Friday, March 29, 2024
spot_img
Homeसोशल मीडिया सेरिपब्लिक भारत की पत्रकार ने अपने जन्म दिन पर मोदीजी से क्या...

रिपब्लिक भारत की पत्रकार ने अपने जन्म दिन पर मोदीजी से क्या मांगा…?

नरेंद्र मोदी सर, आज मेरा जन्मदिन है। मैं कई दिनों से रेप की खबरें पढ़ती रही, जिससे मन उदास रहा। बधाई मुझे नहीं चाहिए, तोहफों का मुझे शौक नहीं, पर आज मैं आपसे एक चीज चाहती हूं, वो ये कि बहुत बुरा लगता है, जब मैं जंतर मंतर पर रेप की वारदात को लेकर विरोध प्रदर्शन कवर करने गई तो विदेशी मीडिया के लोग वहां थे और पूछ रहे थे कि चल क्या रहा है और क्यों..? बहुत बुरा लगता है जब कोई बेटी शिकायत करने जाती है तो पुलिस एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करती है, मन दुखता है जब ये खबरें देखकर घर वाले सहम जाते हैं। मन दुखता है जब नेता लोग लड़कियों की गलती निकालते हैं। मन परेशान हो जाता है जब आपकी पार्टी के नेता हादसे होने के बाद, वारदात होने के बाद पॉलिटिकल टूरिज्म करते हैं और कहते हैं कि हम खास कार्यक्रम में जाते हैं, हर रोज, हर गली में नहीं जा सकते, पर वोट मांगने के लिए हर घर जाएंगे, रोज क्यों न जा पड़े।

आपकी भी आत्मा कांपती होगी, जब रेप, दरिंदगी की खबर सुनते होंगे सर। किसी मुद्दे पर काम हो न हो, पर रेप, छेड़खानी जैसी वारदातें बंद कराइए, अब इसके लिए काउंसलिंग करवाइए (क्योंकि बदलाव लोगों की सोच में जरूरी है)। पुलिस की सख्ती बढ़ाइए (क्योंकि कई मामलों में पुलिस बिना जांच के गुनहगारों को क्लीनचिट देती नजर आती है। (इस पर ‘रिपब्लिक भारत’ स्टिंग भी कर चुका है उन्नाव वाले मामले में) जो करना है, जहां जरूरत है कराइए, क्योंकि इससे देश की छवि बहुत खराब होती है

नरेंद्र मोदीजी, तोहफे में आप इतना तो दे ही सकते हैं। देश के प्रधानसेवक हैं और बेटी सेवा से बड़ा कुछ नहीं है। अभी शाम में आधा घंटा मां के साथ अकेले बैठी तो लड़कियों की काबिलियत की बात होने लगी। फिर कुछ चीजों का जिक्र हुआ तो ध्यान में उन्नाव, मालदा, दरभंगा, दिल्ली, दमोह, हैदराबाद, जौनपुर जैसी वारदातें आईं तो सोचा आपसे बैठके बात की जाए। बस आपको उदास मन से चिट्ठी लिख डाली।

(रिपब्लिक भारत की पत्रकार ज्योत्सना बेदी की फेसबुक वॉल से साभार)

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार