदेशक और बच्चों के प्यारे विकास भैय्या विकास दवे ‘ जो अपने लेखन के अनुभव

से आपको तृप्त करेंगे।

चुनावी रणनीति और प्रचार को सी वोटर की स्थापना कर नयी दिशा प्रदान करने वाले ‘यशवंत देशमुख’ बताएंगे चुनावों में असली मुद्दों को गायब कर प्रचार की कला से कैसे मुद्दे बदल दिए जाते हैं।

विप्लव गुप्ते बात करेंगे नील डी’सिल्वा , प्राची गर्ग और कोरल दासगुप्ता से विषय होगा अंग्रेजी लेखक और हिंदी पाठक’ 17 दिसम्बर सुबह 11:15 बजे।

कर्नल गौतम राजऋषि साझा करेंगे ‘वर्दी वाले शायर की फ़ौज वाली कहानियाँ’ साथ होंगे विष्णु शर्मा। सुनिए उन्हें 17 दिसम्बर दोपहर 12:15 बजे।

सुनिए इरशाद कामिल को जो बात करेंगे अविनाश दास से और विषय होगा ‘सफ़र का ही था मैं सफ़र का रहा’ 17 दिसम्बर दोपहर 1:35 बजे।

डॉ. अजय सोडानी और डॉ. कायनात काज़ी से चर्चा करेंगी अंकिता जैन और विषय होगा ‘घुमक्कड़ों के सुख- दुःख’ 17 दिसम्बर दोपहर 12:15 बजे।

गरिमा मुद्गल करेंगी चर्चा अंकुश कुमार और दीपक शंकर जोरवाल से, विषय होगा ‘ गोष्ठियों से सोशल मीडिया तक हिंदी का सफ़र’। सुनिये उन्हें 17 दिसम्बर दोपहर 2:45 बजे।

अविनाश दास बात करेंगे सत्य व्यास से, विषय होगा ‘कहानी का सफ़र: क़िताब से पर्दे तक’ सुनिए उन्हें 17 दिसम्बर 3:45 बजे।

हिंदी कविता और हिंदी साहित्य को एक नया तेवर व गरिमा देने वाले डॉ. कुमार विश्वास ‘कविताओं की तरतीब पर बातें बेतरतीब’ कर्नल गौतम राजऋषि के साथ। इन्हें सुनने आइए 17 दिसम्बर शाम 6 बजे।

अपने क्रांतिकारी विचारों के लिए जानी जाने वाली, देश के सर्वश्रेष्ठ डिबेटर्स में शुमार, पहली सिध्दहस्त महिला कैंपेन मैनेजर ‘शुभ्रास्था’ देश की राजनीतिक रणनीतियों पर बात करने आ रही है।

अपने तज़ुर्बे लिए अग्निशेखर, कर्नल सुशील तंवर और ज़फ़र चौधरी करेंगे ‘कश्मीर: मिथक और तथ्य’ पर चर्चा प्रताप सोमवंशी के साथ 17 दिसम्बर शाम 4:45 बजे।

कथा यूके अंतर्राष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान, राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान, भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन आदि सम्मानों से विभूषित और ये वो सहर तो नहीं, अकाल में उत्सव, जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था जैसे बहुचर्चित उपन्यासों के रचयिता, गज़लों , 17 पुस्तकों के लेखक पंकज सुबीर, अपने साहित्य के सफ़र को आपसे साझा करने आ रहे हैं।

पिछले दो दशक से ज़्यादा से पत्रकारिता की प्रखर आवाज़, भारत के संसदीय चैनल लोकसभा टीवी के प्रमुख चेहरे, अनुराग पुनेठा आ रहे हैं अपने कुछ रोचक, कुछ प्रेरणादायक अनुभवों के साथ।

जम्मू और कश्मीर की ज़मीनी हक़ीक़त बयां करने आ रहे हैं द डिस्पेच के संस्थापक और वरिष्ठ पत्रकार ज़फ़र चौधरी।

इन्हें सिनेमा के इश्क ने यूँ दीवाना कर दिया कि बचपन में क्लास से भागकर चोरी छिपे सिनेमा देखने वाला लड़का आज ख़ुद निर्देशक बन चुका है। मिलिए कमाल के कहानीकार और उभरते फ़िल्म मेकर ‘विमल चन्द्र पाण्डेय’ से मजेदार बातें।

हिंदी साहित्य जगत को ‘डार्क हॉर्स’ और ‘औघड़’ जैसी शानदार पुस्तकें देने वाला ‘यार जादूगर’, साहित्य अकादमी से सम्मानित प्रतिष्ठित लेखक ‘नीलोत्पल मृणाल’ से करेंगे कुछ खट्टी-मीठी बातें ।

आपको वो अफ़सर याद है जिसे सुशांत सिंह राजपूत केस में मुंबई में क्वारंटीन कर लिया था? मिलिए आईपीएस विनय तिवारी से इस बार एक लेखक के रूप में।

मिलिए मेजर वंदना शर्मा से और जानिए कैसा होता है भारतीय वायुसेना में एक महिला का सफ़र…,

सात सुरों के दरबार में अपनी स्माइल बिखेरने… देवदास, हम दिल दे चुके सनम, किसना जैसी फिल्मों के संगीतकार इस्माइल दरबार के संघर्ष की कहानी उनकी ही जुबानी।

राजनीतिक रणनीतिकार ‘रजत सेठी’ जो हार्वर्ड से लेकर अमेरिकन इलेक्शन मैनेजमेंट तक अपने अनुभव का परचम लहरा चुके हैं। अपनी तमाम चुनावी रणनीतियों का खुलासा करेंगे।

फ़िल्म ‘लाल कप्तान’ व वेब सीरीज ‘महारानी’ में उम्दा अभिनय, लोक गीतों की मधुर आवाज़, 32 से ज़्यादा किताबों की लेखिका, अनेक साहित्य सम्मानों से नवाज़ी गईं, अपनी शख्सियत में कला के विविध रंग लिए आ रहीं है विभा रानी।

हिंदी के प्रेम में ‘हिंदीनामा’ संस्था की शुरुआत करने वाले अंकुश कुमार, जिन्होंने ‘विरासत’ में पाए प्रेम को हर ओर फैलाया है , जानिये, उनकी यात्रा का रोमांच कैसा रहा।
‘हिन्दी नेस्ट’ को संजोने वाली, 65वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरुस्कार की ज्यूरी सदस्य, अपनी रचनाएँ ‘शिगाफ’, ‘पंचकन्या’, और ‘बौनी होती परछाई’ से हिन्दी कथाकारी की ‘मल्लिका’ मनीषा कुलश्रेष्ठ की रचनात्मक जिंदगी के यादगार अनुभव।

‘कलकत्ता से लेकर काबुल’ तक अपने संगीत का जादू फ़ैलाने वाली प्रसिध्द सितारवादक ‘डॉ.मूर्चना अधिकारी’ बात करेंगी काबुल में संगीत और चुनौतियों पर।

भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान जिन्होंने भारत को दिया ‘चक दे’ मोमेंट 2002 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड दिलवाकर। तो आइए सुनिए ‘मीर रंजन नेगी से उनकी संघर्षभरी दास्तान।

“आप में एक ठो गड़बड़ी है, हर बात में आपको बहुत हड़बड़ी है।”

अपने आस-पास की आवाजों से संगीत बनाने वाली ‘वूमनिया’, जो ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का संगीत भी देती हैं और ‘मंटो’ का भी, ऐसी ‘जुग्नी’ स्नेहा खनवलकर।

एक बंदूक वाला शायर जो फौजियों के किस्से कहता है और सुनाता है दिलचस्प ग़ज़लें, मिलिए कर्नल गौतम राजऋषि से। ताशकन्द में हुई शास्त्री जी की मृत्यु पर शोध कर कई सवाल उठाने वाले, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ‘गुमनामी बाबा’ होने के तथ्यों को पेश करने वाले निर्भीक लेखक ‘अनुज धर’ ऐसे कई किस्से आपको बताएंगे कि आप चौंक जाएंगे।

सोशल मीडिया पर ‘जनता स्टोर’ लगा के ‘ढाई चाल’ चलने वाले लेखक और मार्केटिंग के धुरंधर ‘नवीन चौधरी’ का अंदाजे बयाँ आप भी देखिये। ‘बहती हवा सा’ गीत लिखने वाला वो गीतकार जिसके हाथों से सचमुच ही शब्द बहते हैं। इंदौर के रहने वाले गीतकार और अदाकार ‘बावरा मन’ वाले गीतकार ‘स्वानंद किरकिरे’ की फिल्मी यात्रा के रोमांचक किस्से।

आर्टिफ़ीशियल इंटेलिजेंस से लेखन और कृषि की तरफ़ जाकर ‘ऐसी-वैसी औरत’ से ‘ओह रे! किसान’ तक का सफ़र तय करने वाली लेखिका ‘अंकिता जैन’ को सुनना ना भूलिये। ‘प्रेम गिलहरी दिल अखरोट’ के लिए भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार प्राप्त कर प्रेम की ‘बावन चिट्ठियाँ’ लिखने वाली ‘भाप के घर में शीशे की लड़की’, ‘बाबुषा कोहली’ सुनाएँगी अपनी कविताएँ और चलेंगे प्रेम के इर्द-गिर्द बातचीत के दौरॉ ‘नितिन अनंत गोखले’ से जो जवाब देंगे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवालों के।

दूरदर्शन के प्रसिध्द धारावाहिक ‘हम लोग’ से लेकर ‘बरेली की बर्फ़ी’,’ बधाई हो’ एवं ‘दम लगा के हईशा’ सरीखी दर्जनों फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी सीमा पाहवा जी की अभिनय यात्रा के किस्से आपको एक नई दुनिया की सैर कराएंगे।

‘वुमनिया’,’घणी बावरी’ और ‘बह चला’ जैसे गीतों से अपनी छाप छोड़ने वाले गीतकार ‘राजशेखर’ जिनके गीतों में प्रेम एवं सहजता के साथ एक देसी अल्हड़पन नज़र आता है, अपने लेखन के खट्टे-मीठे अनुभव साझा करेंगे।

‘रात बाकी है’, ‘अविनाश दास’ से बात बाकी न रह जाए इसलिए जी भरकर उन्हें सुनिये। फ्लाईट लेफ्टिनेंट शिवाली देशपांडे बताएँगी कि भारतीय वायु सेना में कितना चुनौतियों भरा रहा उनका सफ़र।

वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत जोशी करेंगे ‘मिथकों और सच के बीच हमारे महानायक’ विषय पर चर्चा रतन शारदा और विष्णु शर्मा के साथ। सुनिए उन्हें 17 दिसम्बर को दोपहर 2:45 बजे।

फिल्मी गीतकार ‘इरशाद कामिल’ से सुनिये उनकी ही कहानी उनकी ही जुबानी …

इनके अलावा ऐसे कई जाने माने चेहरे आपसे रू-ब-रू होंगे जिन्होंने अपने सृजन से साहित्य, रंगमंच और संस्कृति की दुनिया को एक नई पहचान दी है।

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