Saturday, April 20, 2024
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सामना संपादकीय में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा किए भंडाफोड़ को समर्थन

बैंकॉक के डांस के लिए 8 लाख रुपए की खैरात का मामला

महाराष्ट्र की स्वाति ने स्कूल जाने के लिए बस पास के लिए २६० रुपए नहीं होने पर अपनी जान दे दी। लेकिन राज्य सरकार की तिजोरी से ‘बँकॉक’ को जाने वाले नृत्य कला दल को आठ लाख रुपए किसी भी तरह की चर्चा हुए बिना मिल गए। राज्य की अस्वस्थ्य मानसिकता का ये विदारक चित्र हैं। सामना ने सोमवार को संपादकीय में महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई करते हुए अपरोक्ष तौर पर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 2 दिन के पहले कए गए भंडाफोड़ का समर्थन किया।

दिनांक 25 अगस्त 2015 को सचिवालय जिमखाना,मुंबई ने सरकारी कर्मचारियों को बैंकॉक-थायलंड में दिनांक 26 से 30 दिसंबर 2015 इस दौरान आयोजित की हुई प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए स्पेशल केस के तौर 8 लाख की आर्थिक मदद करने का अनुरोध किया था जिसे सीएम देवेंद्र फडनवीस ने स्पेशल केस बनाकर प्रस्ताव पेश करने का आदेश सीएम सचिवालय/ फंड विभाग को आदेश जारी किया। दिनांक 27 अगस्त 2015 को पेश किए गए प्रस्ताव को सीएम देवेंद्र फडनवीस ने स्पेशल केस के तहत रु 8 लाख देने का आदेश जारी किया। दिनांक 11 सितंबर 2015 को रु 8 लाख देना ये सीएम रिलीफ फंड से सचिवालय जिमखाना,मुंबई के अकाउंट में जमा भी किए गए। सीएम रिलीफ फंड की अर्थसहाय वितरण कार्यशैली के खिलाफ एक जनहित याचिका मुंबई उच्च न्यायालय में प्रलंबित होने से व्यक्तिगत या संस्थात्मक प्रयोजन के लिए सीएम रिलीफ फंड से आर्थिक मदद न देने की पॉलीसी को नजरअंदाज किया गया और सीएम देवेंद्र फडनवीस ने स्वयं पदसिद्ध अध्यक्षतावाली सचिवालय जिमखाना,मुंबई को स्पेशल केस के तौर पर रु 8 लाख ऐसे समय दिए है जब राज्य में किसान सूखे से त्रस्त होकर आत्महत्या करने के लिए विवश होने का आरोप अनिल गलगली ने 2 दिन पहले लगाया था।

अखिल भारतीय सांस्कृतिक संघ और ग्लोबल कौंसिल ऑफ आर्ट एंड कल्चर इन निजी संस्था द्वारा अक्षरा थिएटर, बैंकॉक (थायलंड) में आयोजित डांस के लिए 8 लाख रुपए सीधे तौर पर सीएम रिलीफ फंड का दुरुप्रयोग होते हुए सीएम साहब को इसका तनिक भी अहसास नही होने पर अनिल गलगली ने खेद व्यक्त किया। सामना में से देवेंद्र फडनवीस सरकार से किया जबाब तलाब और विरोध के बाद तो फंड को वापस लिया जाए और गलती का स्वीकार कर देवेंद्र फडनवीस ने मुख्यमंत्री के तौर पर नई परंपरा को जन्म दे, ऐसी अपील अनिल गलगली ने की हैं।

अनिल गलगली
09820130074

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