Monday, May 20, 2024
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Yearly Archives: 2018

घर-आंगन में भी उगाएं सहजन

आज जब सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं और थाली में सब्ज़ियां कम होने लगी हैं। ऐसे में अगर घर में ही ऐसी सब्ज़ी का इंतज़ाम हो जाए, जो खाने में स्वादिष्ट हो और सेहत के लिए भी अच्छी हों, तो फिर क्या कहने। जी हां, हम बात कर रहे हैं सहजन की। गांव-देहात और छोटे-छोटे क़स्बों और शहरों में घरों के आंगन में सहजन के वृक्ष लगे मिल जाते हैं। बिहार की वैजयंती देवी कहती हैं कि सहजन में ख़ूब फलियां लगती हैं। वह इसकी सब्ज़ी बनाती हैं, जिसे सभी ख़ूब चाव से खाते हैं। इसके फूलों की सब्ज़ी की भी घर में बार-बार मांग होती है। वह सहजन का अचार भी बनाती हैं। अपनी मां से उन्होंने यह सब सीखा है। उनके घर में एक गाय है। अपनी गाय को वह सहजन के पत्ते खिलाती हैं। गाय पहले से ज़्यादा दूध देने लगी हैं। इतना ही नहीं, वह सब्ज़ी वालों को फलियां बेच देती हैं। वह बताती हैं कि एक सब्ज़ी वाला उनसे अकसर वृक्ष से सहजन की फलियां तोड़ कर ले जाता है। इससे चार पैसे उनके पास आ जाते हैं। उन्होंने अपने आंगन में चार और पौधे लगाए हैं, जो कुछ वक़्त बाद उनकी आमदनी का ज़रिया बन जाएंगे।

बच्चों और बुजुर्गों के साझे और संवाद को प्रेरित करता एक प्रसंग

राजनाथ शर्मा, वैसे तो काफी गंभीर आदमी थे। लेकिन जब से पचपन के हुए, उन पर अचानक जैसे बचपन का भूत सवार हो गया। जब देखो, तब बचपन की बातें और यादें। रास्ते चलते बच्चों को अक्सर छेड़ देते। रोता हो, तो हंसा देते। हंसता हो, तो चिढ़ा देते। 'हैलो दोस्त' कहकर किसी भी बच्चे के आगे अपना हाथ बढ़ा देते। उनकी जेबें टाॅफी, लाॅलीपाॅप, खट्टी-मिट्ठी गोलियों जैसी बच्चों को प्रिय चीजों से भरी रहतीं। कभी पतंग, तो कभी गुब्बारे खरीद लेते और बच्चों में बांट देते। तुतलाकर बोलते। कभी किसी के कान में अचानक से 'हू' से कर देते। बच्चों जैसी हरकते करने में उन्हे मज़ा आने लगा। अब वह जेब में एक सी

‘संघ और समाज’ के आत्मीय संबंध को समझने में मदद करते हैं मीडिया विमर्श के दो विशेषांक

लेखक एवं राजनीतिक विचारक प्रो. संजय द्विवेदी के संपादकत्व में प्रकाशित होने वाली जनसंचार एवं सामाजिक सरोकारों पर केंद्रित पत्रिका 'मीडिया विमर्श' का प्रत्येक अंक किसी एक महत्वपूर्ण विषय पर समग्र सामग्री लेकर आता है। ग्यारह वर्ष की अपनी यात्रा में मीडिया विमर्श के अनेक अंक उल्लेखनीय हैं- हिंदी मीडिया के हीरो, बचपन और मीडिया, उर्दू पत्रकारिता का भविष्य, नये समय का मीडिया, भारतीयता का संचारक : पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति अंक, राष्ट्रवाद और मीडिया इत्यादि। मीडिया विमर्श का पिछला (सितम्बर) और नया (दिसम्बर) अंक 'संघ और समाज विशेषांक-1 और 2' के शीर्षक से हमारे सामने है। यूँ तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (संघ) सदैव से जनमानस की जिज्ञासा का विषय बना हुआ है। क्योंकि, संघ के संबंध में संघ स्वयं कम बोलता है, उसके विरोधी एवं मित्र अधिक बहस करते हैं। इस कारण संघ के संबंध में अनेक प्रकार के भ्रम समाज में हैं। विरोधियों ने सदैव संघ को किसी 'खलनायक' की तरह प्रस्तुत किया है। जबकि समाज को संघ 'नायक' की तरह ही नजर आया है। यही कारण है कि पिछले 92 वर्ष में संघ 'छोटे से बीज से वटवृक्ष' बन गया। अनेक प्रकार षड्यंत्रों और दुष्प्रचारों की आंधी में भी संघ अपने मजबूत कदमों के साथ आगे बढ़ता रहा।

लेह-लद्दाख- ठिठुरन के बीच उत्साह जगाता लोसर

लद्दाख में मनाया जाने वाला नववर्ष बौद्ध समाज में जहां उत्साह और उमंग का संचार करता है वहीं संस्कृति और परंपरा के प्रति आस्था भी जगाता है।

दोनों हाथ खोए, मगर लाखों का कारोबार खड़ा किया

बेंगलुरु। सफलता की कुछ कहानियां ऐसी होती है जिन पर विश्वास करना कठिन होता है। मूदबिदरी-कर्कला की जानी-मानी फर्म जीके डेकोरेटर्स के पीछे जो शख्स है अगर उसकी कहानी आपने सुन ली तो आपको समझ आ जाएगा कि जिंदगी में कोई भी चीज असंभव नहीं है।

भाजपा सांसदों के जी का जंजाल बना नमो एप

नरेंद्र मोदी या नमो एप ने बीजेपी सांसदों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एप पर दिए टास्क को पूरा करने की आज (3 जनवरी) अंतिम तारीख है। एप के लोकसभा एमपी ग्रुप पर 21 दिसंबर को सभी सांसदों को टास्क दिया गया था। उन्हें संसदीय बोर्ड की अगली बैठक से पहले इसे पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। भाजपा संसदीय दल की बैठक बुधवार को है। ऐसे में सांसदों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह हुई बैठक में नमो एप पर दिए गए मैसेज का जवाब नहीं देने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। इसके बाद टेक्नोलॉजी से दूर रहने वाले पार्टी सांसद भी अपने फोन में नमो एप डाउनलोड करने लगे थे।

आचार्य विद्यासागरजी की प्रेरणा से बनाए कमरे, मरीजों को निःशुल्क मिलेंगे

भोपाल। राजधानी में होटलों में ठहरने के लिए अमूनन कमरे का न्यूनतम किराया 1500 रुपए प्रति दिन है। यदि एसी रूम की बात की जाए तो यह राशि दोगुनी तक हो जाती है। लोगों ने इस समस्या को देखते हुए जैन समाज ने आचार्यश्री विद्यासागर महाराज की प्रेरणा से जैन मंदिरों में मुसाफिरों के ठहरने के लिए कमरों का निर्माण कर दिया है। इनमें सिर्फ स्वेच्छा शुल्क देकर किसी भी समाज का व्यक्ति ठहर सकता है। यहां कैंसर जैसे असाध्य रोगी से स्वेच्छा शुल्क भी नहीं लिया जाता। वह इलाज होने तक निशुल्क कमरे में रह सकता है।

केजरीवाल ने कुमार विश्वास को दी थी धमकी, मैं तुम्हें खत्म कर दूंगा मगर शहीद नहीं होने दूँगा

दिल्ली से राज्यसभा के लिए आम आदमी पार्टी आज (3 दिसंबर) अपने तीन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने वरिष्ठ नेता संजय सिंह, चार्टर्ड अकाउंटेट एनडी गुप्ता और बिजनेसमैन सुशील गुप्ता को राज्यसभा का टिकट दिया है। इन तीनों का राज्यसभा के लिए चुना जाना लगभग तय है। दिल्ली में आज अरविंद केजरीवाल के घर पर आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी (PAC) की बैठक हुई। इस बैठक में कुमार विश्वास को नहीं बुलाया गया था। बैठक के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इन तीन नामों की घोषणा की। आप की इस घोषणा

पाकिस्तान में हिन्दू युवती के साथ बलात्कार

पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत की अदालत ने पुलिस को एक हिंदू बलात्कार पीड़िता को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। एक प्रभावशाली परिवार के एक व्यक्ति पर पिछले महीने महिला का बलात्कार करने का आरोप है। सिंध उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अहमद अली एम शेख ने उमेरकोट जिले के कुर्नी इलाके में हुए कथित बलात्कार का स्वत: संज्ञान लेने के बाद सोमवार को यह आदेश जारी किया। ‘डॉन’ ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने मीरपुरखास के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) और उमेरकोट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को पीड़िता एवं उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया।

एक वरदान है पुस्तक मेला

देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 6 जनवरी से 14 जनवरी तक विश्व पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है। मेले का उद्घाटन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर करेंगे। वर्ष 1972 में प्रथम विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया गया था। उस समय इसमें 200 प्रतिभागी सम्मिलित हुए थे। इसके बाद तो निरंतर पुस्तक मेले लगने लगे और इसमें सम्मिलित होने वाले प्रतिभागियों की संख्या भी बढ़ती गई। इस वर्ष देश भर से आने वाले प्रकाशकों की संख्या लभगभ 800 रहेगी। मेले में 30 विदेशी प्रकाशक भी भाग लेंगे। इस वर्ष यूरोपियन यूनियन को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है।
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