Saturday, April 20, 2024
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न्यू इंडिया के स्वप्नदृष्टा थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस : प्रो. संजय द्विवेदी

नई दिल्ली। ”आज जिस मॉर्डन इंडिया को हम देख पा रहे हैं, उसका सपना नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने बहुत पहले देखा था। भारत के लिए उनका जो विजन था, वो अपने समय से बहुत आगे का था।” यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने बुधवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रौद्योगिकी संस्थान, पोर्ट ब्लेयर द्वारा ‘आजाद हिंद फौज’ के 78वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।

‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस, आजाद हिंद फौज और अखंड भारत’ विषय पर अपने विचार रखते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि पूरे देश को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में से थे, जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग भी प्रेरणा लेता है। उनके द्वारा दिया गया ‘जय हिंद’ का नारा पूरे देश का राष्ट्रीय नारा बन गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपने विचारों से लाखों लोगों को प्रेरित किया।

प्रो. द्विवेदी के अनुसार नेताजी का मानना था कि स्त्री और पुरुष में कोई भेद संभव नहीं है। सच्चा पुरुष वही होता है, जो हर परिस्थिति में नारी का सम्मान करता है। यही कारण था कि महिला सशक्तिकरण का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने आजाद हिंद फौज में ‘रानी झांसी रेजीमेंट’ की स्थापना की थी।

आईआईएमसी के महानिदेशक ने कहा कि भारत के प्रत्येक निवासी का ये कर्तव्य है कि वो नेताजी से प्रेरित होकर देश के विकास में अपना पूर्ण योगदान करने का संकल्प ले। नेताजी कहा करते थे कि अगर हमें वाकई में भारत को सशक्त बनाना है, तो हमें सही दृष्टिकोण अपनाने की जरुरत है और इस कार्य में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।

प्रो. द्विवेदी के मुताबिक अगर हमें नेताजी को याद रखना है, तो अपने विचार को जन समूह के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने वाले संचारक के रूप में याद रखना चाहिए। आजादी के पूर्व सीमित संचार साधनों के बाद भी अपनी सरलता और सहजता के कारण नेताजी लोकप्रिय हुए। अपने विचारों से उन्होंने असफल और निराश लोगों के लिए सफलता के नए द्वार खोल दिए।

कार्यक्रम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर शोध करने वाले एडवोकेट उमेश शांडिल्य एवं ‘नेताजी 125 ईयर सेलिब्रेशन’ कार्यक्रम के कोआर्डिनेटर श्री विजय पटेल ने भी अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ. उत्पल शर्मा भी विशेष तौर पर उपस्थित थे।

Ankur Vijaivargiya
Associate – Public Relations
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