हिंदी उपनिषद , साहित्यकारों का सम्मान, पुस्तकों का लोकार्पण के आयोजन हुए
कोटा/नाथद्वारा । हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्य मंडल नाथद्वारा की ओर से नाथद्वारा में 14 एवं 15 सितंबर को आयोजित ” हिंदी लाओ देश बचाओ “दो दिवसीय समारोह में हिंदी उपनिषद , साहित्यकारों का सम्मान, पुस्तकों का लोकार्पण, सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन के आयोजन किए गए। हिंदी उपनिषद में दिल्ली के डॉ.राहुल, मधुबनी की विभा कुमारी, बेंगलुरु की उर्मिला ‘ उर्मी ‘ , डॉ. मंजु गुप्ता, उदयपुर ले डॉ. नवीन नंदवाना तथा श्रीगंगानगर के डॉ.गोपीराम शर्मा ने हिंदी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए हिंदी भाषा के अधिक से अधिक प्रचार – प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया।
वक्ताओं ने कहा हमें गर्व है हिंदी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी भाषा हैं। हमें अपनी राष्ट्र भाषा पर गर्व है और इसे अधिक से अधिक समृद्ध बना हम सब का धर्म है। वक्ताओं ने स्व. भगवती प्रसाद देवपुरा को स्मरण किया जो जीवन भर हिंदी भाषा के विकास के लिए कृत संकल्प रहे और कई वर्षों पूर्व इस समारोह की शुरुआत की। उन्होंने उनके पुत्र श्याम प्रकाश देवपुरा का आभार व्यक्त किया जो पूरे समर्पण के साथ निरंतर इस समारोह का आयोजन कर पिता के प्रण को जीवंत बनाए हुए हैं।
समारोह में देशभर से आए 68 साहित्यकारों को उपरना, मोतियों का कंठाहार ,मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर श्रीफल, श्रीनाथ जी की तस्वीर और प्रसाद तथा सम्मान पत्र भेंट कर विभिन्न उपाधियों और अलंकरणों से पुरस्कृत और सम्मानित किया गया। श्रीनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी इंद्रवदन गिरनारा का भी सम्मान किया गया। दिल्ली की कत्थक नृत्यांगना डॉ.प्रभा दुबे और साथी कलाकारों का कत्थक नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने और अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने एक से बढ़ कर एक रचनाएं सुना कर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के प्रधानमंत्री श्याम देवपुरा ने किया।
पुस्तकों का लोकार्पण :
समारोह में कोटा के लेखक डॉ.प्रभात कुमार सिंघल की “अद्भुत भारत “( उत्तर भारत, दक्षिण भारत, पूर्व भारत, पश्चिम भारत, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत ) की 6 पुस्तकों का लोकार्पण संस्था के प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा, अध्यक्ष मदन मोहन शर्मा, साहित्यकार पुरुषोत्तम पल्लव , हीरालाल ‘ मिलन ‘, डॉ.राजेंद्र नाथ शर्मा ‘ अरुण ‘, अमर सिंह बछाल, डॉ. राहुल, डॉ. कृष्णा कुमारी द्वारा किया गया। लेखक डॉ. सिंघल ने बताया कि भारत को जानने के लिए लिखी गई ये पुस्तकें पाठकों को भारत के इतिहास, भूगोल, विकास की गाथा,कला – संस्कृति और पर्यटन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने में सक्षम हैं। ये पुस्तकें सामान्य ज्ञान, शोध और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।
इस अवसर पर अन्य पुस्तकों में आनंद शर्मा और प्रेमपाल शर्मा की पुस्तक ” डॉ. स्मरजीत जैना : अंधेरी जिंदगियों में रोशनी के मसीहा “, दिल्ली के डॉ. राहुल की पुस्तक ” कालापानी की अंतर्व्यथा “, किशोर शर्मा सारस्वत का उपन्यास ” बड़ी माँ ” , डॉ. अवध हरी की पुस्तकें ” जगन्नाथाष्टम “, ” कांकधारा स्तोत्र ” और अन्य पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम में राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, झारखंड और कर्नाटक से आए साहित्यकार उपस्थित रहे।
समारोह में जिन साहित्यकारों और अन्य विभूतियों को सम्मानित किया गया वे इस प्रकार हैं। बिजनौर के विदुर भारद्वाज, इंदौर के राजेश मेहरा, कोलकाता के डॉ. सुनील कुमार शर्मा, डॉ. बाबू लाल शर्मा, कत्थक नृत्यांगना दिल्ली की डॉ. प्रभा दुबे, मुरादाबाद के डॉ. महेश दिवाकर, केलीफोर्निया ( अमेरिका ) की डॉ. अनीता कपूर, चेन्नई की डॉ. के. आनंदी , लखीमपुर खीरी के संतकुमार वाजपेयी , गोला गोकर्णनाथ के डॉ, वेदप्रकाश अग्निहोत्री, तिनसुखिया – असम के मनोज मोदी, मथुरा के हुकुमचंद तिवारी, पुणे के डॉ. सत्येंद्र सिंह , डॉ. अरुणा पाठक, पटना के सिद्धेश्वर, मधुबनी की डॉ. विभा कुमारी, होशियारपुर की डॉ. प्रिया सूफी, देहरादून की विद्युत प्रभा चतुर्वेदी, वाराणसी की डॉ. शशिकला पाण्डेय , डॉ. मालती गोस्वामी , दरभंगा के डॉ. हीरालाल सहनी , रायपुर के डॉ. लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा, डॉ. गिरिजा शंकर गौतम , लखनऊ के डॉ. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, उमा शंकर, मुंबई की प्रो. उमा मिश्र, जमशेदपुर के डॉ.ब्रजेंद्रनाथ मिश्र, माधवी उपाध्यय,डॉ. वीना पाण्डेय , शीतल प्रसाद दूबे, सुलतानपुर के हरिनाथ शुल्क , बेंगलुरु की उर्मिला उर्मि , माणक तुलसी राम गौड़, डॉ. मंजु गुप्ता, अयोध्या से डॉ. हरी प्रसाद दुबे एवं अवधि हरी शामिल हैं।
अन्य सम्मानितों में नाथद्वारा से डॉ. हरीश गहलोत, डॉ. राजेंद्र कुमार जांगिड़, प्रमोद सनाढ्य, उदयपुर से डॉ. नवीन नंदवाना, डॉ. पुरुषोत्तम पल्लव, इंदौर से माधुरी यादव, शोभा रानी, नोएडा से डॉ.बृज लता शर्मा, जयपुर से प्रो. सूरज पालीवाल, जगदीश मोहन रावत, रांची से डॉ. प्रशांत गौरव, गंगानगर से डॉ. गोपीराम शर्मा, गया से डॉ. राम सिंहासन सिंह, बडौद से डॉ.धनंजय चौहान, अहमदाबाद से डॉ. धीरज भाई , जलंधर से डॉ. कुलविंदर कौर, नवी मुंबई से डॉ. मनोहर अभय, मुंबई से संपूर्णानंद द्विवेदी, आगरा से रविंद्र वर्मा, प्रभुदत्त उपाध्याय, झालरापाटन से धनश्याम आचार्य , अलवर से राज गुप्ता, कांकरोली से पीरदान चारण, शाहपुरा से बालकृष्ण जोशी, मेरठ से प्रो. सरोजनी , आगरा से रमेश अधीर, भरतपुर से मनमोहन अभिलाषी , फर्रुखाबाद से डॉ .संतोष पाण्डेय, कानपुर से प. बाबूलाल शर्मा, राची से डॉ.तारामती पांडेय एवम् विनय कुमार पाण्डेय को सम्मानित किया गया।
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