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साहित्यिक पत्रिका ‘स्रवंति’ का पावस विशेषांक लोकार्पित
यहाँ दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (आंध्र एवं तेलंगाना) के खैरताबाद स्थित परिसर में पधारे केंद्रीय हिंदी निदेशालय के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राकेश कुमार शर्मा ने सभा द्वारा प्रकाशित साहित्यिक मासिक पत्रिका 'स्रवंति' के 'पावस विशेषांक-2' का लोकार्पण किया।
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सौ साल पुरानी फिल्म कालिया मर्दन का जादू जो दर्शकों के सिर चढ़कर बोला
मुंबई के फिल्म प्रभाग द्वारा आए दिन यादगार, ऐतिहासिक व भुली बिसरी फिल्मों का प्रदर्शन आम दर्शकों के लिए किया जाता है जिसमें मुंबई के फिल्म प्रेमी बड़ी संख्या में पहुँचते भी हैं।
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नए साल में अनोखी होगी हिंदी की भूमिका
राजनांदगांव। दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन के यशस्वी प्रतिभागी, प्रखर वक्ता और शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. चंद्रकुमार जैन ने कहा है कि हिंदी अब राष्ट्रीय संपर्क की भाषा है। उसे सीखना और व्यवहार में लाना अन्य भाषाओं के अपेक्षा ज्यादा सुविधाजनक और आसान है।उसका दायरा निरंतर बढ़ रहा है। भारत के भाषा संसार में हिंदी को देखने पर स्पष्ट हो जाता है कि लोग अब हिंदी का वैश्विक महत्त्व समझने लगे हैं। हिंदी भाषा में एक विशेषता यह भी है कि उसमें लोक जीवन और उसकी बानी की बड़ी ताकत है। हिंदी बड़े पैमाने पर लोचदार भाषा है, जिससे उसे अपनाने में कोई कठिनाई नहीं है। डॉ. जैन ने जोर देकर कहा है कि नए साल में हिंदी इन विशेषताओं के साथ बहुत आगे बढ़ेगी ।
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देश की नई शिक्षा नीति पर जानेमाने वैज्ञानिक व इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. कस्तूरीरंगन ने लिया आचार्यश्री विद्यासागरजी का मार्गदर्शन
जानेमाने वैज्ञानिक व इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ.कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन मिले आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज से आचार्यश्री विद्यासागरजी के साथ डॉ.कस्तूरीरंगन जी निर्मल कुमार पाटोदी के साथ डॉ.कस्तूरीरंगन जी किसी भी देश की शिक्षा नीति उस देश के भविष्य की दिशा निर्धारित करती है। शिक्षा नीति देश के विकास के साथ-साथ उसके जीवन मूल्यों, राष्ट्रीयता, आत्मसम्मान, आत्मविकास, […]
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विश्व हिन्दी संस्थान का होली अंक
हिंदी की अंतर्राष्ट्रीय ई-पत्रिका “प्रयास” का अंक 32, (मार्च 2016) आपको, यानि विश्व के कोटि-कोटि हिंदी प्रेमियों को समर्पित है।
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एकजुट होकर विरोध करें हिंदी की दुर्गति करने वालों का
हिंदी साहित्य समिति में अमूमन होने वाले उबाऊ आयोजनों के मुकाबले शुक्रवार शाम हुआ कार्यक्रम रोचक रहा।
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म.प्र. सरकार का सारा काम अब हिन्दी में
म.प्र. के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 12 सितम्बर, 2015 को भोपाल में हुए दसवें विश्वहिन्दी सम्मेलन के समापन अवसर पर दिये गये निर्देशों के अनुरूप राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि सरकारी कामकाज में हर जगह हिन्दी का ही प्रयोग किया जाएगा।
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साहित्यकारों को सम्मानित करने का इफको का काम प्रशंसनीयः श्री प्रभु
हिन्दी के चर्चित कवि अष्टभुजा शुक्ल को साल 2015 के श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सम्मान राशि 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट कर अष्टभुजा शुक्ल को सम्मानित किया।
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चिन्दी चिन्दी होती हिन्दी…हम क्या करें ?
ज्ञान के सबसे बड़े सर्च इंजन विकीपीडिया ने अपने नए सर्वेक्षण नें दुनिया की सौ भाषाओं की सूची जारी की है, उसमें हिन्दी को चौथा स्थान दिया है। इसके पूर्व हिन्दी को दूसरे स्थान पर रखा जाता था।
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फीजी में राष्ट्रीय स्तर की हिंदी परिषद का गठन
हिंदी की सक्रिय संस्थाओं के अभाव को दूर करने की बड़ी पहल करते हुए भारतीय मूल की सभी संस्थाओं, फीज़ी के तीनों विश्वविद्यालयों, शिक्षा मंत्रालय व भारतीय उच्चायोग ने समन्वय स्थापित करते हुए राष्ट्रीय स्तर की हिंदी परिषद का गठन किया है।