Tuesday, January 21, 2025
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Homeकवितादेश मेरे का गुणगान रहे

देश मेरे का गुणगान रहे

देश मेरे का नाम सदा आबाद रहे
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द का गान रहे
रानी लक्ष्मीबाई और भगत सिंह का नाम
सदा ही गुजायमान रहे
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द का नारा हर ओर रहे
विश्व गुरु बन कर भारत ने अपना लोहा मनवाया है
इस सोने की चिड़िया का एक बार फिर
वही मान सम्मान रहे
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द का नाम
सदा आसमान में चमकता रहे
जात पात, हिंदूं मुस्लिम का भेद
न किसी के मन में रहे
देश सदा सब से ऊंचा यही विचार रहे
जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द का नारा
सभी ओर लगता रहे
सीना फोलादी, सेना जांबाजी
सभ्यता का डंका बजता रहे
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द मिल कर सारा जहां कहे।
रेणु सिंह ‘ राधे ‘, कोटा ( राजस्थान )
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एक निवेदन

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