महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष फंड कोविड 19 अकाउंट में दानदाताओं ने की हुई मदद से 541.18 करोड़ रुपए जमा हुए जिसमें से सिर्फ 131 करोड़ खर्च करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सीएम रिलीफ फंड की ओर से दी गई हैं। कुल जमा हुए रकम में से सिर्फ 24.43 प्रतिशत रकम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खर्च की है और 75.57 प्रतिशत रकम ऐसी ही शेष हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने रिलीफ फंड कोविड 19 अकाउंट में जमा हुई कुल धनराशि और आबंटित धनराशि का ब्यौरा मांगा था। सीएम रिलीफ फंड के सहायक लेखाधिकारी मिलिंद क़ाबाडी ने अनिल गलगली को जमा और आबंटित धनराशि का ब्यौरा दिया। 3 अगस्त 2020 तक कुल रु 541.18 करोड़ की धनराशि जमा हुई हैं। इस धनराशि से कुल रु 132.25 करोड़ की रकम खर्च की गई हैं। इसमें से रु 20 करोड़ सेंट जार्ज अस्पताल, मुंबई को आबंटित किया गया और रु 3.82 करोड़ इतनी रकम मेडिकल शिक्षा और संशोधन विभाग को दी गई हैं। इसमें 36 जिला स्थित प्रवासी मजदूरों का किराया रु 84.64 बताया गया हैं। रत्नागिरी कोविड लैबोरेटरी खोलने के लिए रु 1.07 करोड़ और जालना कोविड लैबोरेटरी खोलने के लिए रु 1.07 करोड़ दिए गए हैं। औरंगाबाद जिला स्थित रेलवे दुर्घटना में प्रति मृतक व्यक्ति को रु 5 लाख के हिसाब से रु 80 लाख रुपए की आर्थिक मदद सीएम रिलीफ फंड कोविड 19 के अकाउंट से की गई हैं। कोविड मरीजों की प्लाज़्मा इलाज के लिए रु 16.85 करोड़ की धनराशि वैद्यकीय शिक्षा विभाग को दी गई हैं।
अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे को चिठ्ठी लिखकर मांग की हैं कि मनपा, सरकारी अस्पतालों में मेडिकल से जुड़ी सेवाओं की पूर्ति पर पैसे खर्च होते हैं तो निश्चित तौर पर दानदाताओं को भी सुकून मिलेगा कि उनका धन सही काम में इस्तेमाल हुआ हैं। आज सीएम रिलीफ फंड में अच्छा खासा पैसा होते हुए भी आर्थिक संकट से अस्पताल का प्रबंधन निजी लोग या स्वयंसेवी संस्था से मदद के लिए याचना करना, खेदजनक होने की बात गलगली ने कही।
विशेष रूप से, 28 मार्च, 2020 को महाराष्ट्र सरकार ने कोरोनोवायरस महामारी के प्रभाव से निपटने में सरकार की मदद करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष कोविड-19 की स्थापना की थी और लोगों से इसमें धन दान करने की अपील की थी। ये दान धारा 80 (जी)) के तहत आयकर से छूट प्राप्त करेंगे। बैंक खाता संख्या 39239591720 है, बैंक कोड 00300 है और IFSC कोड SBIN 0000300 है। कई NGO, कॉरपोरेट और धार्मिक संगठन संकट को दूर करने के लिए राज्य के प्रयासों में योगदान देने के लिए आगे आ रहे हैं।