कोटा अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की पूर्व संध्या पर मदर टेरेसा उच्च माध्यमिक विद्यालय में संस्कृति, साहित्य,मीडिया फोरम के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को विद्यालय सभागार में ” साहित्य और पर्यटन ” विषय पर विमर्श एवम् प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लिखित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में 10 वीं से 12वीं के कला, विज्ञान एवम् वाणिज्य संकायों के 75 छात्र – छात्राओं ने रुचि पूर्वक भाग के।लिया। इस प्रतियोगिता में कक्षा 12 वीं की छात्रा वंदना नगर प्रथम, कक्षा 10 वीं के छात्र राहुल कोली द्वितीय एवं कक्षा 10 वीं के छात्र जतिन वर्मा तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर आयोजित साहित्य एवं पर्यटन विषय पर विमर्श कार्यक्रम में शिशु भारती शिक्षा समूह के निदेशक योगेंद्र शर्मा ने सभी का स्वागत करते हर कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बच्चों का सामान्य ज्ञानबढ़ता है और उनमें हमारी साहित्य और संस्कृति के प्रति सोच और समझ पैदा होती है तथा वे इनसे जुड़ाव महसूस करते हुए अपनी विरासत के प्रति सजग रहते हैं, जिस से पर्यटन विकास की संभावनाएं भी विकसित होती हैं।
साहित्यकार जितेंद्र ‘ निर्मोही ‘ ने कहा कि देखा जाए तो साहित्य सांस्कृतिक पर्यटन का ही रूप है। अधिकांश प्राचीन पर्यटन स्थल हमारे साहित्य और उनमें वर्णित पत्रों, स्थानों के नाम पर हैं। एक यात्री जब अपना तेरा वृतांत लिखता है तो वह साहित्य का रूप ले लेता हैं। हमारी अनेक पत्र – पत्रिकाएं पर्यटन संबंधी जानकारी दे कर और लेखक पर्यटन पर पुस्तकें लिख कर पर्यटन का साहित्य के रूप में पठनीय हो जाते हैं। इस प्रकार की प्रतियोगिताएं बच्चों में साहित्य और पर्यटन के प्रति चेतना जागृत करती हैं।
कथाकार और समीक्षक विजय जोशी ने अपने उद्बोधन में पर्यटन ,संस्कृति एवम् साहित्य के अंतर्संबंधों को विश्लेषित करते हुए कहा कि ये तीनों त्रिआयामी रूप से जुड़े होने से विशेष स्थल की जानकारी और उसका ऐतिहासिक और पुरातत्विक महत्व बताता है।
उन्होंने कहा कि यह महत्व साहित्य के माध्यम से उजागर हो कर पर्यटन को बढ़ावा देने में संदर्भ के रूप में उपयोग में लाया जाता है। साहित्यिक कृतियों में उल्लेखित विशेष स्थल पर्यटन के प्रमुख केंद्रों के रूप में उभरे हैं।यह साहित्यिक एवम् पर्यटन लेखन से ही संभव होता है कि हमारी संस्कृति और संस्कारों को इन स्थलों के माध्यम से जाने और उन्हें संरक्षित करने की दृष्टि से समृद्ध हो सकें।
फोरम के संयोजक एवम् पर्यटन लेखक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल सभी का धन्यवाद देते हुए कहा कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत वर्ष का पर्यटन में अपना अलग और विशिष्ठ महत्व है। देश की 41 धरोहरों को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है, जिसमें से 8 धरोहर अकेले राजस्थान की हैं। राजस्थान एक इंद्रधनुषी प्रदेश है जिसकी संस्कृति, साहित्य, कला और पर्यटन स्थल दुनिया के सैलानियों को आपने जादुई सम्मोहन से खींच लाते हैं। उन्होंने बताया की प्रश्नोत्तरी में हाड़ोती, राजस्थान और देश के संदर्भ में साहित्य से पर्यटन का जुड़ाव पर कला, संस्कृति, इतिहास, पुरातत्व, एवम् पर्यटन स्थलों संबंधित प्रश्न पूछे गए थे। विद्यार्थियों द्वार रुचि पूर्वक इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उन्होंने विद्यार्थियों और संस्थान का आभार व्यक्त किया।