मुख्य न्यायाधीश श्री डी वाई चंद्रचूड़ चमड़े का पर्स, बेल्ट या चमड़े से बनी किसी और चीज को हाथ तक नहीं लगाते. उनकी पत्नी भी चमड़े के उत्पादों का प्रयोग नहीं करते। दिल्ली हाई कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में खुद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने यह खुलासा किया. उन्होंने बताया कि बेटियों के कहने पर उन्होंने वीगन लाइफस्टाइल अपना ली.
श्री चन्द्रचूड़ की गोद ली हुई दो बेटियां हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जब इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे, तब उन्होंने दो स्पेशल बच्चियों को गोद लिया था. बड़ी बेटी का नाम प्रियंका तो छोटी का माही है. जस्टिस चंद्रचूड़ जब दिल्ली आए तो बच्चियों को अपने साथ ले आए. दोनों बच्चियां मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं. द वीक को दिए एक इंटरव्यू में सीजेआई ने बताया था कि इलाहाबाद में बच्चियों के लिए कोई ढंग का स्कूल नहीं था, इसलिए उनके पढ़ने-लिखने की व्यवस्था घर पर ही की गई थी. दिल्ली आया तो यहां ‘तमन्ना’ नाम के स्कूल में दाखिला करा दिया.
उनकी बेटियां बहुत तेज दिमाग की हैं और और अपने बूते संस्कृति स्कूल में दाखिला लिया. बकौल सीजेआई उनकी दोनों बेटियां अक्सर उनके फोन में नए-नए गाने डाउनलोड करती रहती हैं. वह कोर्ट के रास्ते इन गानों को सुना करते हैं.
वे कहते हैं कि कुछ महीने पहले मैंने और मेरी पत्नी ने वीगन डाइट और लाइफस्टाइल अपना लिया, क्योंकि बेटियों ने कहा कि हमें क्रूरता मुक्त जीवन जीना चाहिए. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वीगन लाइफस्टाइल अपनाने के बाद अब मैं सिल्क या लेदर से बना कोई भी समान नहीं खरीदता. मेरी पत्नी भी सिल्क और लेदर प्रोडक्ट नहीं खरीदतीं
आप ने वर्ष 1979 में सेंट स्टीफन कॉलेज नई दिल्ली से अर्थशास्त्र और गणित विषय के साथ स्नातक ( ऑनर्स ) की उपाधि प्राप्त की। ऑनर्स की सूची में दिल्ली विश्वविद्यालय में आप ने सर्वोच्च स्थान पाया। वर्ष 1982 में आप ने दिल्ली विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1983 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एल. एल. एम. की उपाधि प्राप्त की।] वर्ष 1986 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 2015 में डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ ने एल. एल. डी. की मानद उपाधि दी।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री डी वाई चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भारत के सुप्रीम कोर्ट के 16वें और सबसे लंबे समय तक सेवारत मुख्य न्यायाधीश थे। इनकी माता प्रभा शास्त्रीय संगीतज्ञ हैं।
चंद्रचूड़ ने बंबई उच्च न्यायालय में वकील के रूप में अभ्यास किया तथा संवैधानिक कानून और सार्वजनिक कानून में विशेष रूचि ली। वर्ष (1998-2000) में चंद्रचूड़ एडिशनल सोलिस्टर जनरल ऑफ इंडिया नियुक्त हुए। 29 मार्च 2000 को बम्बई हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज नियुयक्त हुए। 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद पर आसीन हुए। 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के जज बने।
जस्टिस चंद्रचूड़ की पहली पत्नी का साल 2007 में कैंसर के चलते निधन हो गया था. पहली पत्नी से उनके दो बेटे अभिनव और चिंतन चंद्रचूड़ हैं. साल 2008 में उन्होंने कल्पना दास चंद्रचूड़ से दूसरी शादी की.