Wednesday, November 13, 2024
spot_img
Homeवार त्यौहारकश्मीरी पंडितों का त्यौहार :'पन -पूज़ा'

कश्मीरी पंडितों का त्यौहार :’पन -पूज़ा’

शिवरात्रि,नवरेह(नव-वर्ष),जन्माष्टमी आदि कश्मीरी पंडितों के महत्वपूर्ण त्योहार हैं।इन्हीं त्योहारों की परम्परा में कश्मीरी पंडितों/हिन्दुओं का एक विशिष्ट त्योहार है “पन द्युन”या ‘पन पूजा’। यह त्योहार विघ्नहर्त्ता गणेशजी को समर्पित है। इस दिन रोट/रोठ का प्रसाद बनता है।
इस बार कुछ ऐसा योग बना कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर हम बेटी अपर्णा के पास पोर्ट ब्लेयर में थे और गणेश-पूजा में शामिल हुए।
पन द्युन” या ‘पनपूजा’ को कश्मीर में देशभर में मनाए जाने वाले गणेश चतुर्थी के त्योहार की तरह ही  समान माना जाता है, लेकिन मनाने का तारीका अपना है।
सुबह-सवेरे धातु का एक बर्तन साफ करके एक उपयुक्त/स्वच्छ स्थान पर रखा जाता है और उसमें कुछ पानी भरा जाता है। घर की महिलाएं मीठी पूड़ियाँ जिन्हें ‘रोठ’ (रोट) कहा जाता है, बनाने की तैयार करती हैं। इन पूड़ियों के दोनों तरफ खसखस के बीज/दाने लगाए जाते हैं। शुद्ध घी में बनी इन पूड़ियों में बड़ी इलायची के दाने खास तौर पर डाले जाते हैं।
परिवार के सदस्य बर्तन के आस-पास ध्यान-मग्न हो कर बैठते हैं और घर की वरिष्ठ महिला एक कहानी सुनाती है, जिसका नैतिक संदेश यह होता है कि इस दिन श्री गणेश की पूजा करके, मीठा पैनकेक तैयार करके और उसे भगवान को अर्पित करके, व्यक्ति के दुर्दिन और दुख दूर होते हैं और वह एक धार्मिक और सुखप्रद जीवन बिताता है।
यह कहानी काफी हद तक सत्य नारायण पूजा/कथा में सुनाई जाने वाली कहानी से मिलती-जुलती है।
कहानी सुनने के बाद, सभी सदस्य बर्तन में फूल और दूब (एक विशेष प्रकार की हरी घास) डालते हैं, जिसे वे पूरे समय अपने हाथ में एक-एक सिक्के के साथ पकडे रहते  हैं। इस दिन तैयार किया गया मीठा रोट प्रसाद बनता है और इसे रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों में बांटा जाता है। नई विवाहिता बेटियों को उनके ससुराल ‘स्पेशल’ रोट’ तैयार कर के भेजे जाते हैं।
भगवान गणेश को विघ्नहर्त्ता कहा गया  है। आइए, गणेश, जो उद्धारक हैं, हमें सभी कष्टों और बाधाओं से मुक्त करें।जय गणेश देवा’

डॉ. शिबन कृष्ण रैणा
8209074186

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार