Tuesday, March 25, 2025
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हनुमान चालीसा का पाठ केवल भक्ति नहीं, यौगिक साधना भी

ज्योतिष शास्त्र में हनुमान चालीसा पढ़ने के बहुत से फायदे आपने सुने होंगे, लेकिन मेडिकली भी इसके फायदे होते हैं ये शायद कम ही सुना होगा। हाल में यूट्यूब पर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ स्वेता अड़ातिया ने इसपर वीडियो बनाई है। डॉ स्वेता ने अपनी वीडियो में हनुमान चालीसा के वैज्ञानिक दृष्टि से फायदे गिनाए और दावा किया कि हनुमान चालीसा पढ़ना दिल और दिमाग के लिए बहुत लाभकारी है।

उन्होंने बताया कि हनुमान चालीसा को ‘यौगिक ब्रीदिंग’ माना जाता है। इसका अर्थ है कि जब आप इसे पढ़ते हैं, तो आपकी सांसें एक विशेष पैटर्न में चलती हैं।

उदाहरण के लिए, कुछ चौपाइयों को बोलते समय सांस अंदर ली जाती है (जैसे- जय हनुमान ज्ञान गुण सागर), जबकि अन्य चौपाइयों को बोलते समय सांस बाहर छोड़ी जाती है (जैसे- जय कपिस तिहु लोक उजागर), कुछ में होल्ड रखी जाती है (जैसे- रामदूत अतुलित बलधामम), कुछ में सांस होल्ड रखने के बाद बाहर जाती है ( जैसे-अंजनि पुत्र पवन सुत नामा।)

डॉक्टर स्वेता के अनुसार यह प्रक्रिया हार्ट रेट वैरिएबिलिटी (HRV) को प्रभावित करती है, जो दिल की स्थिति को स्वस्थ रखने में मदद करती है। वहीं अगर हनुमान चालीसा का उच्चारण सही से किया जाए तो इसका सीधा असर ‘लिम्बिक सिस्टम’ पर पड़ता है जिसकी वजह से वाकई व्यक्ति की एंग्जायटी कम होती है और भीतर बसा डर दूर होता है।

डॉक्टर ने बताया कि हनुमान चालीसा पढ़ने से वेगस नर्व सिस्टम सक्रिय होता है, जो शरीर के कई कार्यों जैसे डाइजेशन (पाचन) और तनाव प्रबंधन में मदद करता है। जब यह नर्व सक्रिय होती है, तो शरीर की कई प्रक्रियाएँ अपने आप ठीक हो जाती हैं।

अपनी वीडियो में उन्होंने हनुमान चालीसा पढ़ने का सही तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि इसके फायदे इसे आराम से पाठ करके हासिल किए जा सकते हैं, तेज-तेज पढ़ना गलत है। उन्होंने कहा कि ये सारी बातें प्रयोग करके देखी जा चुकी हैं कि हनुमान चालीसा पढ़कर दिल और दिमाग दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है

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