Saturday, November 23, 2024
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पश्चिम रेलवे की 1224 ट्रेनों ने 18.40 लाख प्रवासी मजदूरों को पहुॅंचाया उनके गृहनगर

मुंबई। श्रमिक रेलगाड़ियों को चलाने के भारतीय रेलवे के फैसले से लाखों प्रवासी श्रमिक और उनके परिवार बड़े पैमाने पर लाभान्वित हुए हैं। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे ने भी 2 मई, 2020 से 13 जून, 2020 तक 1224 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया है, जो लगभग 18.40 लाख प्रवासी मजदूरों और परिजनों को उनके इच्छित गंतव्यों तक पहुॅंचा चुकी हैं।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 1224 श्रमिक विशेष ट्रेनों में से, बिहार के बाद उत्तर प्रदेश के लिए अधिकतम रेलगाड़ियाँ चलाई गईं। विशेष श्रमिक ट्रेनें उड़ीसा, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, असम और महाराष्ट्र के लिए भी परिचालित की गईं। श्री भाकर ने बताया कि इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों ने लॉकडाउन के कारण फॅंसे हुए मजदूरों के तेज़ी से आवागमन को सुगम बनाने में उल्लेखनीय मदद की है।

13 जून, 2020 को, एक श्रमिक विशेष ट्रेन महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुई, जो मुंबई उपनगरीय खंड के बोरीवली से गोरखपुर के लिए चलाई गई। 3 मई से 13 जून, 2020 तक, मुंबई उपनगरीय खंड के अंतर्गत विभिन्न स्टेशनों से कुल 187 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की रवानगी हुई है, जिनमें बांद्रा टर्मिनस से 68 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, बोरीवली से 73, वसई रोड से 31, दहानू रोड से 2 और पालघर स्टेशन से 13 ट्रेनें चलाई गईं। इन ट्रेनों को गोरखपुर, जौनपुर, गोंडा, वाराणसी, प्रतापगढ़, भागलपुर, प्रयागराज, दरभंगा, दानापुर, हावड़ा आदि के लिए रवाना किया गया। इन 1224 ट्रेनों में से मुंबई डिवीजन ने सबसे अधिक 712 ट्रेनें, अहमदाबाद डिवीजन ने 259, वडोदरा डिवीजन ने 100, भावनगर डिवीजन ने 30, राजकोट डिवीजन ने 117 और रतलाम डिवीजन ने 6 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया। इन विशेष ट्रेनों को सामाजिक दूरी के सभी मानदंडों को बनाए रखने के अलावा ट्रेन में चढ़ने से पहले यात्रियों की उचित थर्मल स्क्रीनिंग के साथ परिचालित किया जा रहा है। यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पैकेज्ड पेयजल भी दिया जा रहा है।

श्री भाकर ने बताया कि 22 मार्च से 13 जून, 2020 तक, मालगाड़ियों के कुल 6265 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 12.61 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 12,365 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया है, जिनमें 6215 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 6150 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ले जाया गया। दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 334 मिलेनियम पार्सल रेक भेजे गए। श्री भाकर ने कहा कि 14 जून, 2020 को चार पार्सल विशेष गाड़ियां, जिनमें दूध की रेक भी शामिल है, पश्चिम रेलवे से छोड़ी गई, जिनमें ओखा – गुवाहाटी, बांद्रा टर्मिनस – लुधियाना और करमबेली – नई गुवाहाटी पार्सल विशेष ट्रेन शामिल हैं।

दूध की एक रेक भी पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई। गौरतलब है कि 23 मार्च से 13 जून, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 333 पार्सल विशेष ट्रेनों के ज़रिये लगभग 56 हजार टन वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया गया, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल थे। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न आय, लगभग 17.88 करोड़ रु रही है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा बयालीस मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 31 हजार टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100 % उपयोग से लगभग 5.37 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह, 22 हजार टन से अधिक भार वाली 286 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 11.44 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 2378 टन के साथ 5 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 1.07 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।

श्री भाकर ने बताया कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल घाटा 1303 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 186.23 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1116.96 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद, अब तक टिकट रद्द करने के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 336.92 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 157.45 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 51.62 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है।

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