नई दिल्ली। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) दक्षिण दिल्ली-03 द्वारा 14 फरवरी, 2025 को पांचवें राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा और गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी के कुशल मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के अंतर्गत आने वाली नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति दक्षिण दिल्ली-03 द्वारा 2021 से हर वर्ष राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
भारतीय जन संचार संस्थान, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) दक्षिण दिल्ली-03 का अध्यक्ष कार्यालय है, जिसके अंतर्गत जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी, दिल्ली), राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट), भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), केंद्रीय विद्यालय संगठन, सेबी आदि जैसे 90 सदस्य कार्यालय आते हैं। नराकास दक्षिण दिल्ली-03 और उसके सदस्य कार्यालय समय-समय पर राजभाषा सम्मेलन, संगोष्ठियों और प्रतियोगिताओं के माध्यम से सरकारी कामकाज में राजभाषा हिंदी के प्रति जागरुकता पैदा करने और उसके प्रयोग में गति लाने हेतु प्रतिबद्ध हैं।
नराकास दक्षिण दिल्ली-03 के सदस्य सचिव श्री अंकुर विजयवर्गीय ने राजभाषा सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष नराकास अध्यक्ष कार्यालय भारतीय जन संचार संस्थान और छह सदस्य कार्यालय 1) केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद 2) कार्यालय मुख्य अभियंता सह कार्यकारी निदेशक, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, आई.आई.टी. दिल्ली 3) भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित 4) केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद 5) राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान एवं 6) कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रुप से राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में 90 सदस्य कार्यालयों के लगभग 200 अधिकारी शामिल होंगे।
श्री विजयवर्गीय ने बताया कि सम्मेलन चार सत्रों में होगा। शुभारंभ सत्र में केंद्रीय हिंदी निदेशालय के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी, नराकास अध्यक्ष एवं भारतीय जन संचार संस्थान की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर, भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित की प्रबंध निदेशक श्रीमती एनिस जोसेफ चंद्रा, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ. सुधांशु एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के निदेशक प्रो. धीरज शाह अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे। ‘राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन में नराकास का योगदान’ विषय पर आयोजित सत्र को केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एन जहीर अहमद, आई.आई.टी. दिल्ली परियोजना अंचल, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी निदेशक श्री राजेश कुमार और भारतीय जन संचार संस्थान सह आचार्य डॉ. पवन कौंडल संबोधित करेंगे।
सम्मेलन में ‘मीडिया, सिनेमा और हिंदी’ पर भी एक विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक श्री चितरंजन त्रिपाठी, एबीपी न्यूज के कार्यकारी संपादक श्री श्रीवर्धन त्रिवेदी एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में आचार्य प्रो. अंकुर यादव अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम का समापन कवि सम्मेलन से होगा, जहां प्रो. जितेंद्र श्रीवास्तव, डॉ कीर्ति काले, श्री ओम प्रकाश कल्याणे, श्री अरविंद पथिक और डॉ. गणेश शंकर श्रीवास्तव अपनी कविताएं प्रस्तुत करेंगे।
श्री विजयवर्गीय ने कहा कि पांचवें राजभाषा सम्मेलन का आयोजन इस मायने में भी विशेष है, क्योंकि यह आयोजन हिंदी के राजभाषा बनने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हीरक जयंती के रूप में आयोजित किया जा रहा है। हिंदी के राजभाषा बनने की 75 वर्ष की यात्रा ने न केवल कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए हैं, बल्कि तकनीक के क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति भी की है।