Thursday, March 27, 2025
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राजभवन भुवनेश्वर में पहली बार मनाया गया बिहार दिवस

संस्था के अध्यक्ष राजकुमार के अनुसार आयोजन बिहार-ओड़िशा की सांस्कृतिक और लोक पारंपरिक एकता को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हुआ

भुवनेश्वर। बिस्वास,भुवनेश्वर के सौजन्य से राजभवन भुवनेश्वर में पहली बार 22 मार्च को अपराह्न बेला में सांस्कृतिक आदान-प्रदान (नृत्य-गायन ) के द्वारा बिहार दिवस मनाया गया।अवसर पर स्वागत की औपचारिकता वखूबी निभाए बिस्वास भुवनेश्वर के अध्यक्ष राजकुमार ने। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि ओड़िशा के महामहिम राज्यपाल डॉ.हरिबाबू कंभमपति के प्रति वे हृदय से आभारी हैं जिन्होंने भारत के माननीय प्रधानमंत्री के संदेशः एक भारतःश्रेष्ठ भारत के तहत यह आयोजन राजभवन,भुवनेश्वर में आयोजित कराया जिसमें एक तरफ बिहार की लोकसंस्कृति का शानदार प्रदर्शन हुआ वहीं ओड़िशा की लोकसंस्कृति का भी।
ओड़िशा के लोकसम्पर्क विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी संजय सिंह ने बताया कि ओड़िया और बिहारी भाषाओं को बोलने में कोई दिक्कत नहीं है। दोनों में काफी समानता है। साथ ही साथ दोनों प्रदेशों के खान-पान में भी काफी समानता है। गौरतलब है कि ओड़िया और बिहारी हिन्दी अर्द्धमागधी भाषा परिवार की भाषाएं हैं जिनमें मैथिली,भोजपुरी,ओड़िया आदि भाषाएं आतीं हैं। अवसर पर अनेक बिहारी वक्ताओं ने अपनी-अपनी बिहारी-ओड़िया एकता की अनुभूति व्यक्त की। अवसर पर बिहार से पधारे बिहार के आईटी मंत्री ने बिहार की जनता की ओर से ओड़िशा के महाहमिम राज्यपाल के प्रति इस आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।साथ ही साथ बिहार के वर्तमान राज्यपाल का संदेश भी बिहार दिवस के अवसर पर पढ़ा गया।
समारोह के मुख्य अतिथि ओड़िशा के महामहिम राज्यपाल डॉ हरिबाबू कंभमपति ने बताया कि आज सम्पूर्ण भारत को सांस्कृतिक आदान-प्रदान के द्वारा जोड़ने की आवश्यकता है जिसका संदेश भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी अपनी संकल्पनाः एक भारतःश्रेष्ठ भारत के तहत व्यक्त की है।आयोजन के अंत में बिस्वास भुवनेश्वर के अध्यक्ष राजकुमार,उपाध्यक्ष अजय बहादुर सिंह तथा सचिव अशोक भगत ने राज्यपाल आदि को स्मृतिचिह्न,बिहार की मधुबनी शॉल तथा पौधा भेंटकर उन्हें सम्मानित किया।संस्था के अध्यक्ष राजकुमार के अनुसार आयोजन बिहार-ओड़िशा की सांस्कृतिक और पारंपरिक एकता को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हुआ।

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