झालावाड़। पर्यटन विकास समिति झालावाड़ ने सोमवार को झालावाड़ उपखण्ड अधिकारी को एक ज्ञापन देकर नगर में पुराने पी.डब्ल्यू.डी. गोदाम में उपेक्षित पड़ी पुरातत्व महत्व की प्राचीन मूर्ति को स्थानीय संग्रहालय में लाकर सुरक्षित रखवाये जाने की मांग की है।
उपखण्ड अधिकारी को दिये ज्ञापन में समिति के संयोजक ओम पाठक ने बताया कि नगर के पुराने पी.डब्ल्यू.डी. गोदाम में कुएं के पास एक प्राचीन देवमूर्ति बरसों से उपेक्षित अवस्था में पड़ी हुई है तथा हवा, पानी के प्रभाव से उसकी कला का क्षरण (खराब) हो रहा है तथा खुले में होने से इसको कभी भी मूर्ति तस्कर गायब कर सकते है। अतः इसे जल्दी ही स्थानीय संग्रहालय में लाया जाना उचित होगा ताकि यह सुरक्षित हो सकें और पर्यटक इसको देख सकें।
समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इतिहासकार ललित शर्मा ने बताया कि अध्ययन के आधार पर यह मूर्ति दिक्पाल अग्निदेव की है जो किसी मन्दिर की दक्षिण पश्चिम दिशा (आग्नेय कोण) में लगी रही होगी। मूर्ति में अग्निदेव की दाड़ी में भग्न गठान भी है जो अग्नि की ज्वाला को कंट्रोल करने की प्रतीक है। कला लक्षण के आधार पर यह मूर्ति लगभग 12वीं सदी की है जो किसी अन्य मन्दिर वाले स्थान से लाकर यहाँ रखी गई है। यह मूर्ति दो स्तम्भ रथिकाओं के मध्य बनी है तथा आस-पास सुन्दर अप्सरायें अंकित हैं।