Thursday, March 28, 2024
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राष्‍ट्रीय इंजीनियर दिवस के अवसर पर पश्चिम रेलवे द्वारा वेबिनार का आोजन

मुंबई। हमारे देश में प्रतिवर्ष 15 सितम्‍बर का दिन एक विलक्षण प्रतिभा सम्पन्‍न इंजीनियर एवं अनुकरणीय व्यक्तित्व के धनी श्री मोक्षगुंडम विश्‍वेश्‍वरैया के योगदानों के सम्‍मान में राष्‍ट्रीय इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस अवसर पर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के नेतृत्‍व में पश्चिम रेलवे के समस्‍त इंजीनियरों को प्रेरित एवं प्रोत्‍साहित करने की दृष्टि से 15 सितम्‍बर, 2020 को एक वेबिनार का आयोजन किया गया । समारोह के मुख्‍य अतिथि ”भारत के मेट्रो मैन ” पद्म विभूषण एवं पद्मश्री पुरस्‍कार प्राप्‍त एवं ह्रदय से एक सच्‍चे रेल कर्मी श्री ई. श्रीधरन थे । इस अवसर पर विशिष्‍ट अतिथि के रूप में भारतीय रेलवे इंजीनियरी सेवा के सेवानिवृत्‍त वरिष्‍ठ अधिकारी श्री एस.सी. गुप्‍ता उपस्थित थे ।

पश्चिम रेलवे के मुख्‍य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भारतरत्‍न श्री एम. विश्‍वेश्‍वरैया ने इंजीनियरी के क्षेत्र में कई उत्‍कृष्‍ट योगदान दिये हैं और राष्‍ट्र के विकास में भी उनका योगदान अभूतपूर्व है । इस महत्त्वपूर्ण दिवस के उपलक्ष्य में पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्‍य इंजीनियर श्री अजय गोयल द्वारा एक वेबिनार आयोजित किया गया और इसका शुभारम्भ उन्‍होंने अपने स्‍वागत भाषण से किया। पूरे पश्चिम रेलवे के इंजीनियरी महकमें से लगभग 100 प्रतिभागियों ने इस वेबिनार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई । मुख्‍य अतिथि श्री ई. श्रीधरन ने अपने प्रमुख व्‍याख्‍यान में कहा कि एक इंजीनियर को नैतिक मूल्‍यों एवं आचारनीति का सदैव पालन करना चाहिये । उन्‍होंने सभी इंजीनियरों से आग्रह किया कि वे श्री विश्‍वेश्‍वरैया के सिद्धांतों को अपने जीवन में दोहराएं और उनके पदचिन्‍हों पर चलते हुए राष्‍ट्र की सेवा करें। साथ ही उत्‍कृष्‍टता एवं सर्वश्रेष्‍ठ गुणवत्‍ता भी सुनिश्चित करें । श्री ई. श्रीधरन को कोंकण रेलवे और दिल्ली मेट्रो के निर्माण में अपने नेतृत्व के साथ भारत में सार्वजनिक परिवहन का चेहरा बदलने का श्रेय हासिल है।

श्री एस.सी. गुप्‍ता ने अपने सम्बोधन में मनन, चिंतन, उत्‍साह, लगन, जिज्ञासा एवं एकाग्रता की आवश्‍यकता पर बल देते हुए कहा कि एक इंजीनियर के लिए ये सब अनिवार्य गुण हैं। गौरतलब है कि श्री एस. सी. गुप्ता ने “तटीय क्षेत्रों में एफओबी और आरओबी की मरम्मत और पुनर्वास” पर एक किताब भी लिखी है। आप विभिन्न जोनल रेलों के साथ सम्बद्ध रहे थे और 1.8725 किलोमीटर लम्बे ठाणे क्रीक ब्रिज और पनवेल वायाडक्ट के निर्माण में आपकी मुख्य भूमिका रही। इस ब्रिज और पनवेल वायाडक्ट को अमेरिकन कॉंक्रीट इंस्टीट्यूट द्वारा “भारत की सबसे उत्कृष्ट संरचना” के पुरस्कारों का सम्मान मिल चुका है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल ने अपने सम्बोधन में स्‍वयं का उदाहरण प्रस्‍तुत करते हुए गुणवत्‍ता के प्रति सतर्क रहने पर बल दिया और कहा कि यह चेतना बेहतर भविष्‍य के लिए राष्‍ट्र निर्माण हेतु अनिवार्य रूप से अपेक्षित है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल को पहली शताब्दी एक्सप्रेस की शुरुआत से जुड़े होने का श्रेय प्राप्त है। एक निर्माण इंजीनियर के रूप में, श्री कंसल ने गेज परिवर्तन और दोहरीकरण की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया है। आप रेलवे बोर्ड में सिविल इंजीनियरिंग के सभी विषयों को कवर करने वाली नीतियों के निर्धारण में सक्रिय रूप से शामिल रहे। आपने लम्बी रेलों के उत्पादन को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और दो पुस्तकों “क्वॉलिटी कंट्रोल एंड इंस्पेक्शन ऑफ कॉंक्रीट स्लीपर्स” और “लर्निंग द फर्स्ट स्टेप बाय ए रेलवे इंजीनियर” नामक दो पुस्तकें भी लिखी हैं, जो भारतीय रेल के सभी फील्ड इंजीनियरों के लिए व्यावहारिक मार्गदर्शिका मानी जाती हैं।

सम्बोधनों के पश्‍चात संक्षिप्त प्रस्‍तुतीकरण पेश किये गये और स्‍मृति चिन्‍ह देकर अतिथियों का अभिनंदन किया गया । इस अवसर पर श्री मोक्षगुंडम विश्‍वेश्‍वरैया द्वारा अर्जित विभिन्‍न उपलब्धियों एवं उनके योगदान को भी पावर प्‍वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए प्रस्‍तुत किया गया । अंत में पश्चिम रेलवे के मुख्‍य इंजीनियर (निमार्ण) श्री रजनीश माथुर द्वारा धन्यवाद प्रस्‍ताव पेश किया गया । श्री ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे द्वारा भारतवर्ष के इस महान सपूत एवं कुशल इंजीनियर श्री मोक्षगुंडम विश्‍वेश्‍वरैया को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की गई । पश्चिम रेलवे देश के समस्‍त प्रतिभावान एवं कुशल इंजीनियरों को भी नमन करती है, जिन्‍होंने हमारे राष्‍ट्र के विकास में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है ।

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