मुंबई। 18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (एमआईएफएफ) ने आज “इंस्पायरिंग नैरेटिव्स: इनोवेशन एंड क्रिएटिविटी” शीर्षक से एक उत्साहपूर्ण पैनल चर्चा का आयोजन किया। इस सत्र में उभरते सामाजिक उद्यमियों ने भाग लिया, जिन्होंने समाज में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से अपनी पहल साझा की। चर्चा में इन नवोन्मेषकों की व्यक्तिगत यात्राओं का पता चला, जिसमें बताया गया कि कैसे उन्होंने चुनौतियों का सामना किया, रचनात्मकता को अपनाया और अपने विचारों को जीवन में लाने के लिए बाधाओं को पार किया। लैंगिक मानदंडों को तोड़ने से लेकर सामाजिक बाधाओं को पार करने तक, पैनलिस्टों ने अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा किए, दूसरों को अपने जुनून को आगे बढ़ाने और एक स्थायी प्रभाव बनाने के लिए प्रेरित किया।
इन सफलता की कहानियों का उत्सव मनाने और लाखों लोगों को प्रेरित करने के प्रयास में, उनकी जीवन यात्रा को दर्शाने वाली एनिमेशन फिल्में राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) और नेटफ्लिक्स द्वारा ‘आज़ादी की अमृत कहानियां’ श्रृंखला के हिस्से के रूप में को-प्रोड्यूस की जा रही हैं। चर्चा के दौरान इन फिल्मों के ट्रेलर दिखाए गए। प्रधानमंत्री कार्यालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा चुने गए इन नवोन्मेषकों की कहानियां एनएफडीसी और नेटफ्लिक्स के बीच सहयोगी पहल का केंद्र हैं। राज कुमार राव द्वारा कुशलतापूर्वक सुनाई गई एनिमेशन और लाइव-एक्शन को मिलाकर आकर्षक कहानी कहने की तकनीकों के माध्यम से, इन परिवर्तन-निर्माताओं की प्रभावशाली यात्राओं को प्रस्तुत किया जा रहा है।
इस सीरीज पर प्रकाश डालते हुए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय में स्ट्रैटजिक एलाएंस की निदेशक डॉ. सपना पोती ने कहा कि ये केवल एनिमेटेड कहानियां नहीं हैं, बल्कि सामाजिक नवोन्मेषकों की गाथाएं हैं जो लाखों लोगों को प्रेरित करेंगी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि नवोन्मेष केवल कुछ नया विकसित करना नहीं है, बल्कि यह टिकाऊ भी होना चाहिए। उन्होंने कहा, “इस सीरीज की प्रत्येक कहानी में स्थिरता है, जिसे बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि पूरे देश के लोग उनकी जीवन यात्रा के बारे में जान सकें। यही कारण है कि सरकार ने उनकी कहानियों को उजागर करने के लिए इस मंच को चुना है।”
पैनल चर्चा को संबोधित करते हुए, मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक हसमुख रावल ने बताया कि अभिनव समाधान लाने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें यूजर्स के लिए आसान, सुलभ और सुविधाजनक बनाना है। उन्होंने स्व-उपयोग के लिए अग्रणी कोविड-19 टेस्ट किट कोविसेल्फ़ के पीछे की सफलता की कहानी का उदाहरण दिया।
एंगिरस के सह-संस्थापक और सीटीओ लोकेश पी. गोस्वामी ने अपनी प्रेरक कहानी साझा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक सामाजिक उद्यमी को एक बड़ी सामाजिक समस्या को एक व्यक्तिगत मुद्दे के रूप में देखना चाहिए। उनका मानना है कि जिम्मेदारी की यह भावना नवाचार को बढ़ावा देगी।
अन्य प्रतिभागियों में पूर्वोत्तर भारत के छात्रों के लिए स्थानीय भाषाओं में ई-लर्निंग सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित कंपनी आहार एडुस्मार प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक अमित घोष, क्रिएटिव एजेंसी द गुड स्टफ स्टूडियो (टीजीएस) की सह-संस्थापक और क्रिएटिव डायरेक्टर मेघना रॉय और एंगिरस की सह-संस्थापक कुंजप्रीत अरोड़ा शामिल थे। उन्होंने चर्चा के दौरान अपने अनुभव और अंतर्दृष्टि साझा की।
सत्र का संचालन आदित्य कुट्टी ने किया, जो वर्तमान में कानूनी निदेशक के रूप में नेटफ्लिक्स में हेड ऑफ लिटिगेशन एंड रेगुलेटरी फंक्शन मुकदमेबाजी और विनियामक कार्य के प्रमुख के तौर पर काम करते हैं।