Friday, March 29, 2024
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सात करोड़ दुकानदारों के लिए बनेगा ऑनलाईन मंच

लॉकडाउन में बाजार बंद होने की मार झेल रहे विक्रेताओं के लिए केंद्र सरकार उम्मीदों के नए द्वार खोलने जा रही है। परंपरागत दुकानदारों को अगली पीढ़ी की चुनौतियों से निपटने के तौर-तरीके सिखाने के साथ उन्हें चाक-चौबंद बनाने की संभावनाएं टटोली जा रही है। जिसमें बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों की चुनौतियों से पार पाने का रास्ता भी होगा।

देश के तकरीबन सात करोड़ दुकानदार हैं। जो फिलहाल लॉकडाउन के कारण चिंतित है। देश में चलते राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा इनका काफी कारोबार झटकने के कारण पहले की चिंताएं साथ चल ही रही हैं। ऐसे में अब इन सभी को ई-कॉमर्स पोर्टल पर लाने को लेकर गंभीरता से काम हो रहा है, जिससे कि ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह ये भी सीधे ग्राहकों तक अपना उत्पाद पहुंचा सकें।

इसके लिए वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने कारोबार संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के साथ हाथ मिलाकर उद्योग और आंतरिक व्यापार की आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वाली विभिन्न कंपनियों और स्टार्टअप को साथ लाने का प्रयास किया है।

कैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस राष्ट्रीय अभियान में डीपीआइआइटी एवं कैट के अलावा अन्य प्रमोटर स्टार्टअप इंडिया, इन्वेस्ट इंडिया, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन और अवाना कैपिटल हैं। इस ई-कॉमर्स को दुनिया का सबसे बड़ा ई-कॉमर्स बाजार बनाया जाएगा, जिसमें देश के लगभग 7 करोड़ व्यापारियों को जोड़ने का लक्ष्य होगा। इस प्‍लेटफॉर्म पर निर्माता, वितरक, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता और उपभोक्ताओं की विस्तृत श्रृंखला शामिल होगी।

खंडेलवाल ने बताया कि डीपीआईआईटी के तहत स्टार्टअप इंडिया ने अपने इस पोर्टल पर वर्तमान में व्यापार के लगभग 54 विभिन्न वर्गों में से एक उपयुक्त प्रौद्योगिकी सक्षम समाधान वाले स्टार्टअप्स और इच्छुक उद्यमियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स राष्ट्रीय बाजार की कल्पना और डिजाइन पहले ही की जा चुकी है और वर्तमान कोविड-19 संकट के तहत इस राष्ट्रीय मार्केटप्लेस ने देश के विभिन्न शहरों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने में पहले से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि दरअसल ये ई-कॉमर्स बाजार व्यापारियों का, व्यापारियों के द्वारा और देश के व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए होगा,

जिसमें सरकार के सभी कानूनों और नियमों का अक्षरश: पालन किया जाएगा। ताकि, 130 करोड़ लोगों की जनसंख्या वाले हमारे देश को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ विश्वसनीय एवं आसानी से सामान उपलब्ध कराने वाले ई-कॉमर्स पोर्टल के रूप में विकसित किया जा सके।

इच्छुक व्यक्ति प्रस्ताव को [email protected] पर भेज सकते हैं। इसके साथ ही टोल फ्री नंबर 1800115565 पर सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक भी संपर्क कर सकते हैं।

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