ऊंची – ऊंची चट्टानों के मध्य बल खा कर अविरल बहती चंबल नदी की सुरम्य वादियों के चित्ताकर्षक मनोहारी प्राकृतिक दृश्य। वन्यजीवों की अठखेलियां, पक्षियों की किलोल और चट्टान से गिरता झरना। लीक से हट कर ( ऑफ बीट) पर्यटन स्थल गरडिया महादेव कल तक अल्प ज्ञात स्थल था। राजस्थान के कोटा शहर से 20 किलोमीटर दूरी पर इस रोमानी दृष्यवली के मध्य समुद्र तल से 500 फीट की ऊंचाई पर एक हरी भरी चट्टान पर स्थित गरडिया महादेव शिव को समर्पित मंदिर है। पर्यटक बड़ी संख्या में यहां पहुंच कर शिव के दर्शन कर प्राकृतिक लैंड स्केप के जादुई सम्मोहन में खो जाते हैं और जी भर कर इस खूबसूरती का लुत्फ उठाते हैं।
कोटा के गराडिया महादेव स्थित चम्बल के व्यू को राष्ट्रीय स्तर पर हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रदेशभर में पर्यटक स्थलों में इंडिया टुडे समूह द्वारा आयोजित ट्यूरिज्म अवार्ड में बेस्ट आइकोनिक लैंड स्केप डेस्टिनेशन श्रेणी में कोटा को पुरस्कार दिया गया। साथ ही डेजर्ट फेस्टिवल डेस्टिनेंशन में रनरअप का पुरस्कार जैसलमेर मेले को मिला हैं। केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी.किशन रेड्डी ने राज्यों को पुरस्कार प्रदान किये। राजस्थान की ओर से निदेशन पर्यटन निशांत जैन ने पुरस्कार प्राप्त किये।
इस महत्वपूर्ण पर्यटन पुरस्कार से गरडिया महादेव लैंड स्केप को निश्चित ही देश व्यापी पहचान मिलेगी और अब धरेलू – विदेशी सैलानी भी इस ऑफ बीट पर्यटन स्थल की और रुख कर सकेंगे। एवियन प्रजातियों के पक्षी, वन्य जीवों की उपस्थिति और विविध वनस्पतियों का संसार पर्यटकों के साथ – साथ फोटोग्राफरों के लिए बड़ा आकर्षण है। मुख्य स्थल तक जाने के लिए चट्टानों की छोटी सी चधाई पार कर कुछ सीढ़ियों से नीचे उतरना अपने आप में रोमांचित करता हैं। नजारा इतना मोहक है कि सैलानी आवक रह जाते हैं और बरबस मुंह से निकलता है वंडरफुल…. अदभुत….। कोटा से चंबल नदी के रास्ते बोट से भी यहां की कराई तक पहुंच कर मनोहारी दृश्यावलियों का लुत्फ ले सकते हैं।
गरडिया महादेव घूमने का कार्यक्रम बना रहे हैं तोअवगत करा दें की कोटा में गरडिया महादेव मंदिर के अलावा भी अन्य प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जिन्हें आप अपनी गरडिया महादेव मंदिर कोटा की यात्रा के दौरान अवश्य घूम सकते हैंं।
1. सेवन वंडर्स पार्क कोटा
2. कोटा गढ़ पैलेस
3. राव माधोसिंह संग्रहालय कोटा
4. गेपर नाथ महादेव
5. खड़े गणेश जी मन्दिर और गणेश उद्यान
6. चंबल उद्यान
7. किशोर सागर
8. बृजविलास पैलेस सरकारी संग्रहालय
9. मथुराधीश मंदिर
10. ऐतिहासिक कंसुआ शिव मंदिर कोटा
11. मुकंदरा राष्ट्रीय पार्क
12. मनोरम बूंदी
चट्टानों पर सम्भल कर चलना होता है। परिचय पत्र साथ रखे, वन विभाग की चौंकी पर जरूरत पड सकती हैं। यहां मोबाइल नेटवर्क सही नहीं होने से अपने कुछ परिचितों को बता कर जाएं। करीब एक से दो घंटे का समय यूं बीत जाता है पता ही नहीं चलता। यहां खाने – पीने के लिए कुछ नहीं मिलता अतः कुछ अल्पाहार एवं पीने का पानी साथ लेजाना चाहिए। यहां प्रतिदिन सुबह 6.00 बजे से शाम 7.00 बजे तक सैलानी जा सकते हैं। वीडियो कैमरे के लिए निर्धारित शुल्क देना होता है। यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। मानसून के बाद हरियाली पूरे शबाब पर होती हैं। यहां प्रवेश के लिए प्रति वयस्क 75 रु., स्टूडेंट 20 रू एवं विदेशी नागरिक 500 रु. शुल्क देय हैं। पार्किंग शुल्क भी प्रथक से लगता हैं।
यहां पहुंचने के लिए कोटा रेल्वे जंक्शन दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर स्थित है। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, पुणे और चेन्नई आने-जाने वाली ट्रेन कोटा स्टेशन पर रुकती हैं। आप किसी भी प्रमुख शहर के ट्रेन से यात्रा करके कोटा रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं और रेलवे स्टेशन से टैक्सी, केब या ऑटो बुक करके गरडिया महादेव मंदिर कोटा पहुंच सकते हैं। कोटा बस सेवा से भी राजस्थान के सभी शहरों के अलावा देश के कई शहरों से जुड़ा है। निकटम एयर पोर्ट 240 किलोमीटर दूर जयपुर में स्थित है। कोटा में आवास एवं भोजन की अच्छी सुविधाएं हैं और हर बजट के होटल उपलब्ध हैं।
डॉ.प्रभात कुमार सिंघल,कोटा
लेखक एवं पत्रकार