गुलज़ार से विवाह करने से पहले राखी ने अजय बिस्वास नामक एक बांग्ला फिल्म डायरेक्टर से विवाह की थी। लेकिन दो ही सालों बाद राखी की पहली विवाह टूट गई। विवाह टूटने के बाद गुलज़ार और राखी की नज़दीकियां बढ़ी। जहां राखी गुलज़ार साहब की मल्टी टैलेंटेड शख्सियत पर फिदा थी तो वहीं गुलज़ार राखी जी की खूबसूरती के दीवाने थे। दोनों के बीच प्यार हुआ, इकरार हुआ। और आखिरकार 15 मई 1973 के दिन राखी और गुलज़ार की विवाह हो गई। वो विवाह बहुत धूमधाम से हुई थी। फिल्म इंडस्ट्री के बड़े-बड़े स्टार्स उस विवाह में शरीक हुए। सभी ने नवदंपत्ति को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
दिसंबर 1973 में राखी जी ने बेटी मेघना को जन्म दिया। लेकिन बेटी के जन्म के लगभग एक साल बाद ही राखी और गुलज़ार ने अलग होने का फैसला कर लिया। लेकिन वो सब यूं ही नहीं हुआ था। उससे पहले बहुत कुछ हुआ था। इतना कुछ कि वो राखी जी के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। आज गुलज़ार साहब का जन्मदिन है। 18 अगस्त 1934 को अविभाजित भारत के पंजाब राज्य के दीना में गुलज़ार साहब का जन्म हुआ था। इनका असली नाम संपूरण सिंह कालरा है। गुलज़ार इनका पैन नेम है। चलिए, गुलज़ार और राखी के तलाक की वो दुखद कहानी जानते हैं।
विवाह से पहले ही गुलज़ार ने राखी के सामने ये शर्त रख दी थी कि विवाह के बाद वो फिल्मों में काम नहीं करेंगी। गुलज़ार का मानना था कि शादीशुदा महिलाओं को फिल्मों में काम नहीं करना चाहिए। उस वक्त तो राखी ने भी गुलज़ार की वो शर्त स्वीकार कर ली थी। लेकिन उनके मन में ये उम्मीद थी कि अगर किसी और की नहीं, तो कम से कम गुलज़ार उन्हें अपनी फिल्मों में तो काम करने ही देंगे। लेकिन वो हुआ नहीं। राखी जी के कहने के बावजूद गुलज़ार ने उन्हें अपनी किसी फिल्म में कास्ट नहीं किया। जबकी विवाह होने के बावजूद राखी के पास फिल्मों के ऑफर्स की कोई कमी नहीं थी।
राखी जब गुलज़ार से बताती कि उन्हें फिल्मों के ऑफर्स आ रहे हैं तो गुलज़ार वो सुनकर क्षुब्ध हो जाते। गुलज़ार की प्रतिक्रिया देखकर राखी ने उस वक्त आने वाले हर ऑफर को ठुकरा दिया। राखी उसे ही अपनी नियति मान चुकी थी। वो मान चुकी थी कि अब वो फिल्मों में कभी काम नहीं कर पाएंगी। लेकिन फिर एक ऐसी रात आई जिसके बाद सबकुछ बदल गया। राखी और गुलज़ार के तलाक की नींव उस रात पड़ गई। साथ ही साथ राखी का फिल्मों में वापसी का रास्ता भी तैयार हो गया।
गुलज़ार उन दिनों कश्मीर में थे। वो अपनी फिल्म आंधी की शूटिंग वहां कर रहे थे। पूरी यूनिट के साथ-साथ राखी भी गुलज़ार के साथ कश्मीर गई थी। एक रात शूटिंग निपटाने के बाद फिल्म की पूरी टीम पार्टी कर रही थी। फिल्म के हीरो संजीव कुमार ने उस दिन कुछ ज़्यादा ही पी ली। संजीव इतना ज़्यादा नशे में थे कि जब हीरोइन सुचित्रा सेन ने अपने रूम में जाने को कहा तो संजीव कुमार ने उनकी बाजू पकड़ ली। संजीव कुमार कह रहे थे कि अभी कोई कहीं नहीं जाएगा। सब यहीं रहेंगे और मौज करेंगे। सुचित्रा सेन को संजीव कुमार की वो हरकत एकदम नागवार गुज़री। वो संजीव कुमार पर भड़क गई।
लेकिन संजीव कुमार नशे में इतना डूबे थे कि उन पर कुछ फर्क नहीं पड़ा। वो सुचित्रा सेन की बाजू छोड़ने को तैयार ही नहीं हुए। सुचित्रा सेन की आंखों में आंसू आ गए। जब गुलज़ार को पूरा मामला पता चला तो वो सुचित्रा सेन को छुड़ाने आए। और किसी तरह उन्होंने सुचित्रा सेन को संजीव कुमार से छुड़ा लिया। गुलज़ार खुद सुचित्रा सेन को उनके कमरे में छोड़ने गए। सुचित्रा सेन को छोड़कर जब गुलज़ार अपने रूम में वापस आ रहे थे तो उन्हें वहां से निकलते हुए राखी ने देख लिया।
चूंकि राखी को पता नहीं था कि थोड़ी देर पहले क्या हुआ था तो उन्हें अपने पति को एक दूसरी औरत के रूम से रात के समय बाहर निकलते देखना बहुत खराब लगा। राखी ने गुलज़ार से सवाल किया कि वो इस समय सुचित्रा सेन के कमरे में क्या कर रहे थे? गुलज़ार ने राखी को पूरा मामला समझाने की कोशिश की। लेकिन राखी का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्हें ये बात बुरी लगी थी कि गुलज़ार सुचित्रा सेन को उनके कमरे में छोड़ने गए ही क्यों। राखी की इस बात पर गुलज़ार को गुस्सा आ गया। और उन्होंने राखी को एक ज़ोरदार थप्पड़ जड़ दिया। राखी के लिए वो थप्पड़ किसी सदमे से कम नहीं था।
अब आती है अगली सुबह। राखी अभी भी गुलज़ार के रात के थप्पड़ की वजह से सदमे में थी। तभी उन्हें पता चला कि नामी फिल्मकार यश चोपड़ा उन्हें और गुलज़ार को तलाशते हुए कश्मीर आए हैं। दरअसल, यश चोपड़ा राखी को अपनी अगली फिल्म कभी-कभी में कास्ट करना चाहते थे। और उसके लिए यश चोपड़ा को गुलज़ार साहब से परमिशन लेनी थी। यश चोपड़ा होटल आकर गुलज़ार और राखी से मिले। उन्होंने अपनी फिल्म के बारे में कुछ बातें बताई। और इससे पहले कि वो गुलज़ार से राखी को अपनी फिल्म में काम करने की परमिशन मांगते, राखी जी बोल पड़ी,”मैं इस फिल्म में काम करना चाहती हूं।”
ज़ाहिर है, राखी का फिल्म में काम करने की बात कहना, वो भी बिना विचार-विमर्श किए, गुलज़ार को ज़रा भी अच्छा नहीं लगा। उस दिन गुलज़ार और राखी ने अलग होने का फैसला कर लिया। हालांकि दोनों ने ये भी तय किया कि वो तलाक नहीं लेंगे। क्योंकि तलाक की वजह से उनकी बेटी मेघना पर बुरा असर पड़ेगा। मुंबई आने के बाद दोनों अलग रहने लगे। लेकिन अलग होने के बाद भी दोनों का रिश्ता पति-पत्नी जैसा ही रहा। कहने का मतलब, राखी भले ही फिल्मों में फिर से काम करने लगी हों। लेकिन वो और गुलज़ार अब भी एक-दूजे को पति-पत्नी ही मानते थे।
एक इंटरव्यू में राखी ने कहा था कि गुलज़ार अक्सर फोन करके उनसे कहते थे,”मैंने कुछ दोस्तों को घर बुलाया है। लेकिन मेरे घर में खाना नहीं है। तुम जल्दी से झींगा करी बनाकर भिजवा दो। चूंकि गुलज़ार को मेरे हाथ की खीर भी बहुत अच्छी लगती है तो वो आए दिन खीर मंगवाते रहते हैं। साथ ना रहकर भी वो एक-दूजे से कभी अलग नहीं हुए।