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आर्किटेक्टर में कैरियर के खूब मौके – जाने कहा से और कैसे बनाए
भारत के कई प्रसिद्ध आर्किटेक्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने हजाते है जैसे के हफ़ीज़ कांट्रेक्टर , एशिया के सबसे बड़े
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डॉ. चन्द्रकुमार जैन की वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर श्रृंखला से विद्यार्थियों के चेहरों पर चमक
यह संयोग मात्र नहीं है कि अपने यूट्यूब पर अपने बहुआयामी वीडियोज़ से डॉ. जैन बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सफल हुए हैं।
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प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए डॉ. जैन का यूट्यूब चैनल बना मील का पत्थर
यह संयोग मात्र नहीं है कि अपने यूट्यूब पर अपने बहुआयामी वीडियोज़ से डॉ. जैन बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सफल हुए हैं। भाषा पर और अभिव्यक्ति कला की खास
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प्रभावी प्रेज़ेंटेशन से निखारें अपना व्यक्तित्त्व
एक प्रभावशाली पवार पाइंट प्रेजेंटेशन देना एक कला और कौशल है जिसे अभ्यास और थोड़ी सी तकनीकी जानकारी के दम पर आप निखार सकते हैं।
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प्रबंधन में भविष्य की उजली लकीरें
एक प्रबंधक के रूप में आप अपना अधिकांश कार्य व्यक्तियों के साथ और अपना कार्य व्यक्तियों से कराने पर व्यतीत करें।
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प्रभावी व्यक्तित्व एक पहचान और वरदान भी है
चिंतन का दैनिक जीवन और जीवन के विकास में बड़ा महत्त्व है। मन की गति पर नियंत्रण ही चिंतन की सही दिशा का आधार है।
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समाज-कार्य में कॅरियर के आयाम
अक्सर लोग समाजशास्त्र एवं समाज-कार्य को एक ही समझ लेते हैं। हालाँकि समाज-कार्य का अधिकांश ज्ञान समाजशास्त्रीय सिद्धांतों से लिया गया है,
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रिसर्च के माध्यम से भी मिल सकता हैं मीडिया में जॉब
भोपाल। डिजिटल वर्ल्ड मीडिया के पारंपरिक स्वरुप को तेजी से बदल रहा हैं | प्रिंट मीडिया, टेलीविज़न और रेडियो में कंटेंट, प्रोडक्शन और वितरण - तीनों आयामों पर परिवर्तन हो रहा हैं| मीडिया का बाजार विस्तारित हो रहा हैं और मीडिया में रोजगार के नए-नए अवसर सामने आ रहे हैं| भारत में अब मीडिया रिसर्च भी एक ऐसा क्षेत्र हैं जिसमें स्किल्ड व्यक्तियों की आवश्यकता हैं| बड़े मीडिया घराने, विज्ञापन एजेंसीज, मार्केट और मार्केटिंग एजेंसीज, और अब राजनेता भी कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी और मीडिया प्लानिंग को लेकर रिसर्च करवा रहे हैं| ब्रांड मैनेजमेंट,
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बड़ी नेमत है अपनी चुनी राह पर चलते जाना
अभी के दौर में जीवन मूल्यों को भी आयात-निर्यात की नजर से देखा जाने लगा है। लेकिन भारत ने अपने मूल्य न तो अभी तक किसी पर थोपे हैं, न ही उनका निर्यात किया है। इनमें से जो भी दुनिया को अपने काम का लगता है,अभी के दौर में जीवन मूल्यों को भी आयात-निर्यात की नजर से देखा जाने लगा है। लेकिन भारत ने अपने मूल्य न तो अभी तक किसी पर थोपे हैं, न ही उनका निर्यात किया है। इनमें से जो भी दुनिया को अपने काम का लगता है,
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आपकी आवाज़ भी संवार सकती है आपका भविष्य , पैदा करें आवाज़ में कशिश
आज सूचना और संचार के विस्फोट का युग है। प्रिंट के साथ पूरी दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का बोलबाला है। इस युग में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से तात्पर्य टीवी चैनल ही हो गया है।