Wednesday, November 13, 2024
spot_img
Homeपुस्तक चर्चाडॉ. सिंघल का लेखन-प्रकाशन सहेजने काबिल.......

डॉ. सिंघल का लेखन-प्रकाशन सहेजने काबिल…….

कोटा में मेरे चार दशक पूरे होने को हैं। इन सालों में 400 से ज्यादा मीडिया कर्मियों, लेखकों,रचनाधर्मियों से मिलने और उनके साथ काफी वक्त बिताने का अवसर मिला । यह संख्या अब और तेजी से बढ़ रही है क्योंकि अब हम डिजिटल युग में जी रहे हैं ।
 यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि अगर में पहले 40 का चुनाव करूँ ,जिनका मुझ पर सबसे ज्यादा प्रभाव रहा,जो मेरे लिए अनुकरणीय रहे,दिल और दिमाग के करीब रहे तो उसमें एक नाम  डॉ. प्रभात कुमार सिंघल का भी है । कोटा में भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी के रूप में 1985 से अब तक मेरा निवास है । पत्रकारिता, रचनात्मक लेखन और फोटोग्राफी से मैं व्यक्तिगत और व्यवसायिक रूप से 1975 से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता, संवाद कुशलता,लेखन,फोटो इन सबकी परिभाषाओं में अनेकों बदलाव इन पांच दशकों में मैंने देखे,महसूस किए । वक्त के साथ ,वक्त के अनुरूप बनकर अपने आप को ढालना आसान नहीं पर डॉ सिंघल इन सभी कसौटियों पर खरे उतरे हैं।
जनसम्पर्क से जुड़े किसी भी शख्स की अपनी-अपनी पहचान होती है,यह निरंतर चलने वाला सफर है । अगर इन खासियतों को परिभाषित  करने की बात आए तो मेरे विचार में सात सकार हैं। ये हैं सकारात्मक सोच,समन्वित प्रयास,सरलता,
संवेदनशीलता,सतत संवाद, समयबद्धता और सौम्यता। ये सभी गुण मैंने डॉ. सिंघल में पाए। ऐसा मैं इसलिए कह पा रहा हूं क्योंकि कई वर्ष हम दोनों ने सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के प्रचार के कई कार्यक्रम कोटा के शहरी और ग्रामीण इलाकों में न केवल किए बल्कि उन कार्यक्रमों की क्रियान्विति के लिए एक दूसरे के साथ वक्त बिताया ।
डॉ. सिंघल से अक्सर चाय पर मुलाकात होती रही,कभी मेरे कार्यालय में, कभी उनके कार्यालय में तो कभी जे. के. लोन अस्पताल के सामने एक थड़ी पर जहां हम कुछ मीडिया प्रेमी अक्सर मिलते थे। वहीं से जानकारी मिली कि डॉ सिंघल ने आधे से ज्यादा भारत को देखा और समझा है। वहीं चाय की चुस्कियों के साथ गप्पे लगती थी। उनकी कई पुस्तकें मीडिया, इतिहास, पुरातत्व, कला संस्कृति और पर्यटन पर आई हैं। उनका सबसे प्रिय विषय  पर्यटन रहा है । पर्यटन  के विविध पहलुओं पर उनकी 25 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ये सभी प्रकाशन सहेजने के काबिल हैं। लेखन के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मान भी मिले हैं ।
मेरा कोटा के मीडिया जगत से लगातार जुड़ाव रहा जिसका काफी श्रेय में डॉ. सिंघल को देना चाहूंगा।
मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं कि वो स्वस्थ रहें और अपनी संवाद कुशलता से हमें वाकिफ करवाते रहें। एक लेखक के रूप में सोशल और डिजिटल मीडिया पर प्रभाव डालने वाले हँसमुख और प्रतिभाशाली डॉ. सिंघल हम सबके लिए अनुकरणीय हैं ।
( नई बात निकल कर आती है पुस्तक से )

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार