कोटा। पुरातत्वविद् रमेश वारिद की द्वितीय पुण्य तिथि के अवसर पर आरकेपुरम में परिवार जनों के मध्य श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वरिष्ठ संस्कृति कर्मी पर्यटक लेखक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने कहा कि रमेश वारिद इतिहास और साहित्य के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने हागोती के पुरात्व पर 60 आलेखों की श्रंखला लिख कर पुरास्थल और उनके स्थापत्य और मूर्ति शिल्प को सामने लाए, उनके ये शोधपरक आज उपलब्ध नहीं हैं। वे मिलनसार वृति के और सबका सहयोग करने वाले विद्वान थे।
कथाकार-समीक्षक विजय जोशी ने कहा कला-साहित्य, संस्कृति तथा पुरातत्व एवं इतिहास से सन्दर्भित शोध लेखन को समर्पित कला-समीक्षक, साहित्यकार पुरातत्वविद् रमेश वारिद आध्यात्मिक साहित्य एवं दर्शन के अध्येयता और प्रखर वक्ता थे जो सृजन परिवेश को संरक्षित और विकसित करने हेतु सदैव तत्पर रहे।
श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपस्थित परिजनों में साक्षी, राघवेंद्र, संजय, कविता ने उन्हें संस्कृति कर्मी एवं साहित्य – समाज को समर्पित प्रेरक व्यक्तित्व बताया। वरिष्ठ उपन्यासकार एवं भौतिक विज्ञानी डॉ. गणेश तारे, हाड़ौती पर्यावरण संरक्षण समिति के संभागीय अध्यक्ष श्याम मनोहर हरित तथा नगर निगम कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष, अध्यक्ष मेला समिति एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य,भाजपा राजस्थान, जयपुर के सदस्य विवेक राजवंशी ने अपने सन्देश में श्रद्धांजलि अर्पित करते गहरी संवेदना अभिव्यक्त की।