Friday, March 21, 2025
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ज्योतिष के चमत्कार से जुड़ी घटनाएँ

ज्योतिष से जुड़ी कई चमत्कारी घटनाएँ इतिहास और वर्तमान में देखने को मिली हैं। ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव हमारे जीवन पर कितना गहरा हो सकता है। यहाँ कुछ प्रमुख घटनाएँ दी जा रही हैं:


1. श्रीराम जन्म का ज्योतिषीय संकेत

रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म तब हुआ जब सभी ग्रह अपने उच्च स्थान पर थे। यह संयोग दुर्लभ माना जाता है। वाल्मीकि रामायण में वर्णन है कि श्रीराम के जन्म के समय—

  • चंद्रमा – कर्क राशि में
  • सूर्य – मेष राशि में
  • गुरु (बृहस्पति) – कर्क राशि में उच्चस्थ
  • शनि – तुला राशि में उच्चस्थ
  • मंगल – मकर में उच्च
  • राहु और केतु – शुभ स्थान पर

यह योग एक दिव्य आत्मा के जन्म का संकेत था, जिसे विष्णु का अवतार माना गया।


2. महाभारत में ज्योतिष का प्रभाव

महाभारत में कई ज्योतिषीय भविष्यवाणियाँ सच हुईं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध घटना थी—कुरुक्षेत्र युद्ध का समय निर्धारण।

  • जब श्रीकृष्ण पांडवों के दूत बनकर हस्तिनापुर गए थे, तब उन्होंने ग्रहों की स्थिति देखकर दुर्योधन को चेतावनी दी थी कि “यदि अमावस्या के दिन ग्रहण हुआ तो कौरवों का नाश निश्चित है।”
  • आश्चर्यजनक रूप से, उसी समय सूर्य ग्रहण हुआ और कुछ ही दिनों बाद महायुद्ध हुआ, जिसमें कौरवों का अंत हो गया।

3. ज्योतिषीय गणना से अकाल की भविष्यवाणी

19वीं शताब्दी में भारतीय ज्योतिषियों ने ग्रहों की दशाओं को देखकर बंगाल में भयंकर अकाल की भविष्यवाणी की थी। 1876-78 के दौरान जब शनि और राहु की युति बनी, तब सचमुच बंगाल में विनाशकारी अकाल पड़ा, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए।


4. हिटलर और ज्योतिषीय संकेत

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, हिटलर के निजी ज्योतिषी ने उसे चेतावनी दी थी कि यदि वह रूस पर आक्रमण करता है, तो उसका पतन तय है। लेकिन हिटलर ने ज्योतिषीय चेतावनी को अनदेखा किया और 1941 में रूस पर हमला कर दिया। इसके बाद जर्मनी को भयंकर नुकसान हुआ और अंततः हिटलर का पतन हो गया।


5. इंदिरा गांधी की मृत्यु की भविष्यवाणी

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के ज्योतिषीय पत्र में “मारक दशा” (घातक समय) का संकेत था। कई ज्योतिषियों ने कहा था कि 1984 उनके लिए संकटकारी होगा।

  • 31 अक्टूबर 1984 को राहु-शनि की अशुभ दशा चल रही थी और उसी दिन उनकी हत्या कर दी गई।

6. सचिन तेंदुलकर का भाग्यशाली परिवर्तन

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को करियर की शुरुआत में कुछ कठिनाइयाँ हुईं। उनके गुरु ने उन्हें नीला नीलम (ब्लू सफायर) पहनने की सलाह दी, जो शनि का रत्न है।

  • रत्न पहनने के बाद उनका खेल और करियर ऊँचाइयों तक पहुँच गया।
  • यह घटना ज्योतिष के प्रभाव को दर्शाती है।

7. भारत की स्वतंत्रता और ग्रह योग

15 अगस्त 1947 को जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तब ग्रहों की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण थी—

  • राहु और चंद्रमा का संयोग हुआ था, जो संकेत देता है कि भारत को आजादी मिलेगी, लेकिन संघर्ष बना रहेगा।
  • यह योग भविष्यवाणी करता था कि भारत को स्वतंत्रता मिलेगी, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और चुनौतियाँ बनी रहेंगी, जो सही साबित हुई।

8. जयललिता की कुंडली और उनका उत्थान-पतन

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के जीवन में ज्योतिष का गहरा प्रभाव देखा गया।

  • 1991 में जब उनकी कुंडली में गुरु और शनि की शुभ दशा आई, तब वे पहली बार मुख्यमंत्री बनीं।
  • लेकिन 2014 में जब शनि की अशुभ दशा आई, तब उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाना पड़ा।
  • 2016 में फिर शुभ दशा आई, लेकिन अंततः मृत्यु के समय अशुभ ग्रहों का प्रभाव था।

9. नरेंद्र मोदी और 2014 का चुनाव

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के चुनाव से पहले कई ज्योतिषियों ने कहा था कि—

  • “शनि और गुरु की विशेष दशा उनके पक्ष में है, जिससे वे बड़े पद पर पहुँच सकते हैं।”
  • 2014 में जब चुनाव हुए, तब शनि की शुभ दशा चल रही थी, और वे प्रधानमंत्री बने।

10. केदारनाथ आपदा की भविष्यवाणी

2013 में उत्तराखंड में केदारनाथ की भयानक आपदा आई। कुछ ज्योतिषियों ने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि—

  • राहु, शनि और मंगल का संयोग किसी प्राकृतिक आपदा का संकेत दे रहा है।
  • 16-17 जून को जब ये संयोग चरम पर पहुँचा, तभी भयंकर बाढ़ आई और हजारों लोग हताहत हुए।

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