1. क्या भगवान राम या भगवान कृष्ण कभी इंग्लैंड के ‘house of lord ‘के सदस्य रहे थे ? नहीं ना
फिर ये क्या Lord Rama, Lord Krishna लगा रखा है ? सीधे सीधे भगवान राम, भगवान कृष्ण कहिये ।
2. किसी की मृत्यु होने पर “RIP” मत कहिये।
RIP यानी rest in peace जो दफ़नाने वालों के लिए कहा जाता है।
आप कहिये – *”ओम शांति”, “सद्गति मिले”, अथवा “मोक्ष प्राप्ति हो”* !
आत्मा कभी एक स्थान पर आराम या विश्राम नहीं करती ! आत्मा का पुनर्जन्म होता है अथवा उसे मोक्ष मिलता है !
3. अपने रामायण एवं महाभारत जैसे ग्रंथों को mythological मत कहियेगा !
ये हमारा गौरवशाली इतिहास है
और *राम एवं कृष्ण हमारे ऐतिहासिक देवपुरुष हैं , कोई mythological कलाकार नहीं* !
4. हमारें मंदिरों को प्रार्थनागृह न कहें !
मंदिर देवालय होते हैं, भगवान के निवासगृह ! वह प्रार्थनागृह नहीं होते ! मंदिर में केवल प्रार्थना नहीं होती ! अन्य पूजा पद्धति में साप्ताहिक प्रार्थना होती है जबकि हिंदू धर्म में ये नित्य कर्म है।
5. अपने बच्चों के जन्मदिन पर दीप बुझा के *अपशकुन न करें! अग्निदेव को न बुझाए ! अपितु बच्चों को दीप की प्रार्थना सिखाएं *”तमसो मा ज्योतिर्गमय”* ( हे अग्नि देवता, मुझे अंधेरे से उजाले की ओर जाने का रास्ता बताएं” ! ये सारे प्रतीक बच्चों के मस्तिष्क में गहरा असर करते हैं !
6. कृपया “spirituality” और “materialistic” जैसे शब्दों का उपयोग करने से बचें !
*हिंदूओं के लिये सारा विश्व दिव्यत्व से भरा है* ! “spirituality” और “materialistic” जैसे शब्द अनेक वर्ष पहले युरोप से यहां आये जिन्होंने चर्च और सत्ता मे फरक किया था – या विज्ञान और धर्म में ! इसके विपरित भारतवर्ष में ऋषि मुनि हमारे पहले वैज्ञानिक थे और सनातन धर्म का मूल विज्ञान में ही है !
यंत्र, तंत्र, एवं मंत्र यह हमारे धर्म का ही हिस्सा है !
7. क्या आप भगवान से डरते हैं ?
नहीं ना – डरना भी नही चाहिए ? क्यों ? क्योंकि भगवान तो चराचर मे विद्यमान हैं,अजन्मा, निराकार, परोपकारी, न्यायकारी और सर्वशक्तिमान है ! इतना ही नहीं हम स्वयं भगवान का ही रूप हैं ! भगवान कोई हमसे पृथक नहीं जो हम उनसे डरें !तो फिर अपने आप को “God fearing” अर्थात भगवान से डरने वाला मत कहिये !
Always remember..*Hindus are God Loving , not God fearing*
8. बधाई* या शुभकामनाएं शब्द का प्रयोग कीजिये और बधाई स्वीकार करनी हो तो *धन्यवाद* शब्द प्रयोग कीजिये ,
मुबारक और शुक्रिया शब्द का प्रयोग न किया जाए क्योंकि इनके अर्थ अलग हैं।
9- हिन्दुओं में 7 फेरे लेकर विवाह किया जाता है -कोई कॉन्ट्रैक्ट का विवाह नही होता। इसलिए टीवी और फिल्में देखकर देखकर भेड़चाल में अपनी *धर्मपत्नी को बीवी मत कहिए।,
यदि आप उन्हें अपनी जीवन संगिनी मानते हैं तो *पत्नी शब्द प्रयोग कीजिये। यदि आप उनको *कॉन्ट्रैक्ट* (contract) के साथ ब्याह कर लाये हैं तो आप बीवी कह सकते हैं।
10, ध्यान रहे, विश्व मे केवल उनका सम्मान होता है जो स्वयं का सम्मान करते है !