इन्दौर।
यह हिन्दी के गौरव का दिन है। हिन्दी की धमक अब वैश्विक हो गई है, इसके प्रमाण का दिन है। 11 लाख हिन्दी प्रेमियों की संस्था ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ को world book of record ने 11 लाख लोगों से लिखित समर्थन प्राप्त करने के लिए
‘Certificate of World Record’ प्रदान किया है।
शीघ्र ही लंदन से वर्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि दिल्ली आकर मातृभाषा उन्नयन संस्थान को यह प्रमाणपत्र एक आयोजन करके भौतिक रूप से भी देंगे।
यह ख़बर अपने आप में इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि इससे पहले किसी भाषा के आंदोलन को जो लिखित समर्थन था, वह 3 लाख लोगों का था। इस संस्थान के माध्यम से हिन्दी के लिए अल्प समय में ही लगभग इससे चार गुणा लोग जुड़ गए।
हिन्दी का प्रचार-प्रसार कर इसे राष्ट्रभाषा बनाने एवं हिन्दी में हस्ताक्षर करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बना यह संस्थान कुछ ही वर्षों में विश्व कीर्तिमान् बना लेगा, यह आरम्भ में शायद ही किसी ने सोचा हो। बहरहाल, अब यह एक सच्चाई है। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन अविचल को मेल से प्राप्त इस प्रमाणपत्र पर संस्थान के न केवल 11 लाख सदस्य अपितु देश भर के सभी हिन्दी प्रेमी गौरवान्वित हैं। तो गर्व से कहिए कि आप हिन्दीप्रेमी हैं।
कमलेश कमल
राष्ट्रीय महासचिव
(मातृभाषा उन्नयन संस्थान)