कोटा / स्थानीय चुरू प्रयास संस्थान की ओर से प्रतिवर्ष राजस्थानी भाषा के ख्यातनाम कथाकार बैजनाथ पंवार की स्मृति में दिया जा रहा बैजनाथ पंवार कथा साहित्य पुरस्कार वर्ष 2024 के लिए झालावाड़ में जन्मे एवं कोटा निवासी प्रख्यात लेखक जितेंद्र निर्मोही को दिया जाएगा। निर्मोही के राजस्थानी उपन्यास ‘रामजस की आतमकथा’ के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
प्रयास संस्थान के सचिव कमल शर्मा ने बताया कि चूरू में पंद्रह सितंबर को प्रस्तावित समारोह में जितेंद्र निर्मोही को पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपए, शाॅल व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व यह पुरस्कार रामस्वरूप किसान, नंद भारद्वाज, मेहरचंद धामू, अतुल कनक, अरविंद आशिया जैसे नामचीन लेखकों के नाम हो चुका है।
7 अप्रेल 1953 को झालावाड़ में मां कमला देवी एवं पिता रमेशचंद्र शर्मा के यहां जन्मे जितेंद्र निर्मोही राजस्थानी एवं हिंदी के उल्लेखनीय हस्ताक्षर हैं। राजस्थानी में काव्यकृति ‘ईं बगत को मिजाज’, ‘गाधि-सुत’, संस्मरण कृति ‘या बणजारी जूण’, निबंध संग्रह ‘बांदरवाळ की लङ्यां’, ‘हाड़ौती अंचल को राजस्थानी काव्य’, कथाकृति ‘कफन को पजामो अर दूजी कथावां’ तथा उपन्यास ‘नुगरी’ एवं ‘रामजस की आतमकथा’ चर्चित-प्रशंसित कृतियां हैं।
हिंदी में भी आपकी अनेक कृतियां हैं। निर्मोही को इससे पूर्व राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर का ‘कन्हैयालाल सहल पुरस्कार’, सृजन सेवा संस्थान श्रीगंगानगर का ‘सूरजाराम जालीवाल राजस्थानी भाषा पुरस्कार’, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर का ‘आगीवाण सम्मान’, नेम प्रकाशन डेह का ‘अमरादेवी पहाड़िया राजस्थानी गद्य पुरस्कार’, लायन्स क्लब बीकानेर का ‘खींवराज मुन्नीलाल सोनी राजस्थानी गद्य पुरस्कार’ सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं। अनेक संस्थाओं से जुड़ाव रखने वाले निर्मोही राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन के एक सजग प्रहरी हैं।