नीता बाजपेई एक अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट भरतनाट्यम नृत्यांगना है। कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में रविवार 18 अगस्त 2024 को चित्रनगरी संवाद मंच मुंबई द्वारा मृणालताई हाल, केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट, गोरेगांव में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने भरतनाट्यम नृत्य की विशेष प्रस्तुति दी। देश विदेश में कथक नृत्य की प्रस्तुतियां कर चुकीं नीता बाजपेयी बीस साल बाद मंच पर उतरी थीं। फिलहाल उनकी तैयारी अच्छी थी। ख़ूबसूरत भाव भंगिमाओं के साथ जोशीले अंदाज़ में की गई उनकी विशिष्ट प्रस्तुति श्रोताओं को इतनी मनमोहक लगी कि लोगों ने खड़े होकर तालियों से उनकी हौसला अफ़ज़ाई की।
कथाकार पत्रकार विवेक अग्रवाल की अब तक 32 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने 11 उपन्यास लिखे हैं। इनमें सात उपन्यास अंडरवर्ल्ड पर हैं। विवेक ने अपने कहानी संग्रह ‘रक्त गंध’ से ‘नन्हीं मां’ कहानी का पाठ किया। इस कहानी में यूं तो अंडरवर्ल्ड की दुनिया थी मगर जिस कुशलता से विवेक ने इसमें प्रकृति और परिंदों को शामिल किया था उसने कहानी को असरदार और हृदयस्पर्शी बना दिया। सहज सरल भाषा और आत्मीय शैली में पेश की गई यह कहानी श्रोताओं को बहुत पसंद आई। विवेक का पढ़ने का अंदाज़ भी अच्छा था। कहानी पाठ के बाद श्रोताओं के साथ अंडरवर्ल्ड की दुनिया पर उनका महत्वपूर्ण संवाद हुआ।
नीता बाजपेयी के नृत्य और विवेक अग्रवाल के किस्सों की एक यादगार शाम
‘धरोहर’ के अंतर्गत डॉ मधुबाला शुक्ल ने कालजयी कथाकार #यशपाल की कहानी #फूलों_का_फ्राक का वाचन किया। पुरातन संस्कारों में जकड़ी 5 वर्ष की एक मासूम लड़की की इस दास्तान ने श्रोताओं को विचलित कर दिया। इस अवसर पर मुंबई के रचनाकार जगत से अनूप सेठी, सुमनिका सेठी, अलका अग्रवाल, अजित राय, अमर त्रिपाठी, अनिल गलगली, आर एस रावत, संजीव शुक्ला, कृष्णा उपाध्याय, अविनाश प्रताप सिंह, सविता दत्त और हरि राम द्विवेदी उपस्थित थे।
काव्य पाठ के सत्र में गुरुग्राम से पधारी कवयित्री विभा रश्मि ने कुछ चुनिंदा कविताओं के साथ एक लघुकथा का पाठ किया। प्रतीक माहेश्वरी, महेश साहू, ताज मोहम्मद सिद्दीक़ी, क़मर हाजीपुरी, अंबिका झा, कृष्णा गौतम, गुलशन मदान, भारतेंदु विमल और संगीता बाजपेयी ने अपने कविता पाठ से आयोजन को समृद्ध किया।
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