Monday, March 17, 2025
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विजय मनोहर तिवारी होंगे माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के कुलगुरु का पद पिछले कई महीने से खाली था लेकिन अब कुलगुरु के नाम की घोषणा होने से फाइनली यूनिवर्सिटी को अपना वाइस चांसलर मिल गया है। पिछले साल सितंबर, 2024 में केजी सुरेश की रिटायर होने के बाद से ही यूनिवर्सिटी में यह पद रिक्त था। इसके बाद से ही इस पद के लिए कई नामों की चर्चा चल रही थी। हालांकि, अंत में सीएम की ओर से विजय मनोहर तिवारी के नाम पर मुहर लगाई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 15 सितंबर 2024 को केजी सुरेश की जगह जन संपर्क आयुक्त सुदामा पी खाड़े को कुलगुरु का प्रभार सौंपा गया था।   इनका कार्यकाल चार वर्ष की अवधि का होगा। विजय मनोहर तिवारी इससे पहले  सूचना आयुक्त के पद पर भी रह चुके हैं। कुलगुरु बनने की दौड़ में आशीष जोशी, विकास दवे, अनिल कुमार सौमित्र और विजय मनोहर तिवारी थे। विजय मनोहर तिवारी के नाम पर सरकार ने मुहर लगा दी है।

गणित में एम. एस. – सी. उपा‌ध‌िधारी विजयमनोहर तिवारी ने एक वर्ष कॉलेज में गणित का अध्यापन किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता वि. वि. भोपाल से प्रथम श्रेणी में प्रथम पत्रकारिता स्नातक की उपाध‌ि  प्राप्त की । ‘ नईदुनिया ‘ और ‘ सहारा – समय ‘ न्यूज चैनल में रिपोर्टिंग के बाद संप्रति ‘ दैनिक भास्कर ‘ में विशेष संवाददाता रहे । चार पुस्तकें – ‘ सहरिया ‘, ‘ एक साध्वी की सत्ता – कथा ‘, ‘ हरसूद 30 जून ‘, ‘ प्रिय पाकिस्तान ‘ प्रकाशित हुई । ‘ हरसूद 30 जून ‘ के लिए ‘ भारतेंदु हरिश्‍चंद पुरस्कार ‘ मिला ।

उनकी प्रमुख पुस्तकों में शामिल हैं:
“उफ़! ये मौलाना: इंडिया फाइट्स कोरोना”: यह पुस्तक 2020 में प्रकाशित हुई थी और इसे पाठकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
“एक साध्वी की सत्ता कथा”: 2008 में प्रकाशित इस पुस्तक में एक साध्वी के जीवन और संघर्षों का वर्णन है।
“राहुल बारपुते”: 2010 में प्रकाशित यह पुस्तक प्रसिद्ध पत्रकार राहुल बारपुते के जीवन पर आधारित है।
“हरसूद 30 जून”: 2009 में प्रकाशित इस पुस्तक में हरसूद शहर के विस्थापन की कहानी है।
“जागता हुआ कस्बा”: 2022 में प्रकाशित इस पुस्तक में कस्बाई जीवन की संवेदनाओं और इतिहास के साये का वर्णन है।
“सहरिया”: 2009 में प्रकाशित इस पुस्तक में मध्य प्रदेश के सहरिया जनजाति की सांस्कृतिक इतिहास का विवरण है।
“हिंदुओं का हश्र: इतिहास से गायब अनकही कहानियाँ”: यह पुस्तक भारतीय इतिहास में हिंदुओं की अनकही कहानियों पर प्रकाश डालती है।

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