Wednesday, November 13, 2024
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वैनायकी श्री गणेश व्रत/सिद्धिविनायक चतुर्थी/गणेश चतुर्थी

मित्रों! भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि 6 सितंबर दिन शुक्रवार को दिन में 12 बजकर 9 मिनट से प्रारम्भ हो जायेगी जोकि 7 सितंबर शनिवार को दिन में 2 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदया तिथि को आधार बनाकर सिद्धिविनायक गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को ही मनाई जाएगी।

भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को कलंक चतुर्थी भी कहते हैं।कलंक चतुर्थी के सम्बन्ध में कुछ पौराणिक कथाओं का वर्णन मिलता है जिसमें गणेश जी द्वारा चंद्रमा को श्राप देने से संबन्धित कथा व इसी दिन चन्द्र दर्शन की वजह से भगवान श्रीकृष्ण को स्यमयंतक मणि की चोरी का झूठा कलंक लगने की कथाएं मुख्यतः प्रचलित हैं। इसलिए आम जनमानस में मान्यता है कि इस दिन चन्द्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए अन्यथा जीवन में किसी भी प्रकार का झूठा कलंक लग जाता है।

हमारी पौराणिक कथाओं में किसी गूढ़ ज्ञान का रहस्य भी छिपा होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार तो भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी में चन्द्र दर्शन वर्जित है। परन्तु इसके पीछे छिपे दार्शनिक पहलू को समझने की भी कोशिश करें। गणेश जी बौद्धिक ज्ञान के देवता हैं।उनके आशीर्वाद से व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है। गणेश जी हमारी बुद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं तो वहीं ‘चन्द्रमा मनसो जात:’ अर्थात् चन्द्रमा हमारे मन का कारक है।  चन्द्रमा हमारे मन का प्रतिनिधित्व करता है। जब गणेश जी का उदय होगा अर्थात् हमारी बुद्धि का उदय होगा तो मन के प्रति हमारी स्वत: समाप्त हो जायेगी। अगर हमारी बुद्धि जाग्रत हो जाये और फिर भी हम अपने मन की ओर देखेंगे या मन की बात मानेंगे तो हमें बुरे परिणाम ही मिलेंगे। हमारे जीवन को कलंकित होना तय है। इसलिए गणेश जी के प्रादुर्भाव दिवस पर चन्द्र दर्शन नहीं करना चाहिए।

*कलंक चतुर्थी व गणेश चतुर्थी व्रत कब मान्य रहेंगे..?*

जैसा कि 6 सितंबर शुक्रवार को ही 12 बजकर 9 मिनट से चतुर्थी तिथि प्रारम्भ हो रही है इसलिए रात्रि में चन्द्र दर्शन निषेध का विधान रहेगा और कलंक चतुर्थी की मान्यता 6 सितंबर शुक्रवार को ही रहेगी क्योंकि अगले दिन 2 बजकर 6 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त हो जायेगी, फिर रात्रि में चन्द्र दर्शन संबंधी दोष का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा। शुक्रवार के दिन अगर भूलवश चन्द्र दर्शन हो जाएं तो दोष शांति के लिए मन्त्र जाप करना चाहिए। मन्त्र इस प्रकार है — “सिंहःप्रसेनमवधीत्,सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव, ह्येष स्यमन्तकः।।”

इसी प्रकार गणेश चतुर्थी व्रत उदया तिथि के अनुसार 7 सितंबर दिन शनिवार को मान्य रहेगा। इसी दिन महाराष्ट्र में गणेशोत्सव का प्रारंभ हो जाएगा। बंगाल में इसे सौभाग्य चतुर्थी कहते हैं तो वहीं तमिलनाडु में विनायक चतुर्थी नाम से जानी जाती है। अतः इस दिन बौद्धिक ज्ञान के अधिष्ठाता भगवान गणेश जी की आराधना करते हुए श्रीगणेश चतुर्थी व्रत रखें व हर्षोल्लास के साथ गणेशोत्सव मनायें। जब गणेश जी का आगमन होता है तो शुभ, लाभ, रिद्धि सिद्धि स्वयं स्थापित हो जाते हैं। गणेश जी विघ्नों को नाश करने वाले विघ्नहर्ता हैं व सदैव मंगल करने वाले मंगलमूर्ति हैं।तो आइए भगवान गणेश की पूजा अर्चना करके प्रसन्न करें और अपने मनोवांछित फलों की प्राप्ति करें।
आप सभी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

सौरभ दुबे (Astro Consultant)
*काशी/बनारस/वाराणसी*
*वाट्सएप-9198818164*

 

On Sun, Aug 25, 2024, 11:52 AM ज्योतिष परामर्श <saurabhsd5688@gmail.com> wrote:

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