Thursday, April 18, 2024
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कहाँ गए वो प्यारे दिन जब…

➨ रात को सोने से पहले परिवार के सारे सदस्य घंटो बातें किया करते थे और अब सब हाथ में मोबाइल लिए हुए सो जाते हैं..

➨ लाइट जाती थी तब पूरा मोहल्ला बड़ के पेड़ के नीचे बैठ कर एक दूसरे की टांग खीचते थे,
अब तो इन्वर्टर की वजह से घर से ही नहीं निकलते..
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➨ चूल्हे की आग पर डेगची में गुड़ वाली चाह्(चाय) की महक 10 किल्ले दूर तक जाती थी,
आज चाय गैस पर बनती है महक छोडो स्वाद का भी पता नहीं लगता..
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➨ औरतें घूँघट काढती थी और लडकिया चुन्नी लेती थी,
अब कवारियां ढाठा मार के सुल्ताना डाकू बन रही हैं
और ब्याही हुई सर भी नहीं ढक रही..

➨ पहले पूरे दिन हारे पर कढोणी में दूध उबलता था और सीपी से खुरचन तार के खाते थे और उस दूध की दही इतना स्वादिष्ट होताथा अब तो
अब तो गए दुकान पर 15 का दही पाउच ले लिया..

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➨ कच्ची फूस की छान में पानी मार कर झोपडी में सोने में बहुत मज़ा आता थी बिलकुल ठंडी हो जाती थी
अब वैसे ठंडक एसी भी नहीं दे रहे..

➨ दारु बड़े बूढे पीते थे अब तो 8वीं से ही पीना शुरू कर देते हैं..????????????

➨ पहले ज़मीन को माँ समझा जाता था
अब एक जमीन का टुकड़ा जिसे बेच कर कोठी बना लो एक कार ले लो और रोज उस कार में बैठ कर दारु और मुर्गा चलने दो..

➨पहले सभी एक दूसरे को राम राम बोलते थे अब हेल्लो हाय
पहले लड़ाइयां इज़्ज़त और सम्मान के लिए लड़ी जाती थी अब दारु पीकर अपने आप हो जाती है

गाय हमारी COW बन गयी,

शर्म हया अब WOW बन गयी,

काढ़ा हमारा CHAI बन गया,

छोरा बेचारा GUY बन गया,

योग हमारा YOGA बन गया,

घर का जोगी JOGA बन गया,

भोजन 100 रु. से हजार रु. प्लेट बन गया,

हमारा भारत GREAT बन गया..

घर की दीवारेँ WALL बन गयी,

दुकानेँ SHOPING MALLबन गयीँ,

गली मोहल्ला WARD बन गया,

ऊपरवाला LORD बन गया,

माँ हमारी MOM बन गयी,

छोरियाँ ITEM BOMB बन गयीँ,

तुलसी की जगह मनी प्लांट ने ले ली..!

चाची की जगह आंटी ने ले ली..!

पिता जी डेड हो गये..!
भाई तो अब ब्रो हो गये..!
बेचारी बेहन भी अब
सिस हो गयी..!

दादी की लोरी तो अब
टांय टांय फिस्स हो गयी..!

टी वी के सास बहू में भी
अब साँप नेवले का रिश्ता है..!
पता नहीं एकता कपूर
औरत है या फरिश्ता है..!!!

जीती जागती माँ बच्चों के
लिए ममी हो गयी..!

रोटी अब अच्छी कैसे लगे
मैग्गी जो यम्मी हो गयी..!

गाय का आशियाना अब
शहरों की सड़कों पर बचा है..!

विदेशी कुत्तों ने लोगों के
कंधों पर बैठकर इतिहास रचा है..!

बहुत दुखी हूँ ये सब देखकर दिल टूट रहा है..!

हमारे द्वारा ही हमारी भारतीय सभ्यता का साथ छूट रहा है…..

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