Friday, April 18, 2025
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कपिल मिश्रा के पिताजी ने कहा, इसमें बचपन से ही नेतागिरी के गुण थे

दिल्ली कैबिनेट में मंत्री बनाए गए कपिल मिश्रा ने अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी सबसे पहले अपने पिता से साझा की थी. उन्होंने रात साढे़ 10 बजे सबसे पहले अपने पिता वरिष्ठ लेखक विचारक प्रोफेसर रामेश्वर मिश्र पंकज को फोन किया था. जहां ये बताया था कि वे दिल्ली सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं. भीड़ से दूर रहने वाले रामेश्वर मिश्र पंकज शपथ ग्रहण समारोह में नहीं गए. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि बेटा जानता है कि पापा भीड़ में नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि “मैं कपिल के केजरीवाल के साथ जाने के फैसले से खुश नहीं था, लेकिन हमने कभी अपने बच्चों को फैसले से रोका नहीं.

प्रो. मिश्रा ने कहा,  जब उसने बीजेपी ज्वाइन की तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे थी. इस बार भी जब उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चल रहा था, तो मैंने कहा था कि पद के पीछे नहीं भागना. तुम्हें विधायक बनकर भी पार्टी के लिए जुनून से काम करना है. मध्य प्रदेश के रीवा से ताल्लुक रखने वाले दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा के पिता रामेश्वर मिश्र पंकज रीवा से ताल्लुक रखते है. हालांकि कपिल के जन्म से पहले ही वे दिल्ली चले गए थे
प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज  कपिल मिश्रा के बचपन की याद करते हुए बताते हैं कि “कपिल स्कूल में भी टोली लेकर लड़कों की चलता था. उसने तभी ये बता दिया था कि वो राजनीति में जाएगा, हालांकि अन्य किसी भी क्षेत्र के लिए वे बहुत ही प्रतिभाशाली रहे. दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी वे छात्र राजनीति में रहे. मैं उन्हे बचपन में संघ की शाखा में लेकर भी गया, लेकिन वे भागकर क्रिक्रेट खेलने चले जाते थे, लेकिन नैतिकता, और राष्ट्रभक्ति उनके भीतर कूट-कूट कर भरी हुई है. जिस विचार से जुड़ते हैं, पूरी तरह जुड़ते हैं. मुझे मालूम था कि वे केजरीवाल के साथ ज्यादा नहीं रह पाएंगे पर मैंने रोका नहीं.”

प्रोफेसर रामेश्वर मिश्र पंकज बताते हैं “जब अन्ना आंदोलन से प्रभावित होकर कपिल केजरीवाल के साथ गए, मैं इसके पक्ष में नहीं था. मैं जानता था केजरीवाल सही व्यक्ति नहीं हैं नतीजा सामने आया भी, तब कपिल ने मुझे कहा पापा आप सही थे. अब मैं भाजपा ज्वाइन कर रहा हूं. मैंने कहा ये तो मेरे मन की बात हो गई. कपिल उसी संस्कार में लौटे जो हमने उन्हें दिए थे. हालांकि मुझे लगता है कि राजनीति में जाने का रुझान उन्हें उनकी मां से मिला, वे भी दिल्ली में प्रमुख पदों पर राजनीति में रही.

कपिल मिश्रा कभी रीवा नहीं गए, लेकिन उनके पिता प्रोफेसर रामेश्वर मिश्र पंकज बैकुंठपुर थाने के जोडौरी गांव के समीप एक छोटा सा गांव है. पटेहरा वहां के रहने वाले हैं. हालांकि 1974 में ही वे दिल्ली चले गए थे. कपिल यहीं 13 नवंबर 1980 को पैदा हुए. कपिल की मां अनपूर्णा मिश्रा दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन की डिप्टी मेयर भी रहीं. मिश्र कहते हैं कपिल पर उन्हीं का प्रभाव है.”

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