कोटा। भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के अधीन राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा द्वारा डॉ एस.आर.रंगानाथन कनवेशनल हाल मे संभाग स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह 2024 का आयोजन किया गया | कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ रामवातार मेघवाल एसोशिएट प्रोफेसर हिन्दी विभाग राजकीय कला महाविद्यालय कोटा , मुख्य अतिथि डॉ विवेक कुमार मिश्र प्रोफेसर हिन्दी विभाग राजकीय कला महाविद्यालय कोटा, अति विशिष्ट अतिथि डॉ आदित्य कुमार गुप्ता प्रोफेसर हिन्दी विभाग राजकीय कला महाविद्यालय कोटा, बीज भाषण एवं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर के.बी. भारतीय, विशिष्ट अतिथि डॉ गोपाल कृष्ण भट्ट “आकुल” आमंत्रित व्याख्यान डॉ. मधु सनाढय शिक्षाविद डीएवी पब्लिक स्कूल कोटा , गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ रश्मि श्रीवास्तव , मंच संचालन श्री सत्येंद्र वर्मा उप प्राचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बपावर कोटा रहे | इस कार्यक्रम की का केंद्रीय विषय “हिन्दी का वैश्विक संदर्भ : चुनौतियाँ एवं संभावनाए” रहा |
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि – हिंदी और तकनीक के संयोजन से बना देश तरक्की की ओर बढ़ता है, जहाँ पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक नवाचार मिलते हैं। हिंदी भाषा की शक्ति और तकनीक की क्षमता मिलकर देश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाती हैं।”अर्थात, हिंदी और तकनीक के मेल से देश तरक्की की राह पर चलता है, जहां पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक नवाचार एक साथ मिलते हैं।
इस अवसर पर बीज भाषण देते हुये प्रोफेसर भारतीय ने कहा कि – हिन्दी दिवस की प्रासंगिकता यही हे कि जीवन के जिन क्षेत्रो मे हिन्दी का व्यवहार अछूता है , हम वंहा तक इसे पाहुचाने के लिए कृत संकल्पित है | अति विशिष्ट अतिथि डॉ गुप्ता ने कहा कि – आज बाजार मे हिन्दी विज्ञापन की मांग को देखते हुये हम इसके सुखद भविष्य की कल्पना कर सकते है | मुख्य अतिथि डा मिश्र ने कहा कि – विदेशो मे हिन्दी की पत्र पत्रिकाओ का जो विस्तार हुआ है वह हिन्दी के व्यापक संसार को अभिव्यक्त करता है |
अध्यक्षीय उदबोधन मे डॉ रामवातार मेघवाल ने कहा कि शिक्षा नीति मे भाषा संबंधी इस प्रकार के प्रावधान हो कि बालक हिन्दी भाषा से पूरे अध्ययन काल मे जुड़ा रहे | आमंत्रित व्याख्यान के अंतर्गत शिक्षाविद डॉ मधु सनाढ्य ने “हिन्दी का वैश्विक संदर्भ : चुनौतियाँ एवं संभावनाए” विषय पर प्रकाश डाला वही डॉ रश्मि श्रीवास्तव ने “भारत की धड़कन है हिन्दी” विषय पर पत्र वाचन किया |
समारोह में डॉ गोपाल कृष्ण भट्ट “आकुल” द्वारा संपादित 100 छंद एवं 100 गीतिकाओ पर आधारित पुस्तक “इंद्रधनुष बन जाऊँ मै” का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया| कृति पर प्रकाश डॉ भट्ट तथा उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डॉ दीपक कुमार श्रीवास्तव ने डाला |
“हिन्दी सेवी अलंकरण” सम्मान 2024 से सम्मानित होने वाले हिन्दी मनीषियों मे डॉ रामवातार मेघवाल ,डॉ विवेक कुमार मिश्र ,डॉ आदित्य कुमार गुप्ता , प्रोफेसर के.बी. भारतीय, डॉ. मधु सनाढय डॉ रश्मि श्रीवास्तव , सत्येंद्र वर्मा , डॉ गोपाल कृष्ण भट्ट “आकुल” ,डॉ शशि जैन एवं नरेंद्र शर्मा अधिवक्ता सम्मानित हुये |
हिन्दी बाल प्रतिभा सम्मान -2024 से मास्टर नव्या शर्मा, वेदांशी शर्मा, मानविक पुरोहित, हिमांशी जैन, प्रियांशी सेन, निहारिका वर्मा,देवयांश वर्मा, निलिशा विजय , अंशिका कुमारी, आर्या कुमारी , सिमरन दीक्षित, आर्या अग्रवाल, लव चावला, गीत दाहवा, रिया दाहवा, खुशाल दाहवा, खुश दाहवा , अवनी सिंह, रक्षा सिंह, हर्षवर्धन शर्मा, प्रियंका शर्मा, तन्मया खंगार एवं उन्नति मिश्रा समेत 25 प्रतिभाए सम्मानित हुई |
हिन्दी युवा युवा प्रतिभा सम्मान 2024 से अंकिता सोनी, प्रियंका नागर,चेतना, मधु मण्ड़ल, दुष्यन्त सिंह,कोमल मीणा,नीरज राठोर,विजय शर्मा,विनय प्रताप,धारा सिंह मीणा,अंकित राठोर,अशोक कुमार अहीर,अरूण कुमार,सिमरन,जितेन्द्र्र कुमार मीणा,लोकेन्द्र सिंह गुर्जर,रविन्द्र जाटव,विष्णु वर्मा,प्रवीण कुमार जाटव, संध्या, अनिता भाट, दौलत सोनी, उषा कुमार, दिलखुश मेघवाल, प्रिया मीणा,रविन्द्र मेघवाल,नीरज कुमार नागर, जसवंत कुमार मीणा,विजय शर्मा,नीतु, हेमा नामा, ललित किशण मीणा, रूबी मेहता, अकिंत बंसल, नंदलाल वर्मा, राहुल कुमार प्रजापत, बबली मीणा, नवल किशोर, विशाल प्रजापती, अक्षय नागर, अनुराधा शर्मा, प्रविण वेदी, युगल किशोर नागर, नवीन शर्मा एवं शंकर सिंह सम्मानित हुये |