Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेएस सी एसटी एक्ट एक निर्दोष ब्राह्मण के 20 साल खा गया

एस सी एसटी एक्ट एक निर्दोष ब्राह्मण के 20 साल खा गया

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के ग्राम सिलावन निवासी विष्णु तिवारी को हाईकोर्ट ने 20 साल बाद रेप व हरिजन एक्ट के मामले में निर्दोष साबित किया है। 20 सालों में विष्णु अपने दो बड़े भाइयों व मां-बाप सहित चार सदस्यों को खो चुका है। गुरुवार को जब वह जेल से रिहा होकर गांव पहुंचा तो परिजनों सहित गांव वालों ने उसका स्वागत किया व गले मिलकर खुशी व्यक्त की।

विष्णु ने बताया कि अगर वह कुछ दिन और रिहा नहीं होता तो आत्महत्या कर लेता। क्योंकि जेल में रहते-रहते उसके मन ने जेल की जिन्दगी से छुटकारा पाने के लिए आत्महत्या करने का मन बना लिया था। आगरा सेंट्रल जेल से रिहा हुए विष्णु तिवारी ने बीस साल ललितपुर के ग्राम सिलावन अपने घर पहुंचे। जहां ग्रामीणों व परिजनों ने विष्णु को गले से लगा लिया।

‘भ्रष्ट सिस्टम की सजा मुझे मिली’
सुबह से देर रात तक विष्णु से मिलने के लिए लोगों का जमावड़ा लगा रहा।विष्णु ने अपनी सफाई में कही ये बातविष्णु ने बताया कि जो जुर्म उसने किया नहीं था, उसमें उसे उस समय के भ्रष्ट सिस्टम के चलते जेल जाना पड़ा और सजा भी मिल गई।

उसकी कोई भी सुनवाई नहीं हुई, जबकि वह कहता रहा कि वह 17 साल का है वह बालिग नहीं है और न ही उसने ऐसा कोई कृत्य किया है। बस पशुओं को लेकर थोड़ी बहुत पीड़ित पक्ष से बहस हुई थी। इतनी सी बात को लेकर विपक्षी ने थाने में शिकायत दर्ज की लेकिन मामला झूठा होने के चलते तीन दिन तक पुलिस ने मामला नहीं लिखा। बाद में दबाव के चलते पुलिस ने उस पर रेप व एससी-एसटी ऐक्ट का मामला लिख लिया और उसे पकड़कर जेल भेज दिया।

केस के चक्कर में गई जमीन… छूटा मां-बाप और भाई का साथ
विष्णु तिवारी बताते हैं वर्ष 2003 में जेल में रहने के दौरान पता चला कि उसे रेप के मामले में दस वर्ष व एससीएसटी ऐक्ट के मामले में 20 वर्ष की सजा हुई। उसके पिता ने जमानत के लिए जमीन बेची व पैसा लगाया। जमानत नहीं मिली तो पिता को लकवा मार गया और वर्ष 2013 में उसकी मौत हो गयी और 2014 में उसकी मां की भी मौत हो गयी ओर कुछ वर्षों बाद उनके बड़े भाई रामकिशोर तिवारी व दिनेश की भी मौत हो गयी।

12 वर्षों तक नहीं पहुंचा जेल में उससे कोई भी मिलने
विष्णु बताते हैं कि 2005 के बाद उससे मिलने के लिए 12 वर्षों बाद कोई उसके पास नहीं पहुंचा। वर्ष 2017 में छोटा भाई महादेव मिलने पहुंचा, तब उसे पता चला कि उसके मां-बाप और भाइयों की मौत हो गई है। वर्ष 2018 में जेल में रहते विधिक सेवा अन्तर्गत आये वकील ने उसकी सुनवाई की और केस हाईकोर्ट में लड़ा, जहां से हाईकोर्ट ने उसे निर्दोष साबित किया।

हर किसी से मदद की लगाई मदद की गुहार
बीस सालों तक जेल में रहकर निर्दोष साबित होकर घर पहुंचे विष्णु तिवारी सरकार से मदद की गुहार लगाकर कह रहे हैं कि आज उसके पास कुछ नहीं बचा, न रहने के लिए घर और जमीन भी उसकी बिक गई है। ऐसे में सरकार उसकी मदद करे, उसे रहने के लिए प्रधानमंत्री आवास दे और ऐसा काम दे जिससे वह काम कर सके और उसे रोजगार मिल सके।

खंडहर घर देख विष्णु बोले- अब कहां रहूंगा
जिस घर में विष्णु रहता था, वह घर खंडहर में तब्दील हो गया है। गुरुवार को जब विष्णु अपने घर पहुंचा और जिस घर में वह रहता था उस घर को खंडहर हालत में देखकर यही बोला कि अब वह कहां रहेगा। क्योंकि उसके परिवार के पास दो-तीन कमरे ही हैं और उनमें भी उसके भाई वगैरह रह रहे हैं।

विष्णु का छोटा भाई महादेव बताता है कि भाई के जेल जाने के बाद से ही समाज ने उनका बहिष्कार कर दिया था और गांव के लोग उनके परिवार को कोई कार्यक्रम में नहीं बुलाते थे! दो-तीन साल पूर्व से ही गांव के लोग उन्हें बुलाने लगे हैं। सरकार की ओर से उसे न तो प्रधानमंत्री आवास मिला, मात्र उसके मंझले भाई के घर में एक शौचालय का ही लाभ मिला है।

साभार- नवभारत टाईम्स से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES

1 COMMENT

Comments are closed.

- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार