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व्यंग्य
 

  • ऑनलाइन: तब और अब

    ऑनलाइन: तब और अब

    आज हमें ऑनलाइन होने के लिए मोबाइल, लेपटॉप, कंम्प्यूटर इत्यादि साधनों की आवश्यकता पड़ती है परंतु उन मनीषियों ने तो अपने तपोबल,योगबल साधना से अपने शरीर को ही ऑनलाइन कर रखा था,

  • आलोचना जीवन का सत्य है

    आलोचना जीवन का सत्य है

    उस रात सुलोचना के कोमल हाथ अपने हाथों में ले पाए बिना भी मैंने सच-सच कह दिया - 'सुलोचना! आलोचना का मापदंड परिस्थितियों के साथ बदलता है। समूचा हिंदी जगत तीन भागों में बँटा है।

  • “अतिथि! तुम कब आओगे…?”

    “अतिथि! तुम कब आओगे…?”

    बेवज़ह कई-कई दिनो तक जमे रहने वाले हे अतिथि! सानंद रहने वाला घर, बुद्धिमान बच्चे, मनभावन पत्नी,अच्छे व सच्चे मित्र, ईमानदार नौकर, नित्य अतिथियों का आदर-सत्कार, ईश्वर की आराधना,

  • मैडम कोरोना की प्रेस कॉन्फ्रेंस

    मैडम कोरोना की प्रेस कॉन्फ्रेंस

    मेरा तो एक ही भारत की जनता से निवेदन है कि मुझसे गले मिलो मेरे शौहरों से गले मिलो हम आप को सीधे जन्नत में भेज देंगे। भारत सरकार से अपील करूंगी कि मुँह पर

  • वायरस बनाम कीड़े मकोड़े और घरघुस्सा

    वायरस बनाम कीड़े मकोड़े और घरघुस्सा

    चाइना हमारे हिन्दी फिल्म के एक डायलॉग से इस कदर दुखी हो गया कि उसने एक वायरस ला कर दिखा दिया कि ..नाना पाटेकर साहब का एक मच्छर तो लोगो हिजड़ा बना रहा था लेकिन चाइना का एक वायरस पूरी दुनिया को ही घरघुस्सा बना देगा ।

  • जैसे उनके दिन फिरे

    जैसे उनके दिन फिरे

    दूसरे दिन छोटे राजकुमार का राज्याभिषेक हो गया। तीसरे दिन पड़ोसी राज्य की गुणवती राजकन्या से उसका विवाह भी हो गया। चौथे दिन मुनि की दया से उसे पुत्ररत्न प्राप्त हुआ और वह सुख से राज करने लगा। कहानी थी सो खत्म हुई। जैसे उनके दिन फिरे, वैसे सबके दिन फिरें।

  • रिसॉर्ट का खेल

    रिसॉर्ट का खेल

    पिछले कुछ सालों से रिसॉर्ट का नाम जिस तरह से हमारे देश की राजनीति में स्थापित हुआ है। उससे लगता है कि ये स्थान देश के बड़े शहरों में किसी तीर्थ स्थान से कम नहीं है। रिसॉर्ट अब राजनीति के केन्द्र बन गये है।

  • होली के रंग कुछ ऐसे भी

    होली के रंग कुछ ऐसे भी

    राजनीतिक लोग आपस में आरोप-प्रत्यारोप के गुब्बारे आये दिन फेंकते रहते हैं. संसद में जुबानी गुलाल-अबीर की बौछार भी करते रहते हैं. इनकी एक खास पहचान है रंगहीन होते हुए भी ये सभी रंगों को मिलकर काला रंग बनाते है और ये स्याह लोग सफेदपोश कहलाते है .

  • प्रेम दिवस पर प्रेमियों से आव्हान

    प्रेम दिवस पर प्रेमियों से आव्हान

    आज प्रेम दिवस पर मैं सभी प्रेमियों से आव्हान करता हूँ समाज तुम्हारा बहिष्कार करे तुम उससे पहले समाज का बहिष्कार कर दो और अपने प्रेमी या प्रेमिका के साथ प्रेम समाज में शामिल हो जाओ।

  • राजनीति में अंक गणित ही नहीं बीज गणित  का भी महत्व है

    राजनीति में अंक गणित ही नहीं बीज गणित का भी महत्व है

    राजनीति करने वाली ताकतें सच में बेहद ताकतवर होती हैं ।

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